Thursday, January 21, 2016

Rohit चला गया ,.... रोहित मर गया ,..

Rohit चला गया ,.... रोहित  मर गया ,... रोहित ने आत्महत्या कर ली ,...
रोहित ने कुछ सवाल खड़े किये ,... जिनके जवाब ढूँढने पूरे देश का ग्यानी और राजनीतिक ,.... समाज ,...बैंड बाजे के साथ कूद गया ,...
लोग तरह - तरह की दलीलें देने लगे ,.... कितनी बहसें हुई ,...
पर ,... क्या हम जानते है रोहित ने क्या सवाल छोड़े थे ??
क्या सवाल छोड़े थे बताओ - जरा ?

रोहित ने ,... इस दुनिया के लिये ,...अपने ,...अंतिम सन्देश में क्या कहा ?,... उसने क्या शिकायत की ?,... वो क्या कहना चाहता था ?,...
वो क्या सुझाव देना चाहता थे दुनिया ?,...
वो क्या बदलाव देखना चाहता थे ,.. दुनिया में ?,...

ये तो जैसे सवाल है ही नहीं ,.... सवाल है तो ,... रोहित की जाति ,.... क्यों?,...

सही कहा था ,... रोहित ने अपने अंतिम पत्र में। ..
"इस दुनिया में ,..जैसे इंसान को ,... कभी दिमाग की तरह देखा ही नहीं गया ",...
व्यक्ति की पहचान ,.... उसकी फौरी औकात और दिखावा है ,...

खैर ,...
देश में बहस है की रोहित की जाति ,......
कितनी आसानी से ,... देश ने समझ लिया ,... देश को समझा दिया गया ,....
"रोहित दलित था",...

नहीं जनाब ,.... शर्म करो ,.... रोहित एक दिमाग था ,.... रोहित एक जज्बात था रोहित एक सोंच थी ,....
जब इस दिमाग ,... जज्बात ,... सोंच को ,.. इस दिशाहीन समाज में ,... दिशा नहीं मिली तो ,...
तो उसने सितारों की राह अपना ली ,...
और तुमने ,...
"ढाक के तीन पात",.... उसकी ,.... मेरी ,.. जाति की राह पकड़ ली ,...

वो एक गाना था ,...
छोड़ो ,... बीएस गाना ही था ,.. "इंसान की औलाद है इंसान ,...",... छोड़ो ,...

अब मुद्दे की बात ,...
जरा कोई बतायेगा ?,...
मेरे गाँव में ,... दुर्बल शरीर ,... फटेहाल कपडे ,...सूखी आँखे ,... लिये ,...
वो कौन सी जाती का ,... बाँदा जा रहा है ,... सरपंच के सामने ? नरेगा में नौकरी की गुहार लगाने ?,...
कुछ लोग कहेंगे ,... दलित ,.. कुछ सोचेंगे वो ब्राम्हण - ठाकुर या बनिया तो हो ही नहीं सकता ,..
खैर ,...
इतना सोंचना क्या ,... वो कोई भी हो सकता नहीं ,... वो कोई भी होता है ,...
एक बात बतायें ,.... वो "गरीब" होता है ,...
गरीब होने के बाद ,....

ना कोई ,.. बामन होता है ,... ना कोई ठाकुर ,...
दुनिया ,...
दुनिया में सिर्फ दो ही जाति है ,... "शिकार और शिकारी",... बस इन्ही दो जातियों का निर्माण किया है प्रकृति ने ,...
बाँकी जो बचा वो दिमाग है ,... जिसकी बात ,..रोहित कर रहा था ,... 
बाँकी जो बचा वो जज्बात है ,... जिसकी बात ,..रोहित कर रहा था ,...  #NagShukl