Friday, April 24, 2020

#परशुराम_जयंती

ब्राम्हण कोई जाति नहीं - एक कर्म है ,....
हमने देखा है दलितों में ,.... अनेक ब्राम्हण ,... और ब्राम्हणों (कुल आधारित) में अनेक दलितों को ,....
ब्राह्मण होने के लिए शिक्षा, दीक्षा और कठिन तप आवश्यक है,.... इसके बाद ही किसी को ब्राह्मण कहा जा सकता है !!
जिन लोगों ने ब्राह्मणत्व को अपने कठिन तप वा अथक प्रयासों से हासिल किया,..... उनके कुल में जन्मे लोग खुद को ब्राह्मण समझने लगे और समाज अपनी सुविधानुसार उनको मान्यता देने लगा !!
ब्राम्हणो की वो संतानें भी खुद को ब्राह्मण मानने लगी,... जिन्होंने न तो विद्या ली, न दीक्षा और न ही कोई तप किया,...
यहाँ तक की ,.... वो जनेऊ,....शिखा (चोटी) ,... गायत्री मन्त्र ,... संयमित जीवन से भी दूर रहे,... पर ,....
पर उन्होंने ,... और ब्राम्हण विरोधी समाज ने ,... ऐसे लोगो को ब्राम्हण होने की मान्यता दी !!
ऐसी मान्यता देने में ,... दोनों का स्वार्थ निहित था ,...
एक जिनको ब्रम्हाण होने का सम्मान मुफ्त में चाहिए था ,...
दूसरा जिसे ब्रम्हाण को हर हाल में ,... गाली दे अपनी कुंठा को मिटाना था !!
ब्रह्म सत्य, जगत मिथ्या :
जो ब्रह्म (ईश्वर) को छोड़कर किसी अन्य को नहीं पूजता,.... वह ब्राह्मण,..
जो पुरोहिताई करके अपनी जीविका चलाता है,.....वह ब्राह्मण नहीं, याचक है।
जो ज्योतिषी या नक्षत्र विद्या से अपनी जीविका चलाता है,..... वह ब्राह्मण नहीं, ज्योतिषी है
जो कथा बांचता है वह ब्राह्मण नहीं,.... कथा वाचक है।
इस तरह जो समाज को तात्कालिक परिस्थियों में दिशा दिखाने के सिवाय ,.... कुछ भी कर्म करता है वह ब्राह्मण नहीं,...
ब्राह्मण होने का अधिकार सभी चाहते है ,... ब्राह्मण होने का कर्तव्य पालन करने वाले विरले ही है
ब्राम्हण ,... वो है ,... जो सर्वशक्तिमान भी है और निरीह भी ,...
ब्राम्हण,... वो जिसके पास सब कुछ है ,.... पर अपने लिए कुछ भी नहीं !!
ब्राम्हणत्व के इसी मानक को स्थापित किया ,.... भगवान् परशुराम ने !!
आज के समय में ,... वो कोई भी जो अपने आप को ब्राम्हण कहने की सोंचता भी हो ,...
सुनिश्चित करे की ,.... वो कम से कम ,.. जनेऊ - शिखा - हनुमान चालीसा - गायत्री मन्त्र का पालन करता हो !!
#NagShukl #परशुराम_जयंती
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