Tuesday, June 24, 2014

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई,....

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई,
तो छोटी छोटी बाते बड़ी बड़ी खबरें बनी !
🎊🎊🎊🎊🎊
राखी बिरला VIP नंबर वाली गाड़ी में बैठी देखी गई !
अरविन्द केजरीवाल ने 5 कमरों का बहुत बड़ा सरकारी घर ले लिया !
अरविन्द केजरीवाल अपनी गाड़ी में नहीं सरकारी गाड़ी में देखे गए !
आप पार्टी के नेता विधानसभा में टोपी पहनकर क्यों आये !
अरविन्द केजरीवाल की ख़ासी ठीक क्यों नहीं हो रही !
मुख्यमंत्री को आम आदमी के लिए धरने पर नहीं बैठना चाहिए !
राखी बिरला रात को सड़को पर क्यों घूमती है !
अरविन्द का जनता दरबार फेल हुआ ! (किसी ने ये नहीं देखा अरविन्द ने लोगो की बात सुनने की कोशिश तो की)
अरविन्द ने 200 करोड़ की सब्सिडी देकर जुल्म कर दिया !
सोमनाथ भारती ने सैक्स और ड्रग्ज रैकिट क्यों रोका !
अरविन्द केजरीवाल मफलर क्यों पहनते हैं !
💥 ऐसे ही कई मुद्दो पर 49 दिन चर्चा होती रही, इन में से कोई ऐसा मुद्दा नहीं जिस से आम आदमी पार्टी ने आम आदमी का या देश का नुकसान किया हो, मगर आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की हर संभव कोशिश की गई!
💥 आज मोदी जी की केंद्र में सरकार है, बड़े बड़े मुद्दो पर मोदी सरकार पलटी मार रही है U -turn ले रही मगर छोटी खबर भी नहीं बन रही, जैसे :
✅ धारा 370 चुनाव से पहले मोदी के लिए मुद्दा था अब नहीं है !
✅ महंगाई चुनाव से पहले मोदी के लिए मुद्दा था अब नहीं है !
✅ पाकिस्तान चुनाव से पहले मोदी के लिए मुद्दा था अब एक सैनिक को मार दिया तो क्या हुआ !
✅ चाइना चुनाव से पहले मुद्दा था अब चाइना की सेना भारत में घूम कर चली जाये कोई बात नहीं !
✅ वाड्रा की सुरक्षा करेगी मोदी सरकार कोई चर्चा नहीं !
✅ भूटान को 4500 करोड़ के तोहफ़े को चर्चा नहीं !
✅ शिक्षामंत्री को शिक्षा का मतलब नहीं पता कोई चर्चा नहीं !
✅ मोदी सरकार ने गैंस के दाम दोगुने कर दिए कोई चर्चा नहीं !
✅ मोदी सरकार बलात्कारी मंत्री के साथ खड़ी है कोई चर्चा नहीं !
✅ बीजेपी के 98 सांसद दागी हैं कोई चर्चा नहीं !
✅ बीजेपी के 50 से ज्यादा सांसद कांग्रेेस छोड़ कर आये हैं कोई चर्चा नहीं !
✅ जो रक्षा राज्य मंत्री मनमोहन सरकार में भ्रस्ट था मोदी ने उसे ही रक्षा राज्य मंत्री बना दिया कोई चर्चा नहीं !
✅ तेल, रेल, सब्जी सब महंगा हो गया कोई चर्चा नहीं !
💥 मोदी सरकार के हर फैंसले ने आम आदमी को चोट दी है, मोदी ने चुनाव से पहले और बाद में गिरगट की तरह रंग बदला है !
💥 पहले कांग्रेेस सरकार पर आरोप था वो अमीरो के लिए काम करती है, मोदी सरकार तो साफ़ साफ़ उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है, मगर मीडिया मोदी सरकार को बचाने की हर संभव कोशिश कर रही है !
दिल्ली में शीला गई अरविन्द आये, बिजली ,पानी ,भर्ष्टाचार हर मुद्दे पर काम होता हुआ नज़र आने लगा |
केंद्र में मनमोहन गये,मोदी आये बताओ क्या बदला ? क्या लगता नहीं UPA 3 काम NDA कर रही है ?
👺 सिर्फ प्रधानमंत्री का मुखोटा बदला है ! 👺
🇮🇳 जय हिन्द 🇮🇳
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Thursday, June 19, 2014

जैविक खेती का एक आसान तरीका.

जैविक खेती का एक आसान तरीका.
जैविक खाद ( एक एकड़ खेत के लिए )
# एक ड्रम में नीचे लिखी पाँच चीजों को आपस में मिला लें.
१. १५ किलो गोबर ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. १५ लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
३. १ किलो गुड़ ( कैसा भी चलेगा, जो सड़ गया हो आपके उपयोग का ना हो तो ज्यादा अच्छा )
४. १ किलो पिसी हुई दाल या चोकर (कैसा भी चलेगा, आपके उपयोग का ना हो तो ज्यादा अच्छा )
५. १ किलो मिट्टी ( किसी भी पुराने पेड़ के नीचे की पीपल, बरगद .... )
# अब इसे १५ दिन तक छाँव में रखो, और रोज सुबह शाम एक बार इसे मिला दो.
# १५ दिन बाद इसमें २०० लीटर पानी मिला दो, अब आपकी खाद तैयार हो गयी जो एक एकड़ खेत के लिए काफी है.
# इस जैविक खाद को हर २१ दिन के बाद खेत में डाल सकते है.
# अगर खेत खाली है तो सीधे खेत में इसे छिड़क दें. और अगर फ़सल खड़ी है तो पानी के साथ पटा दें !
# यह जैविक खाद आपके रासायनिक खाद ( यूरिया ... ) से ६ गुना ज्यादा ताकतवर है !
# इस जैविक खाद की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है !
# इस जैविक खाद को इस्तेमाल करने से खेत को पानी की कम जरुरत पड़ती है !
जैविक जंतु नाशक ( एक एकड़ खेत के लिए )
# जिस खेत में यूरिया, डी ए पी आदि डाला जाता है, कीट उसी खेत में जाते हैं, आप जितना ज्यादा यूरिया, डी ए पी डालोगे कीट उतने ज्यादा आएंगे, इसलिए सबसे पहले रासायनिक खाद डालना बंद करें खेत में कीट आना कम होते जायेगा !
# एक ड्रम में नीचे लिखी चीजों को मिला कर उबालें !
१. २० लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. २.५ किलो नीम के पत्ते या निम्बोली पिस कर मिलाएं !
३. २.५ किलो सीताफल के पत्ते पिस कर मिलाएं !
४. २.५ किलो आकड़ा ( आक, अकौवा, अर्क मदार ) के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
५. २.५ किलो धतुरे के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
६. २.५ किलो बेल पत्र के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
# इस घोल को खूब उबालें, उबालते समय इसमें करीब ०.५ किलो तम्बाकू का पाउडर मिला दें!
# खूब उबल जाये तो इसे ठंढा करके छान लें !
# अब इसे बोतल में या किसी और बर्तन में रख लें !
# अब जब भी इसका इस्तेमाल करना हो तो इसमें २० गुना पानी मिला कर छिड़के !
# छिड़कने के ३ दिन के अंदर सभी कीट मर जायेंगे !
बीज संस्कारित करने का तरीका ( १ किलो बीज के लिए )
# एक ड्रम में नीचे लिखी चीजों को मिलाएं !
१. १ किलो गोबर ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. १ लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का या भैंस का )
# अब इसमें १०० ग्राम कलई चूना मिलाना है, उसका तरीका है !
३. १०० ग्राम कलई चूना को २ से ३ लीटर पानी में डालकर रात भर छोड़ दें ! सुबह में जब चूना फूल जाये तो चूना और उसके पानी को घोल लें !
# अब ड्रम में जिसमें गोबर और मूत्र मिला हुआ है उसमें ये चुने का घोल मिला दें और इसे अच्छे से घोलें !
# अब कोई भी बीज जिसको संस्कारित करना हो उसे इस घोल में मिला कर रात भर ( ३ से ६ घंटे ) छोड़ दें !
# सुबह में बीज को घोल से निकाल लीजिए, और इसे छाँव में सुखा लीजिए !
# अब आपका बीज तैयार है इसे खेत में लगा दीजिए !
# इस संस्कारित बीज से आपको उत्पादन ज्यादा मिलेगा !
# और इस संस्कारित बीज पर कीट आसानी से नहीं लगेगा

Tuesday, June 17, 2014

बेघरों को घर देने वाले CM Arvind Kejriwal को दिल्ली में कोई घर किराये पर देने को तैयार नहीं.

Blog of पुण्य प्रसून बाजपेयी : बेघरों को घर देने वाले CM Arvind Kejriwal को दिल्ली में कोई घर किराये पर देने को तैयार नहीं.
बंधु दिल्ली में कोई हमें घर देने को तैयार नहीं है। यह ना तो मुंबई की तर्ज पर किसी मुस्लिम का कथन है और ना ही घर ढूंढने वाले किसी बेरोजगार का। जिससे किराया मिलेगा या नहीं इस डर से मकान मालिक घर देने से इंकार कर दे। यह शब्द अरविन्द केजरीवाल के हैं। जी, वही केजरीवाल जिन्होंने दिल्ली में बेघरों को घर दिलाने की जद्दोजहद की। ठंड भरी रातों में खुले आसमान तले रात बेघरों को गुजारनी ना पड़े इसके लिये केजरीवाल के मंत्री जद्दोजहद करते रहे। उसी केजरीवाल को दिल्ली में कोई किराये पर मकान देने को तैयार नहीं है। केजरीवाल ने दिल्ली का सीएम बनने के बाद डीटीसी बसों को रैन बसेरा में तब्दील किया। दो हजार से ज्यादा बेघरों के लिये छत की व्यवस्था ४९ दिनों की सत्ता के दौरान कर दी गयी। जिन बस्तियों में सिर्फ घर थे लेकिन घर बिजली -पानी से महरूम हुआ करते थे, वहां बिजली पानी व्यवस्था कराकर घरों को आबाद किया। बच्चों की किलकारियां घुप्प अंधेरे में समाये घरों में लौटी क्योंकि बल्ब जगमगाने लगे। मां-बाप खुश हुय़े कि उनकी जेब पर कोई डकैती नहीं डाल रहा है। रसोई में चूल्हा बंद कराने वाले बिजली के बिल कम हुये। कुछ के माफ हुये। बिलों के सौदागरो की दुकानें बंद हुई। लेकिन इसी केजरीवाल को कोई मकान देने को तैयार नहीं है।
तिलक लेन के सरकारी आवास को खाली कराने के लिये केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन भी हुये और नारे भी लगे। लेकिन ना तो किसी नारे लगाने वाले को पता था ना ही तख्तियों पर केजरीवाल के खिलाफ घर खाली करो के शब्द लिखने वालों को कि घर के भीतर जो दर्द पसरा है, उसमें पत्नी परेशान है कि घर खाली कर कहां जाएं। बच्चों के दोस्त पहले स्कूल में अब अड़ोस-पड़ोस के खेलते वक्त पूछ लेते हैं। घर खाली कर कब जा रहे हो य़ा फिर क्या कोई घर मिला। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में एक शख्स घर देने को तैयार हो गया तो केजरीवाल का पूरा परिवार ही सामाने की गठरी बांधने में लग गया कि दो दिन के भीतर घर खाली कर देंगे। शनिवार-रविवार को सामान चला जायेगा। और फिर सोमवार को मयूर विहार में मिलेंगे। शुक्रवार को टेलीफोन पर यही कुछ केजरीवाल ने कहा। और यह भी कहा कि अब मयूर विहार में मिलेंगे। वक्त हो तो आइयेगा। मैंने भी कहा चलिये जो लोग आपको सरकारी मकान छोडने के लिये नारे लगा रहे थे उन्हें अब सुकुन होगा। और जिक्र सरकारी मकान के ८४ हजार रुपये किराये का नहीं होगा। सुकुन की राजनीति का नहीं होगा। बात आयी-गयी हो गयी। मुझे भी लगा कि यह तो खबर है कि केजरीवाल सरकारी घर छोड़ कर किसी किराये के घर में जा रहे हैं। तो न्यूज चैनल के स्क्रीन पर खबर चल पडी-केजरीवाल घर खाली करेंगे । रविवार को झटके में मैंने सोचा कि केजरीवाल घर खाली कर रहे हैं तो आखिरी बार उन्हें सरकारी घर में मिल लिया जाये। भरी दोपहरी में तिलक लेन के सरकारी घर में पहुंचा। तो केजरीवाल अकेले घर में मिले। कुछ इधर उधर की बात होती रही। राजनीतिक तौर पर देश के हालात पर भी चर्चा हुई।
लेकिन कुछ देर बाद ही केजरीवाल की पत्नी पहुंची। और शांत बैठे केजरीवाल से कुछ गुफ्त-गू करने लगीं। फिर अचानक मेरी तरफ देख कर बोली हम किराये के घर के बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन अब आप इसे खबर ना बनाइएगा। क्यों क्या हुआ। आपका सामान तो शिफ्ट हो रहा होगा। अरे नहीं। केजरीवाल बोले । आपने खबर दिखायी और मकान मालिक ने घर देने से ही मना कर दिया। क्यों। क्योंकि घर मालिक को लगा कि केजरीवाल को मकान देंगे तो फिर मीडिया भी आयेगा और नगर निगम को दिखाये नक्शे से इतर एक कमरा जो बना लिया है, उस पर सभी की नजरें जायेंगी। तो फिर बेवजह सफाई देते रहनी होगी। केजरीवाल की पत्नी दुखी थीं। चेहेरे पर हताशा थी। खुद दो महीने बाद प्रमोट होकर इनकम टैक्स कमीशनर के पद पर होंगी। लेकिन आम आदमी के लिये संघर्ष करते केजरीवाल की फितरत ने पत्नी को भी उसी संघर्ष के बीच ला खड़ा किया, जहां राजनीति करते हुये एक चल रही व्यवस्था को चुनौती देते हुये सामान्य जिन्दगी जीना कितना मुश्किल हो सकता है, उसके जख्म हर क्षण पूरा परिवार खामोशी से आज सीने पर ले रहा है। पत्नी खुद आईआरएस अधिकारी हैं। एक महीने बाद प्रमोट भी हो जायेंगी। फिर इन्कम टैक्स कमिश्नर हो जायेंगी। यानी अभी भी कोई छोटा पद नहीं है। लेकिन ना कोई क्वार्टर है ना कोई विभाग। दिल्ली में सत्ता बदली है। केजरीवाल ने और किसी को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वाराणसी जाकर चुनौती दी थी तो क्या यह चुनौती लोकतंत्र के दायरे से इतर थी। कौन सा डर केजरीवाल परिवार को खामोश किये हुये है। जो केजरीवाल दिन में बैटरी रिक्शा वाले के हक के लिये दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से तर्क करते हैं। शाम होते होते
मोहल्ला सभा में हर बस्ती हर कालोनी वालो के दर्द के निपटारे का रास्ता निकालने में भिडे रहते है। और शाम ढलने के बाद घर पर पहुंचने वाले हर दुखियारे की गुहार को सुन कर जल्द ही कुछ कर देने का आश्वासन देते हों।
वही शख्स एक अदद किराये के मकान को लेकर परिवार को भी भरोसा ना दे पा रहा है। और पत्नी बच्चों को अपने पति अपने पिता पर गर्व हो। सरकारी घर के एक कमरे में बूढे मां बाप भी हर आने जाने वाले को देखते हों। घर के बाहर कतारों में खड़े लोगों की बेटे केजरीवाल से काम कराने की तसल्ली पाकर ही लौट जाते हों। वह खुद किस मानसिकता में होगा इसका अहसास शायद खामोश कमरे में पत्नी के शब्दों से ही टूटता है या कहे कही ज्यादा खामोशी ओढ कर निकलने के हालात पैदा करता है। क्योंकि जिस दिल्ली के लिये सबकुछ छोड़ा उसी दिल्ली में घर किराये पर देने से पहले कोई पूछंता है , आपके यहा तो बहुत लोग आयेगें । तो कोई राजनीतिक नेताओ का खौफ दिखाता है । आपको घर दे दिया तो मोहल्ले के छुटमैया नेता ही सही लेकिन परेशान करेंगे । किसी को लगता है केजरीवाल को घर किराये पर दे दिया तो इलाके के नगर निगम अधिकारी से लेकर कांग्रेस-बीजेपी के नेताओ के भी निशाने पर वह आ जायेगा। आपने तो दिल्ली को ताकत दी। ल़डना सिखाया । तो क्या दिल्ली कमजोर और डरे हुये लोगो का शहर है। नहीं मै यह तो नहीं कह सकता। लेकिन फिलहाल तो एक अदद किराये का घर चाहिये। तो फिर केजरीवाल क्या करें । क्या दिल्ली छोड यूपी में डेरा डाल दें। जहा कानून -व्यवस्था चाहे चौपट हो लेकिन नोयडा या गाजियाबाद में तो घर मिल जायेगा। इन इलाको में घर मिल रहे हैं। नहीं नहीं दिल्ली की सियासत इतनी भी अंधेरी नहीं है। यहां राजनीति इतनी भी
जहरीली नहीं हुई है। सबकुछ है। इसलिये मैंने बार बार व्यवस्था बदलने का जिक्र किया था। डरे हुये लोगो को उनकी ताकत का एहसास कराना चाहता था। लेकिन आम आदमी को जबतक ताकत मिलती ताकतवर लोग ही डर के साथ एकजुट हो गये । और वही डराते हैं। शायद संघर्ष करने की राजनीति का क्या मोल होता है या क्या क्या चुकाना पडाता है यह सब हम देख रहे हैं। लेकिन हर कोई शामोश है । किसी को केजरीवाल में मसालेदार खबर चाहिये। किसी को केजरीवाल का संघर्ष में सबकुछ लुटाना ताकत देता है। किसी को केजरीवाल का अतीत सुकुन देता है। किसी राजनेता को खामोश केजरीवाल से राजनीतिक ताकत मिलती है । तो सत्तादारी को बिना मांगे केजरीवाल को सरक्षा दे कर सुरक्षा के कटघरे में अलग थलग खड़ा कर देना राहत देता है। क्योंकि कोई भी अवस्था केजरीवाल को आम आदमी नहीं मानती। और केजरीवाल भी हट किये हुये है कि वह संघर्ष आम आदमी को लेकर ही करेंगे। चाहे चारदीवारी के बाहर यह सवाल का आ पाये कि कौशांबी का क्वार्टर दिल्ली को संभालने के लिये छूटा । पत्नी के छत से सरकार क्वार्टर का हक दिल्ली के आम आदमी के हक के लिये छूटा। क्योंकि दिल्ली का सीएम बना तो कौशंबी का घर छोड दिल्ली आना ही पडा । अब बेटी की परीक्षा समाप्त हो चुकी है रिजल्ट निकल चुका है । तो सरकारी घर छोड तो दें लेकिन कमाल है कोई घर ही नहीं दे रहा । यह आखिरी लफ्ज केजरीवाल ने जिस सरलता घर से निकलते निकलते कह दिया, उतनी ही दुविधा थी इस सरल शब्दो को पचाने में लगे क्योकि जिस वक्त केजरीवाल ने राजनीति शुरु की कमोवेश हर मोहल्ले में महज एक रुपये की टोकन किराये पर दर्जन भर लोग घर देने को तैयार थे । और अब केजरीवाल मुस्कुराते हुये कहते है बंधु दिल्ली में हमें कोई किराये का मकान देने को तैयार नहीं है।

Saturday, June 7, 2014

केजरीवाल नहीं गडकरी फंस गए हैं!

केजरीवाल नहीं गडकरी फंस गए हैं!

नितिन गडकरी-अरविंद केजरीवाल मामले में ग़लत रिपोर्टिंग की जा रही है. इसका नमूना देखिए.
कई जगह तो यह भी बता दिया गया कि केजरीवाल बुरी तरह फंस गए हैं. उन्हें अब 2 साल की सज़ा होगी और वह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. भगवान बचाए ऐसे रिपोर्टरों और सबएडिटरों से. किसी ने यह नहीं बताया कि अब नितिन गडकरी को अब अदालत में अपनी सारी संपत्तियों और बिजली और चीनी बनाने वाली कंपनियों का ब्यौरा देना पड़ेगा. नागपुर में 100 एकड़ ज़मीन कैसे मिली यह भी बताना पड़ेगा. यह भी साफ़ करना पड़ेगा कि पूर्ति ग्रुप में निवेश करने वाली कंपनियों के पते फ़र्ज़ी क्यों हैं. उनका ड्राइवर कैसे कई कंपनियों का डायरेक्टर बन गया, उस ड्राइवर ने एक दो साल में ऐसा क्या किया कि उसके पास करोड़ों रुपए आ गए और वह कंपनी का मालिक बनकर
गडकरी की कंपनी में पैसे लगाने लगा.

गडकरी को इस पर भी स्पष्टीकरण देना पड़ेगा कि सड़क बनाने वाली कंपनी आईआरबी ने उन्हें 164 करोड़ रुपए क्यों दिए. आईआरबी कोई वित्तीय कंपनी तो है नहीं. शिवसेना-बीजेपी रिजिम में जब गडकरी पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर थे तब, आईआरबी को ही सभी कॉन्ट्रैक्ट क्यों मिले, यह भी बताना पड़ेगा.

शायद भविष्य की आहट उन्हें लग गई है. इसीलिए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे. हां एक बात गडकरी के पक्ष में है, केंद्र में उनकी सरकार है, हो सकता है महाराष्ट्र में भी उनकी सरकार बन जाए. तब ज़रूर उन्हें मोहलत मिल सकती है.

अरविंद दरअसल, यही चाहते थे कि गडकरी की जांच कोर्ट के मार्गदर्शन में हो ताकि जांच सही हो. और, इस देश में कहीं भी अगर जांच सही हो गई तो किसी भी ईमानदार को कोई बेइमान और भ्रष्ट आदमी बाल भी बांका नहीं कर सकता.

Tuesday, June 3, 2014

BJP`s ACHIEVEMENTS IN JUST 9 DAYS OF GOVERNMENT FORMATION!!!!!!

BJP`s ACHIEVEMENTS IN JUST 9 DAYS OF GOVERNMENT FORMATION!!!!!!
1) Inception of people with serious criminal charges in the cabinet (about 30%)
2) Invite to Pak PM and firing at the border resulting in death of two soldiers at the same time
3) Smriti Irani certificate issue (12th pass Education Minister & Wrong Education nformation)
4) Gopinath Munde college degree issue (Got degree 2 yrs before the opening of College)
5) Decision of increasing Diesel prices by 50 paisa /month. (Following Congress Rules)
6) Pune riots - The incident and the silent thereafter, both were shameful
7) 100% FDI in defense when several experts have questioned the idea
8) FDI in retail sector to remain
8) Arrest of several individuals over FB and Twitter posts against Modi but no action against similar incidents which led to riots in Pune
10) Robert Vadra SPG security issue
11) 500 SPG guards for Narendra Modi. The highest for any PM till date (ViaBhavye Goel)
11) Attack on Indian embassy and abduction of an Indian in Afganistan followed by no concrete action from the Government (Via Veerendra)
12) Reinstating tainted police officers in Gujrat and Rajasthan (Via Mamatha)
13) Sex racket busted at flat owned by BJP MP and ex-cop Satyapal Singh
14) Government silence over train accident (no corrective measures announced) and rape cases (no action apart from condolences)
16) Lankan navy arrests 33 TN fishermen, 5 days after Rajapaksa's visit
17) Female dancers in BJP celebration events (This one is the most shameful IMO)!

Mahengayi: main jaa rahi hoon???