Friday, October 23, 2015

रावण ने किया था अपनी ही बहु का बलात्कार।....

रावण ने किया था अपनी ही बहु का बलात्कार।
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वाल्मीकि रामायण के अनुसार विश्व विजय करने के लिए जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे वहां रंभा नाम की अप्सरा दिखाई दी। अपनी वासना पूरी करने के लिए रावण ने उसे पकड़ लिया। तब उस अप्सरा ने कहा कि आप मुझे इस तरह से स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर के लिए आरक्षित हूं। इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं। लेकिन रावण ने उसकी बात नहीं मानी और रंभा से दुराचार किया। यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया कि आज के बाद रावण बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसको स्पर्श करेगा तो उसका मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएगा।
ये पोस्ट मैं इसलिए लिख रहा हूँ कुछ लोग रावण को ही महान बताने पर तुले हुए है।
कुछ लोग तो रावण द्वारा सीता का अपहरण अपने बहन के अपमान का बदला लेना बता रहे है। जबकि सच्चाई कुछ और ही है। शुपर्णरेखा ने रावण से अपना बदला लिया था, क्योंकि वो अपनी बहन को ही विधवा बना डाला था।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण की बहन शूर्पणखा के पति का नाम विद्युतजिव्ह था। वो कालकेय नाम के राजा का सेनापति था। रावण जब विश्वयुद्ध पर निकला तो कालकेय से उसका युद्ध हुआ। उस युद्ध में रावण ने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया। तब शूर्पणखा ने मन ही मन रावण को श्राप दिया कि मेरे ही कारण तेरा सर्वनाश होगा। जब अपना नाक कटवा कर शुपर्णरेखा रावण के पास पहुंची तो उसे उकसाना शुरु कर दिया। लेकिन कैसे उकसाया जरा देखिए।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार जब लक्ष्मण नाक कान काट देते है तो वो दौड़ के राजमहल मे भरे दरबार मे आके रावण को यह कहती है की वन मे एक सुन्दर कन्या आई है उनके स्तन खूब भारवादर और सुन्दर है ( कान खुल्ले रख कर सुनना ) और उनके कामुकता का पूरा भरे दरबार मे वर्णन करती है . फिर नाक और कान की बात करती है . उनको पता था रावण कैसा कामुक आदमी था लड़की देखी नहीं की उसपे बलात्कार जरूर किया . जरा सोचो वो संस्कृति कैसी होगी जो एक बहन आपने भाई को दूसरी स्त्री का सेक्सुअल वर्णन भरे दरबार मे करती है? रावण बहन के अपमान का बैर लेने नहीं बल्कि कामुकता से उनको हरण करने गया था लेकिन नलकूबेर के श्राप के कारण सीता के साथ जबरजस्ती नहीं कर सका। सीता को वह प्रलोभन देता रह गया। आज ऐसे महान रावण की चारो और प्रशंसा सुन अचंभित हो रहा हूँ।

Wednesday, October 21, 2015

विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाये ,.... ‪#‎NagShukl‬

बुराइयां खोजने में,.... हमने सूक्ष्मदर्शी यन्त्र को भी पछाड़ा है,....
हम बुद्ध से लेकर गांधी तक में,....फटाफट बुराइयां गिना देते है,…
किसी में कहा था ,....
"बुरा - बुराई की खोज में रहता है ,....और अच्छा अच्छाई की",....
हम सीखते तो वही है ,....जिसे देखते है ,....
अरे कब तक पुतले जलाते रहोगे ?,....उन वजहों को जलाओ ,....जिनकी वजह से किसी के पुतले जलते है ,....
और याद रखो ,....
कल जलते हुए रावण के पुतले ,.... सिर्फ इतना सन्देश देते है की ,....
"धीरज रखो ,.... कर्तव्य मार्ग पर डटे रहो ,...
ध्यान रहे ,… बुराई पर अच्छाई की जीत होती है ,....
ये धैर्य देता है ,.... की चिंता मत करो ,.... अच्छाई जीतती है ,…
वार्ना ज़माना तो यही दिखाता - बताता है ,… की
जीत के लिए बुराई जरुरी है ,....
पर जीत के लिये ,… प्रयास का तरीका बदलना जरुरी है ,…
विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाये ,.... ‪#‎NagShukl‬

धर्म एक ऐसा अस्त्र जो आपको कभी वर्तमान और भविष्य नही बनाने देगा

15 वीं शताब्दी में यूरोप के लोग भूखे नंगे समाज में आराजकता का माहौल, गरीबी में एक दूसरे के दुश्मन बनते पडोसी देश
उस वक़्त चर्च और संसद में टकराव चल रहा था की देश कौन चलाएगा किसका नियंत्रण होगा समाज पर और अंत में उसमे संसद की जीत हुयी
चर्च पे पाबंदी लगे धर्म को कंट्रोल किया गया और यही जीत ऐतिहासिक रही यहीं से निकला यूरोप की तरक्की का रास्ता।
उसके साहसी नाविक देश से बाहर संभावनाएं खोजने निकले और अलग अलग जगह अपने उपनिवेश बनाए
भारत अरब अमरीका अफ्रीका हर जगह व्यापार फैला के अपने अपने देश को तरक्की की राह पे ले गये।
सोचो उस वक़्त हम क्या कर रहे थे हम अपने समाज में पड़े कूपमंडूक बने अपने इतिहास पे गर्व करते रहे समाज में लुगादी पीटते रहे की समंदर पार जाने से हमारा धर्म नष्ट हो जाता है
अपने ही भाइयो को जानवर से बदतर हालात में भेजके खुद को सवर्ण कह रहे थे ऐसा इसीलिए क्युकी समाज पे कानून और सत्ता से ज्यादा धर्म का नियंत्रण था
जहाँ यूरोप अपना भविष्य बना रहा था वहीं हम अपना वर्तमान और भविष्य दोनों नष्ट कर रहे थे
उनके पास अपना कोई इतिहास नही था जिसपे वो गर्व कर सके तो उन्होंने अपना वर्तमान और भविष्य ऐसा बनाया की आगे वाले कई पीढियां गर्व करेंगी
हमारे पास गर्व करने के लिए एक लंबा इतिहास रखा है इसीलिए हम हमेशा अपने देश को वर्तमान और भविष्य से निकाल के इतिहास में धकेलते हैं और इसमें अपनी एहस भूमिका निभाने के लिए धर्म है ही
धर्म एक ऐसा अस्त्र जो आपको कभी वर्तमान और भविष्य नही बनाने देगा बल्कि आपको इतिहास की ओर ले जाएगा
अगर आज देश की तरक्की करनी है तो इस धर्म रुपी विषैले रोग को कंट्रोल करना पडेगा
जिससे ये देश इतिहास से निकल के वर्तमान और भविष्य की ओर बढ़ सके,..Bunty Tripathi

कोई राम का नाम लेता है,.....

कोई राम का नाम लेता है तो आपको अग्निपरीक्षा और शम्बूक वध के सिवा उनमे कुछ दिखता ही नही, कोई शिव का नाम लेता है तो एक नशेड़ी भगेंड़ी के सिवा आपको उनमे कुछ दिखता नही। कोई कृष्ण का नाम लेता है तो आपको एक लम्पट दिलफेंक के सिवा कुछ नही दिखता अब क्या इनमे देखने लायक वो भी देख ले
शबरी के झूठे बेर खाना या निषादराज गुह को गले लगाना या मेघनाद की लाश को अपने वस्त्र से ढंकना राम ने उस वक़्त प्रचलित हर परम्परा को चुनौती दी। उन्होंने बाकी क्या किया उससे मुझे कोई मतलब नही पर राम के नाम से मुझे इस व्यक्ति के इन कर्मो की याद आती है
शिव, पहले ऐसे आदिव्यक्ति जिन्होंने पत्नी को अर्धांग्नी का दर्ज़ा दिया, एक अच्छे नर्तक, उतने ही अच्छे वाद्य यंत्र बजाने वाले, जिस किसी को योग आसन के बारे में मालूम हो वो इस क्षेत्र में शिव के योगदान को कभी नही भुला सकता ना जाने कितने आसन शिव के द्वारा बनाये गए है एक महान योगी रहे वो जीवन भर
अंत में कृष्ण, अत्यंत जटिल परन्तु हर चीज में मुखर उस समय समाज में प्रचलित हर परंपरा को ना सिर्फ चुनौती दी बल्कि डटकर मुकाबला भी किया, गोवर्धन की पूजा हो या मथुरा को दूध देना बंद कराना हो या अपनी सगी बहन को जबरदस्ती ब्याही जाने के विरोध में उसके प्रेमी के साथ भगवा देना हो या समाज की परवाह किये बगैर बंदीगृह से छुड़ाई गयी सभी कन्यायो को अपना लेना हर जगह कृष्ण ने अपनी महत्ता का परिचय दिया और तो और एक पुरुष और महिला एक मित्र हो सकते हैं इसका साक्षात उदाहरण प्रस्तुत किया उन्होंने
मुझे राम, शिव और कृष्ण से यही सीख मिली और यही सीखने का प्रयत्न कर रहा हूँ जिस दिन मैं इन तीनो के किये गए इन महान कार्यो के बराबर कोई कार्य कर लूंगा उस दिन मैं इनकी बुराइयो की ओर भी देख लूंगा
बुराइयां खोजने में हमने तो सूक्ष्मदर्शी यन्त्र को भी पछाड़ा है हम बुद्ध से लेकर गांधी तक में बुराइयां गिना देता है लेकिन सबसे लास्ट बुराई यही है की ऐसा दूसरा बुद्ध या गांधी कोई नही बन सका
वैसे ही आज तक दूसरा राम, शिव या कृष्ण नही बन सका बाकी तो अपनी क्षमता और नजर का कमाल है।,...Bunty Tripahi

दलित कल भी मारे गए ,…आज भी ,…

दलित कल भी मारे गए ,…आज भी ,…
पर ये क्या हमारी आदत हो गयी है की हर हत्या को ,....जाति या धर्म से जोड़ के देखते है ?
सोंचता हूँ ,…की पूरे देश में कही - किसी सवर्ण को किसी दलित ने आज या कल नहीं मारा होगा,....
हत्या पहले अपराध है ,....जब तक पीछे के कारण ना पता हो ,… फैसले करना गलत ,…

Friday, October 16, 2015

आज के विचार ,....17 October

आप खाओ ना खाओ ,… हमें खाने दो ,…
.........दाल ,....Please,..
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कभी साक्षी - कभी साध्वी,....
कभी ओवसी - कभी आजम,....
कभी लालू - कभी भागवत,....
कभी फलाने - कभी दहिमारे,.....
बयान दे देते है ,…
अरे दाल पर भी बात करो ,.... मालिक
......और उनके चमचो ....
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देखो चुप - चाप ,.... अपनी अपनी - दाल के जुगाड़ में लगे रहो ,… बस ,…
हमारे राज में ,....
ललित, व्यापम,  चावल - धान, कालाधन, प्याज चीनी आदि - इत्यादि को घोटाला नहीं कहते ,…
और कहोगे कहाँ से ,....
दाल खाने की चिंता करो ,.... इंटरनेट रिचार्ज के पैसे है ?
अगर है तो ,… दाल के लिए खर्च करो ,…
दाल खाओ - और चुप रहो ,…
बुड़बक कहीं के ,.... बिहारी ,…
नोट :- बिहारी मतलब गरीब ,…
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काहे के अच्छे दिन ,....
अब तो साला पहले - पोस्ट लिखो फिर मैसेज करके बोलो ,....भाई लिखा है पढ़ लेना ,…
ऐसे हाल हो गये है ,…
लोगो का मन सोशल मीडिया से ऊब रहा है ,.... अब व्हाटप्प का प्रकोप भी कम हो रहा है ,…
इसमें सरकार का भी काफी सहयोग है - इंटरनेट जो - दाल की तरह महँगा हो रहा है ,…
वैसे ,.... सोशल मीडिया के प्रकोप को कम करने के लिये ,… सरकार को बधाई ,…
पर समाज का मोटापा करने के लिए यही फार्मूला अपना रही है मोदी सरकार ,… तो ,…
तो बता दें ,… दाल में वसा नहीं होती - ना मोटापा बढ़ता है ना ही शुगर की बीमारी ,…
जनाब ,…
आप खाओ ना खाओ ,… हमें खाने दो ,… ‪#‎NagShukl‬
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पुष्पक ,....
कुबेर के "हवाई जहाज" का नाम है ,.... जिसकी क्षमता अपार थी ,…जितने लोग उतनी सीट ,....
प्रदुषण रहित ,…सुरक्षित ,.... तेज ,....
ऐसी सर्विस देता था - पुष्पक ,....
पुष्पक से ही ,,....रावण को मारने के बाद ,… श्री राम अपनी सेना समेत अयोध्या आये थे ,…
पता नहीं ,.... आज ये पुष्पक के बारे में क्यों बताया ,.... कोई कारन नहीं है ,.... पर दुबारा से जान लेने में हर्ज भी क्या ,…
वैसे पुष्पक ‪#‎ChaloDeshSudhare‬ भी है ,..

Good Night!!!

Tuesday, October 6, 2015

#‎क्या_बंधक_है_सभी_मुस्लिम_महिलाएँ‬

#‎क्या_बंधक_है_सभी_मुस्लिम_महिलाएँ‬
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन समिति का एक सर्वे आया है जिसकी मुख्य बातें आपसे साझा कर रहा हूँ ध्यान से अध्ययन करिएगा ---
1) 92% मुस्लिम महिलाएँ ने इस्लाम धर्म में तलाक के तरीकों को गलत बताया है
2) 91.7 % मुस्लिम महिलाएँ पति की दूसरी शादी के खिलाफ है
3) 82% मुस्लिम महिलाएँ के नाम उनके घर में महिला के नाम कोई प्रोपर्टी नहीं है
4) 80% मुस्लिम महिलाएँ मौखिक तलाक को गलत मानती है और इसका घोर विरोध भी करती है
5) 56% मुस्लिम महिलाएँ घरेलू हिंसा की शिकार रोज होती है
6) 55.3% मुस्लिम लड़की की शादी 18 साल से पहले हो जाति है
7) 53% मुस्लिम महिलाओं में ना के बराबर शिक्षा है
8) 100% मुस्लिम महिलाएँ मुस्लिम पर्सनल लाॅ बाॅर्ड के खिलाफ है
9) 50% मुस्लिम महिलाएँ बुर्के को बोझ समझती है खुला जिंदगी चाहती है
ये सर्वे देशभर के 4710 मुस्लिम महिलाएँ के आधार पर जारी की गई है हमें भी इस संस्था के ही एक मुस्लिम महिला जो सामाजिक कार्यकर्ता भी है उसी ने हमें भेजा है
मैं अपने तमाम भारतीय दोस्तों खासकर मुस्लिम दोस्तों से पूछना चाहता हूँ आखिर कब तक ये अत्याचार महिलाओं पे आप लोग करते रखेंगे ! आज भारत इक्कीसवीं सदी के दौर में है सब आजाद है सबको अपना जीवन अपने तरीके से जीने का हक है आखिर कब तक ये बंधक जारी रहेगी ! ये सच है की स्वतंत्रता एक दायरे में ही रहना चाहिए , पर जब घर के महिलाएँ ही खुल कर अपना हक और अधिकार मांग रही है तो एक बार समीक्षा तो करना ही चाहिए !!! आखिर घर परिवार तभी आगे बढेगा जब घर की महिलाएँ शिक्षित और समझदार होगी !!!