Wednesday, December 26, 2012

योगेन्द्र और पॉलीन तुमको सलाम .....

भानुमति ने कुनबा जोड़ा .....ईट कहीं की ......कहीं का रोड़ा,....जी हाँ यह दिल्ली पुलिस के लिए ही है ....पर मैं यह सोंच रहा हूँ की .....वाकई ये लोग, राजनीती में किस हद तक गिर चुके है ....कितनी चालाकी और धूर्तता से करते है ....
देखने की बात यह है ......इसी पुलिस का प्रयोग करके ....एक और आन्दोलन का दमन करवाया .... फिर मामले को पुलिस और पब्लिक के बीच ....का मामला बना ...चले गए ..सब के सब ....अज्ञातवास में ....चलो इनको छोड़ो ...
मुददे की बात यह है ....की अगर ....योगेन्द्र भाई 
....बेझिझक ....बिना किसी डर के खुद सामने, नहीं आते ...तो इन बेचारे 8 निर्दोष लोगों क क्या होता .....

बात सच ही है .....की असली परेशानी ....गंदे लोगों से नहीं होती .....बल्कि अच्छे और सच्चे लोग ....के निष्क्रिय होने से होती है .......
आज योगेन्द्र भाई
और बहन पॉलीन.....की वजह से ....इन 8 लोगों के घरवालों को ......शमिन्दा नहीं होना पड़ेगा .....उनके, अपने लोगों के बीच में .....
आज शहीद उधम सिंह जी के जन्म दिन पर .......उनके साथ - साथ ...योगेन्द्र और
पॉलीन तुमको भी सलाम .....
और एक बात ....हमारे जागने ...सच बोलने ....भ्रस्टाचार से लड़ने ..गलत को गलत और सही को सही कहने .....से ही होगा परिवर्तन ....और बस वही है, जो चाहिए इस देश को .....नागेन्द्र शुक्ल

एक बात और ....पेश है एक और चास्म दीद ....जिसने देखा ही ..कुछ AAP के लोग टोपी उल्टी लगा कर मार रहे थे ......अंत में ....इस तरह की हिम्मत से ही .....सच मरता है ....नागेन्द्र शुक्ल





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