Tuesday, April 23, 2013

बस दो साल ही तो सेवा करनी है ...किसी भी सड़क पर लगे पेड़ की ....बांकी तो पूरी जिंदगी वो आपको क्या क्या नहीं देगा .......सोंच कर देखो


दोस्त, हमारी सरकारे ...वन विभाग, वगैरह - वगैरह हर साल ....बारिश के मौसम में ....हजारो नए पेड़ लगा कर ....अपनी खाना पूर्ती कर देते है .....अब सोंचने की बात ये है की ....जब हर वर्ष हजारो पेड़ लगते है ....तो भी पेड़ कम क्यों होते जाते है ......

वो इसलिए की ....पेड़ बरसात में लगते है ...और वो किसी तरह अपने आप को ....होली तक जीवित रखते है ...और फिर उसके बाद आती है ...जबरदस्त गर्मी ...और बिना पानी के सब जल जाते है ....और हो जाता है ....वही ढाक के तीन पात ....हर साल

हमारे देश की समस्या ...सृजन करने की कमी नहीं ...हमारी मुख्य समस्या है रखरखाव .....हम वो नहीं करते ...और बस यहीं सब गड़बड़ हो जाता है .....है की नहीं ....

खैर जब परेशानी है ...तो समाधान भी होगा ...जरुर होगा ....इसका जो समाधान मुझे समझ आया था ...आज से तकरीबन ७ वर्ष पहले ...वो ये की ....हम तकरीबन रोज़ ....किसी ना किसी काम से ...अलग - अलग रस्ते से गुजरते है ...जैसे की ....दूध लेने जाना ....सब्जी लेने जाना ....अपने दफ्तर या दूकान जाना ....स्कूल जाना ....वगैरह वगैरह ...है की नहीं ....

तो बस मिल गया समाधान ...अपने रोज़ के,.... रस्ते पर ...आप चिन्हित कर सकते है दो ...तीन जितने भी ...सुविधा के अनुसार ... पेड़ (जो सड़क किनारे लगे हो )....और बस जब उस रस्ते पर निकालो तो एक डिब्बे में,... बोतल में ......पानी अपने साथ ले तो ...और बस 2 /3 मिनट का समय लगा कर ...उस पेड़ पर डाल दो .........और क्या करना है ...कुछ नहीं ...बन गया काम ....

दोस्त, कर के देखो ...जब एक बार शुरू करोगे ....तो रुकने का मन नहीं करेगा .....मजा आएगा ...और ख़ास बात ये की ..कभी कभी ..कुछ अधूरा लगेगा ...अगर आप पानी डालने नहीं गए .....और पेड़ तो बच ही जायेगा .......

मैं हमेशा से ऐसे ही रास्ते दूंढ़ता रहा ..जिसमे ..पैसे भी ना लगे और काम हो जाये .....समाज सेवा हो जाय ....और यहाँ पर मैं अपने दोस्तों को धन्यवाद दूंगा ..जिन्होंने शुरू किया है ...ऐसा ही कुछ प्रयास ...और आपसे विनती .....की ये बहुत असरदार और आसान है ....अच्छा भी लगेगा ....

देखो, अगर देश के लिए ...समाज के लिए कुछ करना है ....तो उसका तरीका और समय ...सिर्फ आप ही निकाल सकते है ...कोई नहीं आएगा ...ये बताने और जबरदस्ती करवाने .......

मैं अरविन्द जी से इसीलिए ..प्रभावित रहता हूँ ..क्योंकि वो करने में विस्वास रखते है ......ये गिनाने में नहीं ....की कोई काम क्यों नहीं हो सकता ....और पैसा ....

पैसा तो कुछ नहीं होता ....वो तो सिर्फ बहाना है ....अब तो अरविन्द जी ... जैसे काम को भी कर रहे है ...बिना पैसे के .....वाह अब मिला है ...सही गुरु ....28 अप्रैल को आप आ रहे है ना .....नागेन्द्र शुक्ल
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हमारी दिल्ली पुलिस के मुखिया थोडा confuse है .

हमारी दिल्ली पुलिस के मुखिया थोडा confuse है ...इनको ये पता चल गया की इनको इस्तीफा दे देना चाहिए पर ....इनका confusion ये है की ....ये इस्तीफा दे क्यों ?.....तो चलिए इनकी थोड़ी मदद कर देते है .....

जनाब निर्ल्लज कुमार जी, आप को इस्तीफा इस लिए दे देना चाहिए क्योंकि ....जब 16 दिसंबर को बहन दामिनी के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद ....
१. उसके साथी लडके ने ...घंटो तक आपकी पुलिस से गुहार लगाई की अस्पताल ले चलो ..पर उनके लिए पहले थाने सीमा को समझना जरुरी था .
२. शांति पूर्वक प्रदर्शनकारियों को पहले आपके महकमे के लोगो ने उकसाया ....और फिर बर्बर लाठी चार्ज किया
३. आपने एक अनफिट पुलिस वाले को गलत जगह duety पर लगाया ....उकस अंजाम ये हुआ की वो दौड़ते वक्त ...दुनिया को छोड़ कर चले गए . ये आपकी ही गलती थी
४. आपकी पुलिस ने 8 निर्दोष लोगों को अलग - अलग जगह से उठाया ...और सुभाष तोमर जी की हत्या में शामिल बताया
५. उसके बाद जब दो सच्चे व्यक्ति ने सुभास और पौलिन ने ...सच को उजागर किया तो सबके सामने मीडिया में ...उन्हें धमकाने के अंदाज़ में सवाल किये
६. इसके बाद आपने ....एक झूठा चास्मदीद गवाह खड़ा किया की इन 8 लोगो ने ही हत्या की .....आपको शर्म आनी चाहिए
७. ४ महीने बाद जब वैसा ही दुष्कर्म बेटी गुडिया के साथ हुआ ...तब आपके महकमे के ही ...जनाब ने २ हज़ार में मामला रफा दफा करने की कोशिश की ....
८. जब दबाव पड़ा तो ....आपके मातहत कर्मचारी ने ...एक प्रदर्शनकारी को थप्पड़ लगाया ...जिससे उसका काम फट गया ..
९. गुडिया गुमशुदगी के वक़्त ही उन्हें ढूँढने का प्रयास क्यों नही किया गया ?
१०. आपके खिलाफ भ्रष्टाचार और अपराधों के कई गंभीर मामले लंबित है
११. आपने एक जांच के समय दस्तावजों का फर्जी वाडा किआ है, और सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर के समय देश के एक निर्दोष नागरिक का शोषण किआ है, उसे टार्चर किआ है
१२. आपने अभिषेक वर्मा का बचाव किआ, जो की देश के कई हवाला कांडों में शामिल थे
१३. आपके तीन स्विस बैंक अकाउंट है जिनमे बेनामी और कला धन जमा है
जनाब निर्ल्लज कुमार जी ....शायद अब कुछ मदद हो जाये आपकी .....की आपको क्यों इस्तीफा देना चाहिए ....
बांकी अगर कोई confusion हो तो इसे भी पढ़ लीजिये http://www.facebook.com/photo.php?fbid=158367150996721&set=a.150434558456647.1073741825.150432751790161&type=1&theater
इसे भी देख लीजिये ..http://www.youtube.com/watch?feature=player_detailpage&v=bTYVMPdO-ak
और इसे भी http://www.facebook.com/photo.php?fbid=356783231088110&set=a.356783217754778.1073741861.290805814352519&type=1&theater

पर आपसे ये उम्मीद करना तो बेकार है की अब भी आपको शर्म आएगी ......पर मुझे लगता है ..इन सब कारणों से आपको इस्तीफा दे देना चाहिए था .....बांकी मर्जी आपकी .....जनता की कौन सुनता है ...जो आप सुनोगे .....पर हम बोलेंगे जरुर ...अभी अभी तो बोलना शुरू किया है .....अब चुप नहीं रहेंगे .....नागेन्द्र शुक्ल

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कहाँ थी ....खुद के पास इतनी अक्ल ....थोडा बहुत समझ और सार्थक काम करने का तरीका ...सब ...एक ही आदमी ने सिखाये है ..... वो है AK


कमला नाम है उस आदमी का ....जो पास की जुग्गी में रहता है ....आज उसे अपनी बीमार पत्नी को लेकर सफदरजंग अस्पताल दिखने जाना था ....ये भी मैंने ही बोला था ...की यहाँ पर अपने आस पास के इन झोला छाप .....डॉक्टर्स को दिखने की बजाय ....दिल्ली के सरकारी अस्पताल में दिखाओ ...पैसे भी बचेंगे ....और डॉक्टर भी इनसे बेहतर होगा .....हाँ समय थोडा ज्यादा लग सकता है ......और समय भगवान् की दया है ..है तुम्हारे पास .....

कई दिन तक लगातार समझाने के बाद ....आज उसने फैसला किया ....की हाँ जाता हूँ अस्पताल .....तो आज सुबह सुबह ....आया मेरे पास ...की साहब कुछ पैसे चाहिए ......
पूंछा कितने ....बोला १००० ......
मैंने कहा दे तो दूंगा ....पर ये बताओ ये चाहिए किस लिए ......वो बोला ...वो पत्नी को ....अस्पताल ले जाने के लिए ...ऑटो वगैरह में ...पैसे लगेंगे .....दिक्कत तो यही है ...की पता नहीं की वहाँ अस्पताल में क्या और कैसे करना है ......ऊपर से आने जाने में किराया बहुत लगेगा .......इसीलिए तो दिखा रहा था बगल के डॉक्टर को ....

मैंने कहा ....की आने जाने इतने पैसे थोड़े ही लगेंगे ...वो बोला ....की ऑटो वाला तो ४०० मांग रहा है .....मैंने पूंछा ...की ऑटो से जा ही क्यों रहे हो .....मेट्रो से क्यों नहीं जाते ?.....आने जाने में समय भी कम लगेगा ...और पैसे भी कम मुश्किल से १०० में आना जाना हो जायेगा .....

मैं हैरान था ...उसका जवाब ...या यों कहें अगला सवाल ...सुन कर ....और वो था ....की ..क्या मेट्रो में मुझे घुसने देंगे ?........क्या हम भी मेट्रो में जा सकते है ?.....कैसे ?.....मैंने कहा ....तुमको ऐसा क्यों लगता है ...की तुम नहीं जा सकते ...मेट्रो से ?....

उसने बोला ....उसमे तो बड़े लोग जाते है ...सुना है ..खुद चलने वाली सीढ़ी है ...और पूरी AC ....साहब महँगी होगी ....

दुःख हुआ ये जान कर ......की उसको ...जिसको सबसे ज्यादा ...जरुरत है ....सस्ते साधन की ....उसे डर लगता है .....मेट्रो के नाम से ....अब जो सवाल मुझे परेशान कर रहा है ...वो ये की ...उसे क्यों लगता है की .....

मेट्रो उसके लिए नहीं है ?.....उसे क्यों नहीं पता की वो भी मेट्रो में जा सकता है ?......ये किसकी गलती है ?.....
वो आदमी जिसे सबसे ज्यादा जरुरत है ....सरकारी अस्पताल की ....क्यों दूर है ...सरकारी अस्पताल भी उसकी पहुँच से .....और लुट रहा है रोज़ ....झोला छाप डॉक्टर से रोज़ .....क्यों ?.....

खैर ...आज तो मैं इसे जबरदस्ती ....मेट्रो पर बिठा कर आया .....पार्किंग में ...उसकी रेडी ..भी लगवाई ......हलाकि की पार्किंग वाले ने नाक ...भौ सिकोड़ी ....की रेडी नहीं लगती मेट्रो की पार्किंग में ......मैंने कहा जिसके पास कार है ...उसकी कार लगती है ...पार्किंग में ...तो जिसके पास रेडी है ...उसकी रेडी ...क्यों नहीं ?.....और अगर नहीं तो वो कहाँ ?.....

अब पार्किंग वाले की नयी परेशानी ...की रेडी की पार्किंग ...का किराया कार वाला हो या मोटर सायकिल वाला .....खैर आज तो बहस के बाद ....मोटर सायकिल का किराया देने को बोला है .....

पर दुःख है .....ऐसे हालात ...और गरीब आदमी की ऐसी हालत देख कर ......दोनों तरफ से परेशान ...ना पैसा है ...और ना ही पता है ...की क्या और कैसे करना है .......

और आपने बस ...अपने कान में ...मोबाइल फोने पर गाने लगाये ......रिक्शे पर बैठे ....उससे पूंछा ....कितने पैसे ....दिए और चल दिए ......पर वो रिक्शे वाला ...वहीँ का वहीँ रहा ...उसे कुछ पता नहीं चला ...की क्या है ...दुनिया ....कैसे चल रही है दुनिया ....बस

खींच रहा है रेडी .....रिक्शा ...और उसे लगता है ....ऐसे ही चल सकती है ...उसकी दुनिया .....
दोस्त, कितना मुश्किल है ....जरुरत मंद ...को ये बताना ...की क्या और कैसे किया जाये .....
इस बीच अच्छी खबर ...ये की कमला ...मेट्रो से ....अस्पताल पहुँचाने में ...कामयाब हो गया ......
और आगे की ...जंग ...अब अस्पताल में क्या .....और कैसे ......
पर मुझे विश्वास है .....की अब वो कर लेगा ......पर हो सकता है ...की कहीं किसी मोड़ पर .....आपको कमला की मदद करनी पड़े ....नहीं पैसे नहीं देने है ....सिर्फ सही तरीका बताना होगा .....और जीत सकता है ...कमला ......नागेन्द्र शुक्ल

दोस्त, कहाँ थी ....खुद के पास इतनी अक्ल ....थोडा बहुत समझ और सार्थक काम करने का मतलब और तरीका ...सब ...एक ही आदमी ने सिखाये है ......और वो है AK ......और हिम्मत तब बढ़ी जब जमीन पर देखा ....आप के कार्यकर्ताओं को .....काम करते हुए ....दोस्त ....सच बात है ....अगर सिर्फ अरविन्द जी .....ने आँखे खोल दी हैं ...अब दिखना चालू हुआ है ...मुझसे ...और मेरे से बाहर भी एक दुनिया है ....और समझ आता है ...जब तक वो दुनिया ठीक नहीं होगी ....आप खुश नहीं हो सकते ...हाँ अपने को बिजी रख सकते हो ...पर खुश नहीं ...All Credit goes to AK and AAP,....Ground workers......thanks to everyone.
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अरे भाई एक IAS हो IFS हो .....अरे कमाई करो ....आराम से रहो .....पर नहीं ....बर्बाद कर रख्खी है देश की व्यवस्था इसने

वैसे कोई ताज्जुब की बात नहीं है ......जैसा की सभी को पता था ...की हमारे राष्ट्रीय दामाद रोबर्ट बर्द्रा जी ....एक महान कारोबारी है को कल ,.....सरकारी मोहर के साथ ...हमारे कुछ काबिल अफसरों ने क्लीन चिट दे दी ........इनके कारोबार करने का तरीका इतना अच्छा है की सिर्फ ५० लाख रुपये से ...३ सौ करोड़ की संम्पति खरीद और बेच सकते है ....ऐसे होनहार व्यापारी की देश को जरुरत है ....

और वहीँ दूसरी तरफ, एक अजीब आदमी है .....झूठा ...धोखे बाज़ ....अपने पद और पॉवर का गलत इस्तेमाल करने वाला .....IAS अधिकारी अशोक खेमका ....ये इतना नाकारा है की ...हमारी ....कामयाब सरकारे ...जिन्होंने बना दिया ..नंबर one हरियाणा ...
को समझ ही नहीं आता की ....इसको क्या काम दे ....२१ साल की नौकरी में .....४४ ट्रान्सफर करने पड़े .....कहीं टिक नहीं पाया ......सरकारे बदलीं ...पर इसको समझ नहीं आया .....की काम कैसे करना चाहिए ....नाकारा ...पता नहीं कैसे IAS बन गया ....

कुछ लोग हैं हमारे देश में ....जो विकास के बाधक है .....नहीं तो हम ...क्या नहीं कर चुके होते ....हमारे दामाद सिर्फ एक नहीं सारे ....काफी काबिल है .......देश को नंबर १ ....बनाना ...बना देते ....देश के इस विकास की राह के रोड़े .....

कुछ को तो दूर कर दिया जा चूका .....कुछ स्वर्ग सिधार गए .....और कुछ है ....जो अभी भी बाधक बने है ....विकास के ....जैसे ...अशोक खेमका ....नवनीत राणा ....वगैरह - वगैरह ...और इन सब का बाप ....जिसने बर्बाद कर रख्खा है देश को ....वो है केजरीवाल ....... है ...घुस मत दो ...घुस मत लो .....भ्रष्टाचार भगाओ ....जन्लोक्पाल लाओ ...राईट तो रिजेक्ट ....रिकॉल ....स्वराज ....आर्थिक आधार पर आरक्षण ....सामान सस्ती शिक्षा ...पता नहीं क्या - क्या ......

अरे ये सब हो गया तो ...देश चलेगा कैसे .....राजनीती चलेगी कैसे ....कुछ समझता ही नहीं .....हद है ...ऐसे लोगो से .....ना खुद चैन से कमाते है ......और ना ही दूसरे को कमाने देते है ....अरे भाई एक IAS हो IFS हो .....अरे कमाई करो ....आराम से रहो .....पर नहीं ....बर्बाद कर रख्खी है देश की व्यवस्था इसने ......बेवकूफ कहता है ....लाल बत्ती नहीं चाहिए ....z सुरक्षा नहीं चाहिए .....अजीब है ये ...पागल है ये ........ह्म्म्म्म्म्म…. अब और नहीं .......आख्ख्ख्ख ......थु थु .....नागेन्द्र शुक्ल
dainik Jaagran, http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/23-apr-2013-edition-Gurgaon-page_5-8900-100353840-244.html

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Sunday, April 21, 2013

हमारा नव वर्ष उस दिन होता है ....जिस दिन ...पीपल के पेड़ पर एक भी पुराना पत्ता ना दिखे ...

दोस्त, नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाये, नहीं जी, आज नहीं. हमारा नव वर्ष शुरू होता है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (प्रथमा) को, जो की इस बार 11 अप्रैल को था ॥
वैसे तो हमारे देश में बहुत सारी संस्कृति और सभ्यताये है और तकरीबन हर किसी का अपना एक अलग कैलेंडर और नववर्ष है, पर इन सारे नव वर्षो पर .....HAPPY NEW YEAR हावी है ....खैर इस ग्लोबल ज़माने में ...सहूलियत को ध्यान रखते हुए कोई हर्ज़ नहीं उसको मानने में ...और हम मानते भी है ... पर उसको मानने के साथ - साथ ये भी जरुरी है की हम अपने को जाने जरुर ॥

एक ख़ास बात है हमारे कैलेंडर की ....की इसकी तिथि से आप हमारे देश अलग - अलग हिस्सों में मौसम का ठीक -ठाक अंदाजा लेते है ।

मुझे अपने इस नव वर्ष में एक बात हमेशा ध्यान रहती है .....की हमारा नव वर्ष उस दिन होता है ....जिस दिन ...पीपल के पेड़ पर एक भी पुराना पत्ता ना दिखे ...और सुन्दर सुन्दर ...छोटी - छोटी नयी कोपे दिखाई दे ....
इस नियम को पिछले कई सालों से ...अजमाता चला आ रहा हूँ ...और हमेशा तकरीबन सच ही पाया है ....आज फिर आजमाया और सच पाया ....आप भी अपने आस पास पीपल के पेड़ ....पर देख सकते है .....

मजेदार है ये बात ....हमारी संस्कृति और सभ्यता ...कितने गहराई से जुडी है ..प्रकृति से ....जब नया वर्ष शुरू होता है हवा की दिशा, रुख ....पेड़ की पत्ती ..सूरज की रोशनी सब बता देती है ....की हाँ कुछ तो बदल है,... और कुछ बदलना है ....

पता नहीं आप जानते थे या नहीं ...पर मुझे पेड़ पर नयी पत्ती ...मुझे बहुत भाति है ....

खैर इस नव वर्ष के मौके पर एक ...काम की बात भी करना चाहता हूँ ..और वो ये की .....देखो दोस्त
हमारी सरकारे ...वन विभाग, वगैरह - वगैरह हर साल ....बारिश के मौसम में ....हजारो नए पेड़ लगा कर ....अपनी खाना पूर्ती कर देते है .....अब सोंचने की बात ये है की ....जब हर वर्ष हजारो पेड़ लगते है ....तो भी पेड़ कम क्यों होते जाते है ......

वो इसलिए की ....पेड़ बरसात में लगते है ...और वो किसी तरह अपने आप को ....होली तक जीवित रखते है ...और फिर उसके बाद आती है ...जबरदस्त गर्मी ...और बिना पानी के सब जल जाते है ....और हो जाता है ....वही ढाक के तीन पात ....हर साल

हमारे देश की समस्या ...सृजन करने की कमी नहीं ...हमारी मुख्य समस्या है रखरखाव .....हम वो नहीं करते ...और बस यहीं सब गड़बड़ हो जाता है .....है की नहीं ....

खैर जब परेशानी है ...तो समाधान भी होगा ...जरुर होगा ....इसका जो समाधान मुझे समझ आया था ...आज से तकरीबन ७ वर्ष पहले ...वो ये की ....हम तकरीबन रोज़ ....किसी ना किसी काम से ...अलग - अलग रस्ते से गुजरते है ...जैसे की ....दूध लेने जाना ....सब्जी लेने जाना ....अपने दफ्तर या दूकान जाना ....स्कूल जाना ....वगैरह वगैरह ...है की नहीं ....

तो बस मिल गया समाधान ...अपने रोज़ के,.... रस्ते पर ...आप चिन्हित कर सकते है दो ...तीन जितने भी ...सुविधा के अनुसार ... पेड़ (जो सड़क किनारे लगे हो )....और बस जब उस रस्ते पर निकालो तो एक डिब्बे में बोतल में ......पानी अपने साथ ले तो ...और बस 2 /3 मिनट का समय लगा कर ...उस पेड़ पर दाल दो .........और क्या करना है ...कुछ नहीं ...बन गया काम ....

दोस्त, कर के देखो ...जब एक बार शुरू करोगे ....तो रुकने का मन नहीं करेगा .....मजा आएगा ...और ख़ास बात ये की ..कभी कभी ..कुछ अधूरा लगेगा ...अगर आप पानी डालने नहीं गए .....और पेड़ तो बच ही जायेगा .......

मैं हमेशा से ऐसे ही रास्ते दूंढ़ता रहा ..जिसमे ..पैसे भी ना लगे और काम हो जाये .....समाज सेवा हो जाय ....और यहाँ पर मैं अपने दोस्तों को धन्यवाद दूंगा ..जिन्होंने शुरू किया है ...ऐसा ही कुछ प्रयास ...और आपसे विनती .....की ये बहुत असरदार और आसान है ....अच्छा भी लगेगा ....

देखो, अगर देश के लिए ...समाज के लिए कुछ करना है ....तो उसका तरीका और समय ...सिर्फ आप ही निकाल सकते है ...कोई नहीं आएगा ...ये बताने और जबरदस्ती करवाने .......मैं अरविन्द जी से इसीलिए ..प्रभावित रहता हूँ ..क्योंकि वो करने में विस्वास रखते है ......ये गिनाने में नहीं ....की कोई काम क्यों नहीं हो सकता ....और पैसा ....पैसा तो कुछ नहीं होता ....वो तो सिर्फ बहाना है ....अब तो अरविन्द जी ... जैसे काम को भी कर रहे है ...बिना पैसे के .....वाह अब मिला है ...सही गुरु ....28 अप्रैल को आप आ रहे है ना .....नागेन्द्र शुक्ल


भाई क्या इनकी नज़र में ये कारण है की नहीं?....और आपकी नज़र में ?

रिपोर्ट पर्दाफाश-Total Expose, Share & Comment!!
नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले पांच सालों में 260 ऐसे उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है जिनके ऊपर बलात्कार और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के अपराधिक मामले दर्ज थे. हर पार्टी ने ऐसे लोगों को चुनावों में टिकेट दिया है.

इस “शर्मनाक सूची” में सबसे आगे है कांग्रेस जिसने 26 उमीदवारों को टिकिट दिया, जबकि भाजपा ने 24, बसपा ने 18 और सपा ने 16 ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने के लिए टिकिट दिया.

महाराष्ट्र में 41, उत्तर प्रदेश में 37 और पश्चिम बंगाल में 22 ऐसे लोगों को टिकिट दिया गया जिनके खिलाफ बलात्कार और महिलायों के विरुद्ध हिंसा के ममले चल रहे थे.

इन संस्थानों के अनुसार “ऐसे लोग जिनके खिलाफ बलात्कार जैसे संगीन मामले चल रहे है, उनको राजनैतिक पार्टिया टिकेट देकर ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देने मैं अपना योगदान दे रही है, लेकिन ये पार्टिया सदन में ऐसी घटनाओं की हमेशा निंदा करती दिखती है”

अपने बयान में इन संस्थाओं ने कहा: “ऐसे लोगों को चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए साथ ही साथ राजनितिक पार्टियों पर दबाब भी बनाया जाना चाहिए की किन मापदंडों के आधार पर ऐसे लोगों को टिकिट दिए गए”

2009 के लोकसभा चुनावों में राजनैतिक पार्टियों ने 6 ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए टिकिट दिया था जिन्होंने खुद ये माना था की उनके खिलाफ बलात्कार के मामले चल रहे है.

A report compiled by the National Election Watch (NEW) and the Association for Democratic Reforms (ADR) has revealed that about 260 candidates facing charges such as rape, assault and outraging the modesty of a woman contested assembly elections on tickets of various parties in the last five years.

The Congress was leading the 'shame-list' with 26 such candidates followed by the BJP (24), the BSP (18) and the Samajwadi Party (16), the report said.

In Maharashtra, 41 such candidates were given tickets, while 37 got tickets in Uttar Pradesh and 22 in West Bengal.

"By giving tickets to candidates who have been charged with crimes against women especially rape, political parties have been in a way abetting to circumstances that lead to such events … but (they) vehemently condemn in Parliament," the organisations said
In a statement, they said: "Such people should be debarred from contesting elections and the political parties should be forced to disclose the criteria on which candidates are given tickets."

"In 2009 Lok Sabha elections, political parties gave tickets to six candidates who declared that they had been charged with rape," it stated.
__________________
ब्यूरो रिपोर्ट पर्दाफाश-Total Expose

http://www.facebook.com/photo.php?fbid=564473116909157&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

[स्रोत: http://www.dailymail.co.uk/indiahome/indianews/article-2251310/A-rape-charge-bar-politicians-260-MLAs-MPs-contested-polls-facing-sexual-assault-charges.html#ixzz2Qzi57KVP]

गुडिया को भी नेता जी का इंतजार करना पड़ा ॥

दोस्त, आज IBN 7 पर बहस के दौरान मनीष सिसोदिया ने खुलासा किया की .....दो दिन पहले जब गुडिया किसी दूसरे अस्पताल में थी तब संदीप दिक्षित की विजिट के बाद ये शाम ४ बजे पक्का हो चूका था की गुडिया को एम्म्स में भेजा जाये, पर अस्पताल प्रशासन ने दस पेज की रिपोर्ट की फोटो कॉपी करने में ढाई घंटे गुजार दिए ......और फिर अस्पताल के कर्मचारी से पता चला की .....

वास्तव में श्री मान विजय गोयल जी - बीजेपी दिल्ली .......जी विजिट पर पहुँचने वाले थे .....और वास्तव में उनका इंतज़ार किया जा रहा था।
अब आप ही देखिये ...कुछ ऐसी है ठसक हमारे राजनेताओं की ....की गुडिया को भी नेता जी का इंतजार करना पड़ा ॥

और आप है ....ऐसे नेताओं से उम्मीद लगाये बैठे है .....अरे दोस्त ....ये सुधरेंगे नहीं .....इनको सुधारना पड़ेगा ...सुधरने पर मजबूर करना पड़ेगा ......और ये काम ....आप का ही है .....और आप ही कर सकते हो ......नागेन्द्र शुक्ल


Thursday, April 18, 2013

देखो, दोस्तों ...ऐसी transparency कोई और सोंच भी नहीं सकता .....



देखो, दोस्तों ...ऐसी transparency कोई और सोंच भी नहीं सकता .....
पर ये लिस्ट देख कर दुःख हुआ ...क्योंकि करोड़ ...मुझे काफी कम लगा ....
एक पार्टी को ......बहुत कम है ....है की नहीं ....
दोस्तों, monthly payment का कोई नियम बनाना पड़ेगा ......कोई भी amount रुपये ही सही .....पर monthly जरुरी होगा ....
वैसे donors की संख्या काफी कम है और यही चिंता का बड़ा कारण है ...सिर्फ 9500 ,......इसका मतलब किसी एक के ऊपर भार पड़ा 1052 ....जो की ज्यादा है ....तो उनको हर महीने देना मुश्किल हो सकता है ...इसलिए amount चाहे जो रख्खो ...पर regular invest करो ....ये सिर्फ विनती है .....
http://www.aamaadmiparty.org/donate/Donate.aspx
 

Tuesday, April 16, 2013

हमें जब,... जो,... जैसे,... करना होगा ...अब हम decide करेंगे .....

अजीब - अजीब है लोग ....जब गुजरात में चुनाव थे ...तो कह रहे थे ....की गुजरात में लड़ कर दिखाओ ....
अब कर्नाटक में चुनाव होने वाले है ..तो ज्ञानी कहते है की ....कर्णाटक में चुनाव लड़ कर दिखाओ .....

मेरा जवाब है ...अरे भाई ...स्वराज के लिए ...आतुर मत हो ....आप आयेंगे,....क्या गुजरात ..क्या कर्णाटक ..क्या हरियाणा ...क्या UP .....अरे हम पूरे देश में लड़ेंगे ....और जीतेंगे .....

अरे अजीब बात है ....हम तो राजनीती करना ही नहीं चाहते थे ...हम तो खुश थे ...अपनी परेशानियों ..और दाल रोटी में ...घर , दफ्तर ..बच्चो के स्कूल ..और अस्पताल के चक्कर लगाने में,.... काफी मजे से गुजर रही थी जिन्दगी .....

फिर एक बुड्ढा आया ...अन्ना ..बोलने लगा ...भ्रस्टाचार से लड़ो ....ignore किया ...
उसने अनसन किया ...अनसन को भी ignore किया .....
फिर सरकार ने वादा किया ...की हाँ ...बनेगा जनलोकपाल ....

हम खुश ...बड़े खुश .....कुछ नहीं किया ...घर पर बैठे ...बैठे ....TV पर टाइम पास करते - करते .....IPL का मजा लेते - लेते ....
बन गया काम ...मिल गया जनलोकपाल, सिटीजन चार्टर , राईट तो रिजेक्ट , राईट तो रिकॉल ...वाह क्या बात है ...मेरी तो चाँदी हो गयी .....कुछ करना भी नहीं पड़ा ..और भ्रष्टाचार से मुक्ति भी मिल गयी ...

पर बाद में ..पिता जी, ने बताया ...अरे ये नेता है ....नेता ...ऐसे ...बैठे - बैठे कुछ नहीं मिलता ...और मिलेगा भी नहीं .....

और ये क्या ...बस कुछ दिन/ महीने ही गुजरे ...और हो गयी हमारी सारी ...ख़ुशी काफूर ....पता चला की अगर जनलोकपाल चाहिए ....अगर भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए .....तो उसके लिए UN में जाना पड़ेगा .....या फिर चुनाव लड़ना पड़ेगा ....

अब मरता क्या ना करता ....अन्ना जी ने ...सपना ही ऐसा दिखाया ...की अब नींद आती ही नहीं ....की कुछ और देखे .....तो बस जैसा इन्होने बोला था .....की राजनीती करो ...चुनाव लड़ो ..और ले लो ....जो चाहिए .....

फिर हमने और आपने ...सोंचा ...अब बस बहुत हो गया ....वाकई पापा की बात सही थी ....फ्री में कुछ नहीं मिलेगा ....कुछ करना पड़ेगा ...लड़ना पड़ेगा .......और बस ...चालू हो गए .....

और अब जब,..... हम और आप,....कूद गए ...राजनीती में ....और अब जब हम कूद ही गए है ..
तो पता चला की ...ये (बांकी राजनीतिक पार्टी ),........ खेल जिस तरह,..... से खेल रहे है ....और खेल में ...फिक्सिंग कर रहे है ...ऐसे तो खेलने का मजा ही नहीं आएगा .....इन्होने तो इसे ....IPL बना दिया ....की मैच से ज्यादा ...मैच के बाद की पार्टी ...important है ..cheer leader एंड method important है ....

भाई हम नहीं खेलते ...ऐसे फिक्स मैच ....अब चाहे हम जीते या हारे .....पर फिक्सिंग पसंद नहीं .....तो अब हम पहले ....खेल की नियत सही करेंगे ....भले ही ....हमें टेस्ट मैच ...खेलना पड़े ...पर गलत नियम से ....मिलीभगत से ....खेलना ...तो दर्शकों से धोखा है .....और हम ....आप ..धोखेबाज़ तो नहीं .....है की नहीं ...

अब अंत ..में ..एक बात बता दें ........हमारे शुभ चिन्तको को .....की ,.....go to hell,......हमारी चिंता छोड़ो ...अपना काम करो ..हमें करने दो ....
हमें जब,... जो,... जैसे,... करना होगा ...अब हम decide करेंगे .....
अब हम लड़ रहे है ...तुमसे या तुम्हारे आकाओं से ..कुछ मांग नहीं रहे ....इसलिए सलाह देना बंद करो ....और
जिसको अपने पर भरोषा हो ...या जिसने कभी भी ये सोंचा हो की ....अगर मौका मिलता ...
तो मैं ये कर देता ...वो कर देता ...उनसे विनती ...निकालो ...अपने ...मकानों से ...और जंग करो बेइमानो से ......नागेन्द्र शुक्ल
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=562601420429660&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater



मीडिया में एक भूचाल आया ...की अमेरिका में ...बम ब्लास्ट हो गए

सुबह से TV पर समाचार सुनते - सुनते एक चुटकुला याद आया .....
एक बार दो ...भारतीय पति ..जो दोस्त भी थे ...आपस में बात कर रहे थे ...एक ने पूंछा ...यार तुम कैसे manage करते हो .... तुममे और तुम्हारी पत्नी में झगड़े कम होते है .....
जवाब में दूसरे ने कहा ...ये बात सही है ...की झगड़े कम होते है ..क्योंकि ..हमने ...responsibility बाँट रख्खी हैं ....
पहला ..कैसे ?...
दूसरा ....यार बड़े - बड़े मुद्दों पर मैं फैसला लेता हूँ ...और छोटे - छोटे मुद्दों पर वो ....
पहला ...वो कैसे ...
दूसरा ...मैं बताता हूँ ..की अमेरिका में या हमारे देश में किस की सरकार बनानी चाहिए ....राजनीती पार्टी को ....जनता को क्या करना चाहिए ...nuclear डील हो या ना हो ...वगैरह - वगैरह ....
और मेरी पत्नी का काम है ...ये सोंचना ..की कब कहाँ जाना है ...क्या खाना है ...किसी काम को कैसे करना है ,...वगैरह - वगैरह ....

तो बस ..मैं उसके मामले में टांग नहीं आड़ाता ...और वो मेरे मामले में .....

अब सुबह से देख रहा हूँ ......मीडिया में एक भूचाल आया ...की अमेरिका में ...बम ब्लास्ट हो गए ...ओबामा ने ये कहा .....शेयर मार्किट ....पर असर पड़ा ,....अच्छा लगा देश की मीडिया के ...global presence को देख कर ......है ..इनके कैमरे ..और कोरेस्पोंडेंट ...अमेरिका के कोने - कोने में ......क्या बात है ....

पर इनकी पकड़ ...दिल्ली में ..देश में कुछ कमजोर है ...इनको पता ही नहीं चला की ....बवाना में ..क्या हुआ ...और उसके बाद क्या किया जा रहा है ......खैर ...शायद ये छोटे - छोटे काम ....मीडिया के नहीं ...सोशल मीडिया के ही है ....आप के है .....छोड़ रख्खे है ...इसलिए ....आप पर .......नागेन्द्र शुक्ल

BJP, Friends, you may need to correct many.

देखो, अब राजनीती ...वैसे होगी ...जैसे होनी चाहिए .....अब राजनीती होगी जनता के लिए ....नेता के लिए नहीं .....समय बदल रहा है ...बहुत कुछ बदलना है ....और बदलेगा ...
 
Social Media experts claim that Modi is losing his popularity in Social Media, his popularity rate has been reduced to 36% in 2013 in compare to 48% in 2012.

Some reasons for his downfall:
~Language of his supporters are totally unacceptable, they openly abuse all the people, including Jouranalists, in Social Media who writes his view against his leader.

~Most of the un-official pages of Modi supporters are busy in defaming and posting explict, irrational posts about other parties such as AAP.

~Arvind Kejriwal (Aam Aadmi Party, convener) and his team were the most favourite target for Modi supporters,which resulted into a back-fired plan.

~By creating special fake pages to defame Arvind Kejriwal,such as "Know Arvind Kejriwal", "Khujliwal is A Muslim Dog", they have exposed their hidden fear and impatience nature.

~It seems as they have lost their target, and have became unfocused in Social Media due to their over-confidence.

~By defaming Anna Hazare and his activities, they have lost the hope and faith of common people, who considered BJP as only alternative of Congress.

~ AAP-BJP social war. Due to the counter-attacks by Arvind's supporting unofficial pages who dragged Modi's weak points such as Lokayukt, Highest VAT, Vitthal Radadiya joining, CAG reports.

Via [SOCIAL READER]

FB Post, Discussion between Gopal & Nagendra @ http://www.facebook.com/WeWantArvindKejriwalAsIndianPm/posts/562382863784849?comment_id=6251721&reply_comment_id=6252775&offset=0&total_comments=113&notif_t=feed_comment_reply

आपकी पार्टी ....आम आदमी पार्टी को ...केजरीवाल की पार्टी ...बोलती है ...

मीडिया भी ..अजीब - अजीब नए शब्दों ...को इजाद करती है .....और वो भी गलत ....मीडिया के द्वारा .....USE किये जाने वाले ...terms अजीब ही है .....
पहले कहते थे टीम "अन्ना"....मुझे ये शब्द भी कभी नहीं भाया ...और अपरिभाषित लगा ....
आजकल ...मीडिया जनित एक नया शब्द है ...जो अजीब लगता है ...मीडिया ...आपकी पार्टी ....आम आदमी पार्टी को ...केजरीवाल की पार्टी ...बोलती है .....अजीब है ये पहचान ......अपरिभाषित है ये शब्द .....

शायद ...मीडिया के ज्ञानियों ...ने ना ही कभी ...आम आदमी पार्टी के संविधान को पढ़ा .....और ना ही कभी ...अरविन्द जी को ध्यान से सुना या समझा .....
अगर सुनते - समझते ...तो इनके दिमाद की बत्ती जलती ...और कोई दूसरा शब्द ....मिलता .....खैर ये सब तो गौड़ (छोटी) बातें है ....इनसे कुछ फर्क नहीं पड़ता ......
अब शायद मीडिया कुछ पार्टियों को भी कुछ ऐसे ही बुलाएगी .....जैसे नमो पार्टी ....बाबा पार्टी ...कठोर या मुलायम पार्टी ....नागेन्द्र

अरविन्द (सूरज ) को ...कोई कवर कर सके इतनी उसकी औकात ही कहाँ ....
अरविन्द को ....मीडिया ...cover कर सके ...इतनी मिडिया की औकात नहीं ....
पर क्या मीडिया की इतनी भी औकात नहीं ....की अन्ना जी की ...जनतंत्र यात्रा ...का नाम ले ले ......वैसे ...अन्ना का interview ...तो काफी प्यारा था ...मीडिया को ...कुछ पत्रकारों को ....अब क्या हुआ .....
चलो ....अन्ना जी तो ...अरविन्द के गुरु है ...करीबी है ......उनका दोष समझ आता है .....पर बवाना में ....जो चार सौ ...घर जले ...उनमे तो ....आम आदमी ही रहते थे ......अरे मीडिया उनको तो cover कर सकती है की नहीं ......
आह !....Sorry ...नहीं कर सकती ....वो भी तो आम आदमी ही है ......मीडिया इसलिए ...थोड़ी ना है ......है की नहीं ?.....नागेन्द्र

Monday, April 15, 2013

List of Major GHotalas...........

List of Major GHotalas...........
read related Post...@ http://shaashwatlife.blogspot.in/2013/03/25702286.html

2013 - VVIP Chopper Scam
2012 - Coal Mining scandal - INR 1,070,000 crore
2012 - Karnataka Wakf Board Land scam - INR 200,000 crore
2012 - Andhra Pradesh land scandal - INR 100,000 crore
2012 - Service Tax and Central Excise Duty scam - INR 19,159 crore
2012 - Gujarat PSU financial irregularities - INR 17,000 crore
2012 - Maharashtra stamp duty scandal - INR 640 crore
2012 - Ministry of External Affairs gift scandal
2012 - Himachal Pradesh pulse scandal
2012 - Flying Club fraud - INR 190 crore
2012 - Jammu and Kashmir PHE scandal
2012 - Jammu and Kashmir recruitment scandal
2012 - Jammu and Kashmir examgate
2012 - Jammu and Kashmir Cricket Association scandal - Approximately INR 50 crore
2012 - Andhra Pradesh liquor scandal
2011 - UP NRHM scandal - INR 10,000 crore
2011 - ISRO's S-band scam
2011 - KG Basin Oil scam
2011 - Goa mining scam
2011 - Bellary mining scam
2011 - Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike scam - INR 3,207 crore
2011 - Himachal Pradesh HIMUDA housing scam
2011 - Pune housing scam
2011 - Pune land scam
2011 - Orissa pulse scam - INR 700 crore
2011 - Kerala investment scam - INR 1,000 crore
2011 - Maharashtra education scam - INR 1,000 crore
2011 - Mumbai Sales Tax fraud - INR 1,000 crore
2011 - Uttar Pradesh TET scam
2011 - Uttar Pradesh MGNREGA scam
2011 - Orissa MGNREGA scam
2011 - Indian Air Force land scam
2011 - Tatra scam - INR 750 crore
2011 - Bihar Solar lamp scam - INR 40 crore
2011 - BL Kashyap - EPFO scam - INR 169 crore
2011 - Stamp Paper scam - INR 2.34 crore
2010 - 2G spectrum scam and Radia tapes controversy
2010 - Adarsh Housing Society scam
2010 - Commonwealth Games scam
2010 - Uttar Pradesh food grain scam
2010 - LIC housing loan scam
2010 - Belekeri port scam
2010 - Andhra Pradesh Emmar scam - INR 2,500 crore
2010 - Madhya Pradesh MGNREGA scam - INR 9 crore
2010 - Jharkhand MGNREGA scam
2010 - Indian Premier League scandal
2010 - Karnataka housing board scam
2009 - Madhu Koda mining scam
2009 - Goa's Special Economic Zone (SEZ) scam
2009 - Rice export scam - INR 2,500 crore
2009 - Orissa mining scam - INR 7,000 crore
2009 - Sukhna land scam - Darjeeling
2009 - Vasundhara Raje land scam
2009 - Austral Coke scam - INR 1,000 crore
2008 - Cash for Vote Scandal
2008 - Hasan Ali black money controversy
2008 - The Satyam scam
2008 - State Bank of Saurashtra scam - INR 95 crore
2008 - Army ration pilferage scam - INR 5,000 crore
2008 - Jharkhand medical equipment scam - INR 130 crore
2006 - Kerala ice cream parlour sex scandal
2006 - Scorpene Deal scam
2006 - Navy War Room Spy Scandal
2006 - Punjab city centre project scam - INR 1,500 crore
2005 - IPO scam
2005 - Oil for food scam
2005 - Bihar flood relief scam - INR 17 crore
2004 - Gegong Apang PDS scam
2003 - Taj corridor scandal
2003 - HUDCO scam
2002 - Stamp paper scam - INR 20,000 crore
2002 - Provident Fund (PF) scam
2002 - Kargil coffin scam[120]
2001 - Ketan Parekh securities scam
2001 - Barak Missile scandal
2001 - Calcutta Stock Exchange scam
2000 - India-South Africa match fixing scam
2000 - UTI scandal - INR 32 crore
1997 - Cobbler scandal
1996 - Hawala scandal
1996 - Bihar land scam - INR 400 crore
1996 - SNC lavalin power project scandal - INR 374 crore
1996 - Bihar fodder scandal - INR 950 crore
1996 - Sukh Ram telecom equipment scam
1996 - C R Bhansali scandal - INR 1100 crore
1996 - Fertiliser import scandal - INR 133 crore
1995 - Purulia arms drop case
1995 - Meghalya forest scam - INR 300 crore
1995 - Preferential allotment scandal - INR 5,000 crore
1995 - Yugoslav Dinar scandal - INR 400 crore
1994 - Sugar import scandal
1992 - Harshad Mehta securities scandal - INR 5,000 crore
1992 - Palmolein Oil Import Scandal, Kerala
1992 - Indian Bank scam - INR 1,300 crore
1990 - Airbus scam
1989 - St Kitts forgery
1987 - Bofors Scam
1981 - Cement Scandal including A R Antulay - INR 30 crore
1976 - Kuo oil scam - INR2.2 crore
1974 - Maruti scam
1971 - Nagarwala scam - INR 60 lakh
1965 - Kaling tubes scam
1964 - Pratap Singh Kairon scandal
1962 - National Defense Fund (during Chinese War)
1960 - Teja loan scam - INR 22 crore
1958 - The Mundhra scam - INR 1.2 crore
1956 - BHU funds misuse - INR 50 lakh
1951 - Cycle import scandal
1948 - Jeep scam - INR 80 lakh
1947 - INA Treasure Scam (transported from Japan to India, and got looted)

Sunday, April 14, 2013

आप के माँगने पर ........आपने इतना दिया ....की झोली छोटी पड़ गयी

कई बार, कोई बात इतनी,..... बुरी लगती है की दिमाग से नहीं हटती .....और कभी - कभी कोई बात,....... इतनी अच्छी की ....दिमाग से नहीं हटती ......अब आज की ही खबर को,... देखो ....

आप के माँगने पर ........आपने इतना दिया ....की झोली छोटी पड़ गयी ... ..आज से पहले ऐसी ...अपील की
...भाई सामान,....काफी  हो गया है .......पहले इसको USE कर लेने दो ......जरुरत होगी तो फिर मांगेंगे ......

मैंने तो नहीं सुनी थी .....आज की पोस्ट पर ....सारे कमेंट ....बहुत ही ...encouraging है ....और शायद अरविन्द जी के ....आप के समर्थन में .....पहली ऐसी पोस्ट ....जिसमे कुछ भक्तो ने .....अपने विचार प्रस्तुत नहीं किये

ये है ....आपकी पार्टी ...ये है आम आदमी पार्टी ....वो कहते है ..की बिना पैसे के रजनीति कैसे ....हम कहते है पता नहीं .....बिना जनता के .....बिना जनता के मुद्दे के ....उनकी राजनीती कैसे ?.........नागेन्द्र शुक्ल

Read this Post:- http://www.facebook.com/photo.php?fbid=561769460512856&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

Saturday, April 13, 2013

1984 दंगे- इंसाफ अभी बाकी है..!

अजीब है हमारे देश की राजनीती और राजनीति करने वालों के तरीके .....
जब कभी आप एक दंगे के इन्साफ की बात करो ...तो इन्साफ की बात करने की बजाय ...दूसरे लोग ...किसी दूसरे दंगे के बारे में बता कर ...चालू हो जाते है ...तेरी साडी ...मेरी साडी ...सफ़ेद साडी ....

इनकी राजनीती के, तरीके की वास्तविकता ये है ....की तकरीबन हर पार्टी ने कभी ना कभी, किसी ना किसी तरह से हर दंगे का फायद उठाने की कोशिश की है ....किसी ने जनता के, पीडितो के इन्साफ की बात नहीं की .....किसी ने उसके दोषियों की सजा की बात नहीं की ....वो दंगा चाहे 1984 का हो या 1992 का हो या गोधरा या 2002 हो ....सभी में ....सभी ने ...देखा तो .......सिर्फ और सिर्फ ....

अपना अपना वोट बैंक ......अपनी अपनी राजनीती ......किसी ने जनता का दर्द नहीं देखा ...किसी ने ऐसा कुछ नहीं किया की ....जिम्मेवार लोगो को सजा हो ....... जनता को इन्साफ ....और ऐसी व्यवस्था .....की ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ...करने की,... किसी की हिम्मत ना पड़े ......ऐसा कुछ करने की कोशिश ..भी नहीं दिखाई देती मुझे .....

शर्मनाक है ....इनकी राजनीती ....शर्मनाक है इनके सत्ता को प्राप्त करने के तरीके ........और उससे भी ज्यादा शर्मनाक है ......इनकी राजनीती के तरीके पर विस्वास करने वाले ........आम जनता ....

दूसरी तरफ है जनता .....जनता जिसका धर्म,.... हर धर्म है ....जिसकी जरुरत ....शांति, सुरक्षा , सम्मान, शिक्षा, स्वस्थ, दो जून की रोटी ...वगैरह है ...
यही जनता है ....पीड़ित,... हर एक दंगे की .....आम जनता है ....देश है ...देश की व्यवस्था है ....पीड़ित,.... इन सारे दंगों की .......पर जो किया जाना था ...सरकारों की तरफ से ....व्यस्था की तरफ ..उस पर विचार करते भी ..कभी नहीं सुना मैंने .....

कहने को हमारे देश में ......हर धर्म और हर भाषा की रक्षा करने ....और उसकी बात करने के लिए .....कोई ना कोई दल / संगठन है .....

नहीं है तो ....देश की बात करने के लिए ...जनता की बात करने के लिए ...कोई राजनीतिक पार्टी ...या संगठन ......क्यों ?...

क्योंकि बाँट दिया है ..इन्होने देश को .....जाती धर्म और भाषा में ......पर ताज्जुब इस बात का नहीं ...की इन्होने क्या किया ....
ताज्जुब इस बात का है .....की हम बाँट गए ......और अब सब समझने के बाद भी सुधरने को राज़ी नहीं ....क्यों ?.....

अजीब है ...हर धर्म, जाती भाषा ...के लिए संगठन ...और साथ में ..कुछ कथित ....सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष )......अजीब है ....पर वास्तव में ....तो मुझे कोई नहीं दिखता धर्मनिरपेक्ष ......कोई नहीं दिखता जो देश की बात करे .....

29 साल का वक्त छोटा नहीं होता। 29 साल में लोगों की जिंदगियां बदल जाती है। 29 साल में एक बच्चा व्यसक हो जाता है। वो स्कूल से निकलकर अपने रोजगार में जुट जाता है,.....पर हमारी व्यवस्था ....इतने लबे समय में भी ...

29 सालों में कुछ लोगों के लिए कुछ भी नहीं बदला,........सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए दोबारा से मामले की जांच के आदेश देते हुए कांग्रेसी नेता टाईटलर के खिलाफ केस चलाने के आदेश दे दिया। लोगों के चेहरे में न्याय की उम्मीद की खुशी जरूर थी लेकिन मन में ये सवाल भी था कि 29 साल बाद फिर से टाईटलर के खिलाफ केस चलेगा तो उन्हें इंसाफ कब मिलेगा..?  कितना और वक्त इंसाफ मिलने में लगेगा..?

सवाल ये भी है कि जिस सीबीआई ने टाईटलर को क्लीन चिट देते हुए अदालत में केस बंद करने की अर्जी दे दी वही सीबीआई अब फिर से जांच करेगी तो कैसे ये जांच निष्पक्ष होगी..?

अंत में ...एक बात और ...मैं जानना चाहता हूँ ...की क्या हमारे देश में कोई भी पार्टी है ...जो धर्मनिरपेक्ष हो .....जो देश की बात करे .....जनता की बात करे ...मुद्दे की बात करे ....और बजाय तेरी साडी ...मेरी साडी के ....समाधान की बात करे .....

देश में सिखों की संख्या कम है ....इसलिए कांग्रेस अपने को धर्मनिरपेक्ष कहती है .....पर जिस आधार पर ....जिस सोंच के चलते ...और जिस काम के चलते ....वो किसी दूसरी पार्टी को कम्युनल होने ....का सर्टिफिकेट देते है ...क्या उसी आधार पर वो भी कम्युनल नहीं है ?.......

हाँ, हैं ....मैं तो पहले कह चुका हूँ ...हमारे देश में ...देश की जनता की ...कोई राजनीतिक पार्टी है ही नहीं ....

अच्छी बात ये ....एक नयी पार्टी ...आपकी पार्टी ..जिसका जन्म ही जनता के दुखो से हुआ है ......जनता से हुआ ...किसी जाति धर्म भाषा से नहीं ....जिसका जन्म ....जनता के द्वार ...जनता के लिए हुआ है ...और जिसके संविधान में ऐसी व्यवस्था है की ये पार्टी .....हमेशा जनता की पार्टी ही रहे ....वो है आम आदमी पार्टी ....और फक्र ..की आप उसके समर्थक ......
तो अब उम्मीद है ....बदल सकता है कुछ ....अगर आप ...बस आप जागरूक बने ...सतर्क रहे .....और इस पार्टी को साफ़ रख्खे ......और साफ़ रखने में मदद करे ........
तो हम जरुर होंगे ...कामयाब ....जल्द ही ...बदलने में इस व्यवस्था को .......बस आपका सहयोग ही आकांक्षी है ...और कुछ नहीं ....नागेन्द्र शुक्ल
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=561753457181123&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

अगर देश के लिए ...समाज के लिए कुछ करना है ....तो उसका तरीका और समय ...सिर्फ आप ही निकाल सकते है

दोस्त, नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाये, नहीं जी, आज नहीं. हमारा नव वर्ष शुरू होता है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (प्रथमा) को, जो की इस बार 11 अप्रैल को था ॥
वैसे तो हमारे देश में बहुत सारी संस्कृति और सभ्यताये है और तकरीबन हर किसी का अपना एक अलग कैलेंडर और नववर्ष है, पर इन सारे नव वर्षो पर .....HAPPY NEW YEAR हावी है ....खैर इस ग्लोबल ज़माने में ...सहूलियत को ध्यान रखते हुए कोई हर्ज़ नहीं उसको मानने में ...और हम मानते भी है ... पर उसको मानने के साथ - साथ ये भी जरुरी है की हम अपने को जाने जरुर ॥

एक ख़ास बात है हमारे कैलेंडर की ....की इसकी तिथि से आप हमारे देश अलग - अलग हिस्सों में मौसम का ठीक -ठाक अंदाजा  लेते है ।

मुझे अपने इस नव वर्ष में एक बात हमेशा ध्यान रहती है .....की हमारा नव वर्ष उस दिन होता है ....जिस दिन ...पीपल के पेड़ पर एक भी पुराना पत्ता ना दिखे ...और सुन्दर सुन्दर ...छोटी - छोटी नयी कोपे दिखाई दे ....
इस नियम को पिछले कई सालों से ...अजमाता चला आ रहा हूँ ...और हमेशा तकरीबन सच ही पाया है ....आज फिर आजमाया और सच पाया ....आप भी अपने आस पास पीपल के पेड़ ....पर  देख सकते है .....

मजेदार है ये बात ....हमारी संस्कृति और सभ्यता ...कितने गहराई से जुडी है ..प्रकृति से ....जब नया वर्ष शुरू होता है हवा की दिशा, रुख ....पेड़ की पत्ती ..सूरज की रोशनी सब बता देती है ....की हाँ कुछ तो बदल है,... और कुछ बदलना है ....

पता नहीं आप जानते थे या नहीं ...पर मुझे पेड़ पर नयी पत्ती ...मुझे बहुत भाति है ....

खैर इस नव वर्ष के मौके पर एक ...काम की बात भी करना चाहता हूँ ..और वो ये की .....देखो दोस्त
हमारी सरकारे ...वन विभाग, वगैरह - वगैरह हर साल ....बारिश के मौसम में ....हजारो नए पेड़ लगा कर ....अपनी खाना पूर्ती कर देते है .....अब सोंचने की बात ये है की ....जब हर वर्ष हजारो पेड़ लगते है ....तो भी पेड़ कम क्यों होते जाते है ......

वो इसलिए की ....पेड़ बरसात में लगते है ...और वो किसी तरह अपने आप को ....होली तक जीवित रखते है ...और फिर उसके बाद आती है ...जबरदस्त गर्मी ...और बिना पानी के सब जल जाते है ....और हो जाता है ....वही ढाक के तीन पात ....हर साल

हमारे देश की समस्या ...सृजन करने की कमी नहीं ...हमारी मुख्य समस्या है रखरखाव .....हम वो नहीं करते ...और बस यहीं सब गड़बड़  हो जाता है .....है की नहीं ....

खैर जब परेशानी है ...तो समाधान भी होगा ...जरुर होगा ....इसका जो समाधान मुझे समझ आया था ...आज से तकरीबन ७ वर्ष पहले ...वो ये की ....हम तकरीबन रोज़ ....किसी ना किसी काम से ...अलग - अलग रस्ते से गुजरते है ...जैसे की ....दूध लेने जाना ....सब्जी लेने जाना ....अपने दफ्तर या दूकान जाना ....स्कूल जाना ....वगैरह वगैरह ...है की नहीं ....

तो बस मिल गया समाधान ...अपने रोज़ के,.... रस्ते पर ...आप चिन्हित कर सकते है दो ...तीन जितने भी ...सुविधा के अनुसार ... पेड़ (जो सड़क किनारे लगे हो )....और बस जब उस रस्ते पर निकालो तो एक डिब्बे में बोतल में ......पानी अपने साथ ले तो ...और बस 2 /3 मिनट का समय लगा कर ...उस पेड़ पर दाल दो .........और क्या करना है ...कुछ नहीं ...बन गया काम ....

दोस्त, कर के देखो ...जब एक बार शुरू करोगे ....तो रुकने का मन नहीं करेगा .....मजा आएगा ...और ख़ास बात ये की ..कभी कभी ..कुछ अधूरा लगेगा ...अगर आप पानी डालने नहीं गए .....और पेड़ तो बच ही जायेगा .......

मैं हमेशा से ऐसे ही रास्ते दूंढ़ता रहा ..जिसमे ..पैसे भी ना लगे और काम हो जाये .....समाज सेवा हो जाय ....और यहाँ पर मैं अपने  दोस्तों को धन्यवाद दूंगा ..जिन्होंने शुरू किया है ...ऐसा ही कुछ प्रयास ...और आपसे विनती .....की ये बहुत असरदार और आसान है ....अच्छा भी लगेगा ....

देखो, अगर देश के लिए ...समाज के लिए कुछ करना है ....तो उसका तरीका और समय ...सिर्फ आप ही निकाल सकते है ...कोई नहीं आएगा ...ये बताने और जबरदस्ती करवाने .......मैं अरविन्द जी से इसीलिए ..प्रभावित रहता हूँ ..क्योंकि वो करने में विस्वास रखते है ......ये गिनाने में नहीं ....की कोई काम क्यों नहीं हो सकता ....और पैसा ....पैसा तो कुछ नहीं होता ....वो तो सिर्फ बहाना है ....अब तो अरविन्द जी ... जैसे काम को भी कर रहे है ...बिना पैसे के .....वाह अब मिला है ...सही गुरु ....28 अप्रैल को आप आ रहे है ना .....नागेन्द्र शुक्ल

http://www.facebook.com/photo.php?fbid=561510903872045&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

Wednesday, April 10, 2013

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हमारा नववर्ष है।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हमारा नववर्ष है। हम परस्पर उसी दिन एक दुसरे को शुभकामनाये दें। अंग्रेजी कैलेन्डर के अनुसार , 11 अप्रैल 2013को यह दिन आयेगा। भारतीय नववर्ष का ऐतिहासिक महत्व :
1. यह दिन सृष्टि रचना का पहला दिन है। इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने जगत की रचना प्रारंभ की।
2. विक्रमी संवत का पहला दिन: उसी राजा के नाम पर संवत् प्रारंभ होता था जिसके राज्य में न कोई चोर हो, न अपराधी हो, और न ही कोईभिखारी हो। साथ ही राजा चक्रवर्ती सम्राट भी हो। सम्राट विक्रमादित्य ने 2070 वर्ष पहले इसी दिन राज्य स्थापित किया था।
3. प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक दिवस : प्रभु राम ने भी इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या में राज्याभिषेक के लिये चुना।
4. नवरात्र स्थापना : शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात्, नवरात्र स्थापना का पहला दिन यही है। प्रभु राम के जन्मदिन रामनवमी से पूर्व नौ दिन उत्सव मनाने का प्रथम दिन।
5. गुरू अंगददेव प्रगटोत्सव: सिख परंपरा के द्वितीय गुरू का जन्म दिवस।
6. समाज को श्रेष्ठ (आर्य) मार्ग पर ले जाने हेतु स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन को आर्य समाज स्थापना दिवस के रूप में चुना।
7. संत झूलेलाल जन्म दिवस : सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।
8. शालिवाहन संवत्सर का प्रारंभ दिवस : विक्रमादित्य की भांति शालिनवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।
9. युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन : 5115 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।

भारतीय नववर्ष का प्राकृतिक महत्व :
1. वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है।
2. फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलनेका भी यही समय होता है।
3. नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है।

मोरारजी देसाई को जब किसी ने पहली जनवरी को नववर्ष कीबधाई दी तो उन्होंने उत्तर दिया था- किस बात की बधाई? मेरे देश और देश के सम्मान का तो इस नववर्ष से कोई संबंध नहीं। यही हम लोगों को भी समझना और समझाना होगा। क्या 1 जनवरी के साथ ऐसा एक भी प्रसंग जुड़ा है जिससे राष्ट्र प्रेम जाग सके, स्वाभिमान जाग सके या श्रेष्ठ होने का भाव जाग सके ?

आइये! विदेशी को फैंक स्वदेशी अपनाऐं और गर्व के साथ भारतीय नववर्ष यानि विक्रमी संवत् को ही मनायें तथा इसका अधिक से अधिक प्रचार करें।


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आइये हम सब मिलकर हिन्दू नववर्ष चेत्रशुक्ल प्रतिपदा संवत 2070, 11 अप्रैल गुरुवार को बड़े धूमधाम से मनाएं।
- इसी दिन मर्यादा पुरूषोतम भगवान रामचन्द्र का राज्याभिषेक हुआ था।
- इसी दिन महाराज विक्रमादित्य की ओर से शंक व दुणों पर गौरवमयी विजय एवं इनको हिन्दू राष्ट्र के साथ आत्मसात करके विक्रमी सम्वत का शुभारंभ दिवस है।
- इसी दिन स्वामी दयानंद की ओर से आर्य समाज का स्थापना की गई।
- इसी दिन पावन पुनीत चेत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस है।
- इसी दिन डा. हेडगेवार का जन्मदिवस है।
- इसी दिन ब्रहमा की ओर से सृष्टि की रचना का दिन है।
- इसी दिन महर्षि गौतम जयंती का जन्मदिन है।
- इसी दिन झूलेलाल भी अवतरित हुए थे।
- इसी दिन महाराज युधिष्टिर का राजतिलक भी हुआ था।
- इसी दिन सिखों के पांचवे गुरू अंगदेव का जन्म हुआ था।

उपरोक्त गौरवशाली एवं ऐतिहासिक घटनाएं चैत्र एकम से जुडी हुई है। आइये अपने देव पुरूषों, महापुरूषों की गौरवशाली परम्परा को महोत्सव के रूप में मनाएं।
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=560545420635260&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

पूँछ रहे थे की अनसन से मिला क्या ?.

दोस्त, आज अभी पार्क में घूमते हुए एक साहब मिले ....जिनको पहले भी कई बार ignore कर रहा था ...क्यों ? हर किसी को जवाब देना शायद जरुरी भी नहीं और मेरी आदत भी नहीं ...पर आज जवाब देना ही पड़ा .....

सवाल था की "वैसे तो वो अरविन्द को मानते है पर अनसन से खुश नहीं है, पूँछ रहे थे की अनसन से मिला क्या ?....बोले इतने दिन अनसन पर रहे ना ही मीडिया का कोई कवरेज ना ही कोई celebrity मिलने आया ....और फिर जब मन आया तो खुद ही तोड़ दिया अपना अनसन,....ऐसा क्यों ?

तो अब इसका क्या जवाब दे, पर मेरी समझ से कुछ बाते तो बेकार की है की मीडिया का कवरेज और celebrity का आना ....अब इन पर तो हमारा कोई control नहीं है हम क्या कर सकते है ....अरे जब हम सौ रुपये देकर किसी आदमी को अपनी रैली या मीटिंग में लाने के खिलाफ है ....तो हम कैसे किसी पत्रकार, मीडिया हॉउस या celebrity को ....बुला सकते है ....अब भाई ये तो जग जाहिर है ...की पैसा फेक तमाशा देख .....

अरे आप अपने बच्चे के मुंडन पर भी कर सकते है ऐसा कुछ ....अगर यही आपका उद्देश्य हो तो ....आसान है ...पर ये हमारा ना ही काम है और ना ही हमारे काम करने का तरीका .....खैर छोड़ो मुद्दे की बात करते है की अरविन्द जी को ...आप को मिला क्या इस अनसन से ?....

तो मेरी समझ से ...दो बाते साफ़ है
एक,..... की महत्वपूर्ण ये नहीं है की आपको मिला क्या ? .....बल्कि महत्वपूर्ण ये है की ...आपको चाहिए क्या था .....अगर जो चाहिए था वो नहीं मिला और बांकी कुछ भी मिला ....तो क्या मिला, कुछ नहीं मिला ....है की नहीं ....

तो ये जानने से पहले की उपवास से मिला क्या ....ये सोंचना जरुरी है की ....उपवास से क्या था ? .....

अगर आपको एक मोबाइल चाहिए ...और आपको एक ऐसा मोबाइल मिले जिसमे कैमरा, ब्लूटूथ, रेडियो ..वगैरह वगैरह सब कुछ हो .....पर बस सिग्नल ना आते हो ....तो क्या आपको मोबाइल मिला ?.....नहीं मिला ना ...तो अब

ये सोंचना जरुरी है की ....उपवास से चाहते क्या थे? .....
देखिये, जैसा की कहा जाता रहा है की ....आम आदमी पार्टी, अरविन्द जी मीडिया और सोशल मीडिया की दें है ...इनकी जमीनी कोई ख़ास उपस्थिति नहीं है ...वैसे ये बात तो गलत है ...पर इसमें एक थोड़ी सच्चाई भी थी .....और ये की अरविन्द जी के बहुत सारे समर्थक थे मेरे जैसे .....

मेरे जैसे से मतलब ....की फसबुकिया ...बस फेसबुक पर बाते करवा लो .....जमीन पर काम कने में ..बीमार हो गए ....और सच बात तो ये की मैं तो वाकई हो गया था ......पर ...इस उपवास के दौरान आम आदमी पार्टी की चाहत सिर्फ इतनी थी .....की हमारे शर्मीले और सिर्फ बात करने वाले समर्थक ..जरा जमीन पर निकले ...सड़क पर निकले और ...लोगों से मिले ..उनकी झिझक खुले .....लोगों से बात करे ....और आम जनता को भी पता चले की ....क्या और कैसे करना चाहते है हम ....और बस यही चाहिए था ....

वैसे हमारे जैसे ...लोगो की एक और दिक्कत है जब तक ऊपर कोई दबाव न हो हम कुछ करते नहीं .....काम चोर है एकदम .....और इस उपवास से मन मे एक चिंता हुई ....और उसी चिंता से आत्मिक दबाव बना की ...भाई अगर अरविन्द का उपवास तुडवाना है ...तो काम तो करना पड़ेगा ...झिझक को छोड़ना पड़ेगा .....और घर से निकलना पड़ेगा ......

उपवास के 7 / 8 दिन के बाद ये दबाव इतना बढ़ा की मेरे जैसे काम चोर भी ...निकल पड़े अपनी टोपी लगा कर ....और घुमे सड़क पर मिले लोगों से .....और बस ...अब पद गयी एक आदत ......लगाने की अपनी टोपी ......अब दिखती है ये टोपी ...सड़क पर ...आज भी ....बड़ी आसानी से .....
तो बस दोस्त हमें तो यही मिला ...हमें कार्यकर्ता का आत्मविश्वास ....और जनता का जमीनी जुडाव ..बस मिला और यही चाहिए था ...किसी सरकार , मीडिया, सेलिब्रिटी से कुछ नहीं चाहिए था .....

पर लोगो की एक परेशानी है जब तक tangible कुछ ना मिले .....वो मानते ही नहीं कुछ मिला .....तो एक बात बता दे की ......मिला है tangible भी और वो है ये खबर .....अगर ये उपवास ना होता .....अगर आप घर से निकल दस लाख लोगों से मिले ना होते .....ये खबर कुछ और होती .....ये नहीं .....

तो अंत में ये बता दे की सबको कुछ ना कुछ मिला है ....
अरविन्द जी, को जमीनी कार्यकर्ता, .......कार्यकर्त्ता को जमीन पर काम करने का हौसला ......जनता को एक सच्ची लोकतान्त्रिक पार्टी के बारे में पता चला ...और जनता को ....आज मिल ये अच्छी खबर .....

हां इससे उनको भी मिला है ...जिनके दिल में नहीं ....दिमाग में है अरविन्द जी ...मतलब उनके विरोधी .....उनको मिला है एक "स्टील का गिलास "......
सबके लिए कुछ न कुछ है ....पर जिसको जो चाहिए था ...वही मिला ...उसकी अपनी - अपनी नियत ...और सोंच के हिसाब से ....नागेन्द्र शुक्ल

वो अच्छी खबर ये है http://aajtak.intoday.in/story/proposal-to-hike-power-tariff-for-south-west-delhi-postponed-1-726924.html

FB Post Link @ http://www.facebook.com/photo.php?fbid=560713640618438&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater


पहले वो जो काम करते हैं और दूसरे वो जो उसका श्रेय लेते हैं।

अभी कहीं से एक वाक्य पढ़ा ,.....
"दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं पहले वो जो काम करते हैं और दूसरे वो जो उसका श्रेय लेते हैं।
सदैव पहले समूह में रहने की कोशिश करिए क्योँकि वहाँ बहुत कम प्रतिस्पर्धा है॥"

बहुत सही लगी ये बात ....और सच बात तो ये है ...की पिछले ६ महीने में ...जब से अरविन्द जी को फॉलो (मानना) शुरू किया ...और फिर आपकी पार्टी ...आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ...और उन लोगो से मिला जो ...पुराने IAC के active members थे,

फिर काफी लोगों से बात की .....और लगातार गाहे - बगाहे ...ऐसी भी खबरे मिली की ...कुछ पुराने IAC के members अरविन्द जी ....सहयोग नहीं करना चाहते ....फिर जब जमीन पर दोनों पक्षों के लोगो को ....करीब से देखा और जाना ......

फिर आज ये ऊपर का वाक्य पढ़ा ...तो सब कुछ ...बर्फ की तरह पिघलता ...और साफ़ होता नज़र आ रहा है .....वैसे मैं कहना तो काफी कुछ चाहता हूँ .....और ये बताना चाहता हूँ ...की कुछ लोग ....

जिनसे अरविन्द जी के विरोध की उम्मीद ...आम जनता को नहीं थी ...और वो कर रहे है ...तो ...वो ऐसा क्यों कर रहे है .....क्या नियत है ...क्या कारन है .....पर किसी भी बात को कितना पब्लिक डोमेन मैं होना चाहिए ...और कितना नहीं ...इस बात का अहसास है ..इसलिए बस आप ये समझ लो की ......सारी कहानी किया मर्म सिर्फ इतना ही है ...की ....

"दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं पहले वो जो काम करते हैं और दूसरे वो जो उसका श्रेय लेते हैं।
सदैव पहले समूह में रहने की कोशिश करिए क्योँकि वहाँ बहुत कम प्रतिस्पर्धा है॥"

हाँ अंत में ...मैं ये साफ़ कर दूं .....की मुझे गर्व है ...की मैं अरविन्द जी का समर्थक हूँ ...और ऐसे बहुत सारे लोगों को अपने आस पास देखता हूँ ....जैसे लोग होने चाहिए ...अरविन्द जी के आस पास ...हाँ सब के बारे में नहीं कहा जा सकता .....पर सिर्फ ....सही लोग ......

अरविन्द से नहीं ....अरविन्द के उद्देश्य से जुड़े लोग .....ही होने चाहिए ....और होंगे आप में ....ये भी एक कार्यकर्ता ....की जिम्मेवारी है ....और आपसे अनुरोध की सजग रहे .....पर जिम्मेवारी के साथ .....

इस व्यवस्था को बदलने का काम किसी एक का नहीं ...हम सबका है .....आम आदमी का है ...और आपका है ......नागेन्द्र शुक्ल
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=560388410650961&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater



Tuesday, April 9, 2013

हमारा उद्देश्य सिर्फ .....व्यवस्था परिवर्तन है .......और यही हमें करना है

दोस्त,  में देश आज़ाद हो गया ......वास्तव में अंग्रेजो ने हमारे देश की सत्ता ......कुछ हांथो में सौप दी .....इन हाथों की जिम्मेवारी थी की ....जब देश में जनतंत्र लागू हुआ .....तो इन्हें जनता को ताकत देनी चाहिए थी ....जनता को समानता का अधिकार देना चाहिए था ......और एक आज़ाद व्यवस्था ....लागू करनी थी .....पर इन्होने ऐसा नहीं किया .........इन्होने देश की जनता को बताया की .....सत्ता परिवर्तन ही .....आज़ादी मिलना है .......और ऐसा ही ...इतिहास लिखा .........जनता को धोखा देने .....और सारी ताकत पर कब्ज़ा करने की ही इनकी नियत थी ......और यही किया ......देश की सारी ताकत ....कुछ ताकत वर लोगों के ....हाँथ से सरक कर .....दूसरे ताकतवर ....हांथो में चली जाती है ......और बस सत्ता का हस्तांतरण होता रहता है ........और हम ....हम आज़ाद है ...गाते रहते है ....और सिर्फ वोट डाल कर समझते है ......की लोकतंत्र है .......

दोस्त, बिना आज़ाद व्यवस्था के .......बिना जनता के हांथो में ताकत के ....कैसी ......आज़ादी .....कौन सा लोकतंत्र .....अरविन्द जी और अन्ना जी का यही ....प्रयास है ....यही कहना है ....और मेरा मानना की .....की वास्तविक आज़ादी के लिए ......व्यवस्था परिवर्तन ....जरुरी है ........इसके लिये ये जरुरी है .......की सिर्फ अच्छे लोग आप से जुड़े ....और आगे बढे ......ये भी आप की ही जिम्मेवारी है ....किसी और की नहीं ........और हमारा उद्देश्य सिर्फ .....व्यवस्था परिवर्तन है .......और यही हमें करना है ....और यही करने के लिए ....दूसरों को बाध्य करना है .........और ये काम बिना इस राजनीतिक system को ......सोंच को ...और जनता को जागरूक  बनाये बिना हो ही नहीं सकता ........इसलिए अब आपको ही .....आगे बढ़ाना पड़ेगा ......अब डरने की जरुरत नहीं .......नज़र उठा कर इधर उधर देखो .......आप जैसों की भीड़ है ..........बस आपको थोडा प्रयास करना है ...और कुछ नहीं .......नागेन्द्र शुक्ल