Wednesday, July 31, 2013

झाड़ू..........आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह

दोस्तों, आज चुनाव आयोग ने आपकी पार्टी ...आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह "झाड़ू" ...जी हाँ झाड़ू ही आवंटित की ...
जब पहली बार सुना ...तो अजीब लगा ..ये क्या है ...
पर धीरे से समझ आया ...सही तो है .."झाड़ू" ....

झाड़ू ...मतलब सफाई ....और यही तो करने आयी है आपकी पार्टी ....
वैसे हमारे गाँव - घर में झाड़ू ....को लक्ष्मी भी मानते है ...मानते क्या है ...है मेरी भी समझ से ...सफाई से स्वास्थ ...शिक्षा ....बचत ...और समृद्धि .....

खैर झाड़ू तो हम सभी ...उठाते है ..पर जब जब उठाते है ....बस गंध ही भागते है ....कभी कूड़ा कचरा ..कभी मकड़ी छिपकली .....कभी उठी तो कोकरोच का काम तमाम किया ....और कभी उठी तो चूहा गया ....

झाड़ू जब उठती है ..कुछ भला ही करती है .....

वैसे झाड़ू ...उठती दोनों ...आदमी और औरत के हाँथ में है ....पर जब कोई औरत ...झाड़ू उठाती है ....तो result बदल जाते है ....घर के हाल बदल जाते है ....बदमास बदहाल हो जाते है ....

हाँ यही तो .....झाड़ू सिर्फ सफाई का औजार नहीं .....महिला का हथियार भी है ...
अभी आज की ही तो दिल्ली की बात है की .....दो motorcycle सवार झपटमार ..एक महिला की चेन ले भागे ...तो क्या ...पास की दूसरी बहन के पास झाड़ू थी ....चल गयी ... motorcycle लडखडा गयी ...किसी तरह जान बचा भागे ...पर motorcycle का नंबर नोट हो गया .....

पर कायर चोर ने .....इस पर गोली चला दी .....पर कोई नहीं ...बहन अस्पताल में अब ठीक है ...
इस बहन के जहन में ...अन्याय और अपराधी से लड़ने की इच्छा तो हमेशा रही होगी पर .....आज झाड़ू ने शायद हिम्मत दे दी ....

ये झाड़ू ...घर, देश, समाज तीनो के लिए जरुरी है ....

और अपनी परिभाषा पर सही उतरते हुए ....झाड़ू ...सफाई ही करेगी हर जगह की ......और जरुरत पर पर ...दंड भी ....
अभी तक झाड़ू नहीं थी .....और गन्दगी बहुत ....
अब झाड़ू है ...और ईमानदार,....निडर हाँथो में है .....आपके हाँथो में है ....हमारे हाँथो में है ....

अंत में ख़ास बात ये ..की इतने कारगर औजार और हथियार ...को अपने पास रखने के लिए .....अपना बनाने के लिए ....किसी से किसी तरह के ...लाइसेंस लेने की जरुरत नहीं ......
ये आपकी अपनी है .....आपकी मर्जी से उठेगी .....
आपकी मर्जी से चलेगी ....
आपके साथ चलेगी ......
आपके बिना नहीं .....

अब ये बता ही दें ...की आम आदमी पार्टी में हर स्तर पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित है ...और किसी भी रिक्ति को किसी आदमी से नहीं भरा जा सकता .....क्यों ?....क्योंकि झाड़ू जब महिलाओं के हाँथ हो तो ......इतिहास भी बदल सकता है ....
वैसे सभी बहनों को बता दें ....की आप बिना किसी झिझक के ....आम आदमी पार्टी में ...सक्रीय हो सकती है .....यहाँ सब झाड़ू की अहमियत समझते है ....सम्मान देते है ...कभी उठाने की नौबत नहीं आएगी .....नागेन्द्र शुक्ल



मीडिया सदैव ही सकारात्मक रुख अपनाने से कतराता रहा है

मानो भारत की छवि को विश्वपटल पर धूमिल करने के लिए नेता उन्हें ना-उम्मीद कर बैठे, तो भारतीय मीडिया स्वम सीधे उनका प्रतिस्पर्धि बन राष्ट्र को अपमानित करने लगा है.

भारत में लोकतंत्र की जडें और मज़बूत करने के लिए मीडिया सदैव ही सकारात्मक रुख अपनाने से कतराता रहा है.
भारतीय पत्रकारिता आजकल एक ऐसा व्यापार बन चुका है जिसका तानाबाना फ़िल्मी दुनिया के काल्पनिक संसार के अथवा माननीय व्यक्तियों के निजी जीवन को खंगालने या फिर क्रिकेट के तथाकथित देवताओं के इर्द्गिर्द ही बुना जाता है. विशेषरूप से trained ये पत्रकार मसालेसार कहानियाँ गढ़ते रहते हैं जिसे आम-आदमी अपने दुःख दर्द को भूलने के लिए पढना भी चाहता है.

कोई आश्चर्य नहीं कि भारतीय मीडिया को अब एक विशिष्ट गौरव हासिल है जिससे विश्व के लोग इसे अहंकारी, पक्षपाती, सनसनी फ़ैलाने वाला या मतप्रचारक के रूप में जानने लगे हैं। भ्रष्टों के साथ कूल्हों से जुडा हमारा मीडिया उनके हर अनुचित कार्य में बराबर का भागीदार है इसीलिए अपने राजनैतिक मालिकों के सौदों के लिए भूमिका बनाने हेतु तत्परता से प्रचाररत भी रहता है.

लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ को लोकतंत्र के सेवा करते हुए, बिना किसी पक्षपात या किसी गोपनीय कार्यक्रम में लिप्त हुए, सिर्फ सच और सच्चाई का ही साथ देते हुए, गर्व से सीना तान खड़ा होना चाहिए। वहीँ देखा ये गया है कि हमें कोई शायद ही कभी कोई ऐसा पत्रकार देखने को मिलता है जो सही दिमाग सही सोच रखता है। अयोग्य व गुणरहित पत्रकार शक्ति के केन्द्रों के नज़दीक आने के लिए नए से नए अवसरों को एक दुसरे से छीनने में लगे हैं, वर्ना कोई बताये कि क्या कारण हो सकता है कि सन 2006 में 512 पत्रकारों को उन अभागे 1520 कपास के किसानों के मृत शरीरों को लाँघ मात्र एक फैशन सप्ताह का विस्तृत प्रसारण करने के लिए भेजा जाता हैं जिन्होंने सरकारी नीतियों के चलते घोर गरीबी में आत्महत्याएं कीं और अपने परिवारों को अकेला मरने के लिए पीछे छोड़ दिया जिसे किसी मुख्यधारा मीडिया में पूर्णरूपेण प्रसारित नहीं किया गया था?

इन घटिया नेताओं से नज़दीकियां बनाने में मीडिया इतना नीचे गिर गया है कि सत्ता के कोठों के पिछवाड़े उनके पालतू जानवरों के साथ अठखेलियाँ करता कुलांचें भरता सा नज़र आता है ( राजीव शुक्ला, दीपक चौरसिया)।

TV रिपोर्टर्स का हाल सबसे बुरा है। शुरुआत तो करते है चर्चा-परिचर्चा या बहस के दिखावे के साथ जो की मेहमान सदस्यों के बीच अपेक्षित होती है, मज़ा तब आता है जब आयोजन करता स्वम मेहमानों का तिरस्कार करते हुए चीखने का उपक्रम शुरू कर देता है(अरनब). बहस के दौरान बेइन्तहा बकवास करके ये वाचाल टीवी शो प्रेजेंटेर्स अपने मेहमान सदस्यों को बोलने या अपना तर्क प्रस्तुत का कोई अवसर ही नहीं उठाते।
नम्रता…शिष्टचार… सभ्याचार…क्या मज़ाक कर रहे हो दोस्त? बिलकुल नहीं! इनको इन सब की कोई परवाह नहीं… ये बातें अनजानी बातें हैं…महज़ किसी भी पाठ्यक्रम से बाहरी बातें…और इनके लिए सदैव ये ऐसी ही रहेंगी।कहते हैं कि आप सभी को थोड़े समय के लिए बेवक़ूफ़ बना सकते हैं या थोड़े लोगो को बहुत समय तक, परन्तु सभी लोगों को सारे समय बेवक़ूफ़ नहीं बना सक्ते. अब भी समय है कि मीडिया अपने वास्तविक मूल्य की पहचान करे और असली भारत के साथ जुड़ने का प्रयास करे और इसकी तकलीफों और समस्यायों को नयी आवाज़ दे… ठीक 'आप' का दिखाई राह पर चलते हुये।

Tuesday, July 30, 2013

में अपना वोट "आम आदमी पार्टी " को क्यों दूं? "

में अपना वोट "आम आदमी पार्टी " को क्यों दूं? "
" में अपना साथ देशभक्त "केजरीवाल" को क्यों दूं? "

1 अगर "आप" भ्रष्ट हो गई तो ?
उत्तर : भाई, "आप" सच्ची, पारदर्शी और ईमानदार है जबकि दूसरी पार्टीयां आर टी आई में ही नहीं आना चाहती। फिर "आप" का लोगों से पक्
का वायदा है कि सत्ता में आने के पंद्रह दिन के अन्दर ये, नापसन्दी, वापिस बुलाने और जन लोकपाल पास कर देगी। ऐसा किसी अन्य पार्टी ने पैंसठ सालों में वायदा तो दूर, बोला तक नहीं।

2 जन लोकपाल के लिए "आप" कोर्ट क्यों नहीं जाती?
उत्तर : कोर्ट कानून नहीं बनाती।

3 हमें "आप" की क्या जरुरत है? क्या हम भाजापा और कांग्रेस को नहीं सुधार सकते ताकि राजनीती साफ़ सुथरी हो जाए?
उत्तर : असंभव, हम 65 साल इन सबको पूरी और हर तरह से आजमा चुके हैं। हालात सुधरे नहीं बल्कि और ज्यादा खराब हुए हैं।

4 भारत कैसे सुधरेगा जब इसके लोग भ्रष्ट हैं?
उत्तर : बिलकुल गलत, लोग ईमानदार हैं पर ये सिस्टम ऐसा है जो उन्हें गलत करने पर मजबूर करता है।

5 कुछ लोग सारा सिस्टम नहीं बदल सकते। हम कुछ नहीं कर सकते।
उत्तर : भाई, अब कोई 'ओबामा' तो हमारे देश को सुधारने आएगा नहीं। अब हमें इसे खुद ही सुधारना है। "राजनीती गन्दी है ", हमें अपनी यह "सोच" बदलनी है। सिर्फ सच्चे देशभक्त ही चुनने हैं जो साफ़ सुथरी ईमानदार राजनीती करें। सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि, देशसेवा की ईमानदार राजनीति करते थे। जब ऐसे अच्छे निस्वार्थी देशसेवा करने वाले लोग राजनीति में आयेंगे, तो राजनीती स्वता अच्छी लगेगी। देश का चरित्र निर्माण और नैतिक विकास करना "आप" की प्राथमिकता है।

6 "आप" को कोई नहीं जानता?
उत्तर : हमारे बात करने से पहले क्या आप "आप" को जानते थे? अब आप जानते हो .... अब आप ओरों से बात करोगे, उन्हें "आप " के बारे बताओगे की कैसे "आप" हमारे देश और हमारा भविष्य उज्जवल करेगी, कैसे आम आदमी सत्ता खुद संभालेगा, कैसे भ्रष्टाचार जड़ से ख़त्म होने से सारी वस्तुएं, बिजली पानी आधी से भी ज्यादा सस्ती हो जायेंगी, चरित्र निर्माण होगा, धनी लोग गरीब की पूरी पूरी मदद करेंगे, अपराध और बलात्कार पर रोक लगेगी, सब भारतीय बराबर, शिक्षित और सुखी होगे। अब आप आने सम्बन्धियों और मित्रों को बताओगे।

7 "आप" बड़ी बड़ी मीटिंग कर जनता को क्यों नहीं बताती ?
उत्तर : "आप" मानव धर्म और सच्चाई में विश्वास करती है। इसके सदस्य अपनी सच्ची कमाई का एक हिस्सा इसे चेक ड्राफ्ट या ऑनलाइन देते हैं। सो इसके पास इतना धन नहीं है की बड़ी बड़ी सभाएं कर सके या बड़े बड़े होर्डिंग लगा सके। इसलिए ये एक दूसरे से आत्मीय वार्तालाप से अपने विचार आदान प्रदान करती है। इसे मीडिया का साथ भी नहीं है। .... फिर भी केवल आठ महीने में "आप" की सच्चाई, पारदर्शिता और ईमानदारी देश की चारों दिशाओं में करोड़ों आम आदमीयों के दिल को छू गयी है।

जय हिन्द !

Monday, July 29, 2013

मोदी जी के भक्तो के लिए सन्देश

@@@@ मोदी जी के भक्तो के लिए सन्देश @@@@@@
आज पार्क में बहुत सारे बीजेपी के शुभचिन्तक मिले ..उन सभी का कहना था ...की दिल्ली चुनाव में तो अरविन्द जी सिवाय कोई दूसरा विकल्प है ही नहीं दिल्ली चुनाव में तो अरविन्द जी पक्का ......पर 2014 के चुनाव में तो मोदी जी को ही नेता मानना ठीक है ....

वैसे अभी के हाल में 2014 के चुनाव में आम आदमी पार्टी की स्थिति के बारे में कुछ बोलना ...अप्रसंगिग है ....पर पार्क में उन बीजेपी के शुभचिन्तको से पूंछा ...की क्या बीजेपी/NDA अगर सरकार बनाने की स्थिति आती है ...तो क्या मोदी जी PM बन जायेंगे ...
उनका सब कहना था हाँ .....पर मेरा विचार अलग है ....वो इसलिए ...की

उत्तर प्रदेश में एक बार राजनाथ सिंह ...CM बने थे ...तो जब वो CM बने थे ...उस दिन ....उस दिन से पहले किसी ने ....
किसी ने सोंचा नहीं था की .....राजनाथ सिंह ...CM बनेगे ....
तो मैं कहना ये चाहता हूँ ....की अगर मोदी साहब को PM बनना है ..तो उन्हें किसी और से नहीं राजनाथ सिंह ...से सावधान रहना जरुरी है ..क्यों ?....क्योंकि राजनाथ सिंह ...ही वो व्यक्ति है जिन्होंने
मोदी जी को PM बनाने की हवा बनाई और बनवाई ....
राजनाथ सिंह ...ही वो व्यक्ति है जिन्होंने संजय जोशी के खिलाफ मोदी को खड़ा किया था ..और हटवाया ...
राजनाथ सिंह ...ही वो व्यक्ति है जिन्होंने,...अडवाणी जी का तिरष्कार ...अभी गोवा में करवाया ...
राजनाथ सिंह ...ही वो व्यक्ति है जिन्होंने,...सुषमा जी को ....अडवाणी को मानाने के लिए मनाया ...और सुषमा जी को ....गोवा बैठक में ...बिना अडवाणी के सम्मलित होने पर मजबूर किया ....
राजनाथ सिंह ...ही वो व्यक्ति है जो परदे के पीछे से ...मोदी जी को हवा दे रहे है ...और तोड़ फोड़ ....ताकि जब सब बिखर जाए तो ...सब जोड़ने के नाम पर ....कोई नया नाम चुना जाए ......तब अचानक से ....यही नाम राजनाथ सिंह ...उभरेगा .....
ठीक वैसे ही ....जैसे .....अभी बीजेपी के अध्यक्ष पद के लिए .......अचानक से आया ....
मोदी जी के भक्तो .....जिससे सावधान रहने की तुमको जरुरत है ...वो है ...राजनाथ सिंह ...कोई और नहीं ......

जागो ..और सोशल मीडिया पर सबको बताओ .....इससे पहले की ....रेल निकल जाए ....
मुझे क्या ....मेरा काम तो आगाह करना था ...सच समझाना था ....तो बता दिया ....मर्जी आप लोग की ...

अब अंत में बता दें ....की मुश्किल तो है ...पर देश के लिए उचित इस समय ...सिर्फ एक व्यक्ति है .....और वो है ....हमारा अरविन्द केजरीवाल ....

अरविन्द केजरीवाल ने तो पहले ही कहा है ...अगर कोई भी .... जनलोकपाल, RTR / रिकॉल, सिटीजन चार्टर के लिए कटिबद्ध होगा ...जो भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए CBI के Independence की बात करेगा ....जो भी सत्ता के विकेन्द्रीय कारन की बात करेगा ....स्वराज को अपनाएगा .... अरविन्द जी उसका साथ देंगे ....

अब मोदी के भक्तो .....राजनाथ को रोके बिना ....मोदी तो PM बन नहीं सकते ..
और जनलोकपाल के बिना ....भारत भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो सकता .....तो मेरी सलाह है की .....
या तो राजनाथ का विरोध करो ......या अरविन्द का सहयौग ...इन्ही दो स्थिति में ....
या तो तुम्हारा सपना पूरा होगा ...
या हमारा देश एक सच्ची व्यवस्था को प्राप्त करेगा ....और स्वराज को प्राप्त करेगा .....सच्चे लोकतंत्र को प्राप्त करेगा ...

तो सोंच लो ....और चुन लो ...जो सही लगे ..... नागेन्द्र शुक्ल
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मोदी जी के सभी शुभचिन्तको ....को बताना चाहता हूँ की ...दिल्ली में तो चलो चुनाव है चलो मान लिया की वोट लेने के लिए पोस्टर्स से मोदी जी का फोटो हटा दिया ...पर MP में मामा शिवराज जी ने क्यों गायब कर दिया मोदी जी को ...अपने पोस्टर्स से ...

अजीब राजनीती है ..इन्टरनेट पर फोटो के साथ प्रचार करना है ..और जमीन पर बिना फोटो के पोस्टर ....
पर समझ ये नहीं आ रहा की .....ये धोखा किसे दिया जा रहा है ?.....जनता को ..या परोक्ष रूप से मोदी जी पर दबाव बनाया जा रहा है ....
कुछ भी हो हमें क्या ...पर सावधान मोदी जी के भक्तो .....सावधान ...
आपको लड़ना,......आप से नहीं ....किसी और से है ...
अब सिद्धांत विहीन ..मौकापरस्त राजनीती के दाँव पेंच ऐसे ही होते है .....ऐसी ही राजनीती को तो बदलना है ...
ये सिर्फ स्वार्थ की है ..सत्ता की है ...जनता की नहीं ....जनता की भलाई की नहीं .....नागेन्द्र शुक्ल

खुश रहने के लिए ....किसी वस्तु या स्थिती की जरुरत नहीं होती ....
खुश रहना एक स्वभाव है ....
ख़ुशी बनाई या खरीदी नहीं जाती ....महसूस की जाती है ...
पसीने से लतपत शरीर को ..एक गर्म हवा को झोंका भी खुश कर जाता है ....और आराम से AC में बैठे व्यक्ति को उसका तापमान कम या ज्यादा ..ये भी परेशान करता है ....
ख़ुशी कर्म में ...ख़ुशी प्रयास में है ....ख़ुशी सिर्फ परिणाम में नहीं .....
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वैसे अरविन्द केजरीवाल ....और बांकी किसी नेता की,..अगर भी तुलना की जाए,... तो एक बात साफ़ पता चलती है ..की ..
बाँकी नेता हमेशा ये कहते है ....ये दिखाते है की ...वो जनता के लिए कुछ करेगा .....ऐसा लगता है की ...नेता जी कुछ करके हमारे ऊपर कोई अहसान करेंगे ...और बस यहीं अंतर आ जाता है ...यही लोकतंत्र चला जाता है जनता के हाँथ से बाहर ...पर ...
अरविन्द ...अरविन्द हमेशा कहते है ...
"जनता सब कर लेगी,...बस उसे एक ऐसी व्यवस्था देनी पड़ेगी"...
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Sunday, July 28, 2013

16 'scams' that Narendra Modi doesn’t want LokAyukta to probe

16 'scams' that Narendra Modi doesn’t want LokAyukta to probe

A detailed list of '16 scams' that had allegedly taken place under the Modi government

1. Land for Nano plant at low rate: The state government allotted 1100 acres of
land to Tata Motors Ltd (TML) to set up the Nano plant near Sanand. The land was allotted allegedly at Rs900 per square metre while its market rate was around Rs10,000 per square metre. Simply put, the government gave Tata Motors total monetary benefit of Rs33,000 crore.

2. Land sold cheap to Adani Group: Land was allotted to Adani Group for the
Mundra Port & Mundra Special Economic Zone (SEZ) at Re1 per square metre. This is grossly lower than the market rate. Cheap land for ind, not for airforce

3. The Gujarat government allotted 3,76,561 square metre of land to real estate developer K Raheja at Rs470 per square metre, while the South-West Air Command (SWAC) was asked to pay Rs1100 per square metre for 4,04,700 square metre land.

4. Agricultuure University land allotted for hotel State government allotted 65,000 square metres of land belonging to Navsari Agriculture University in Surat to Chatrala Indian Hotel Group for a hotel project despite objection from the institute. This deal was allegedly brokered by the chief minister through his office causing a loss of Rs 426 crore.

5. Border land for chemical firms: A huge plot of land near the Pakistan border was allotted to salt chemical companies said to be close to BJP leader Venkaiah Naidu.

6. Essar Group's encroachment: State government has allotted 2.08 lakh square metres of land to Essar Steel. Part of the disputed land is CRZ and forest land that cannot be allotted as per Supreme Court guidelines.

7. Land given to Bharat Hotel: Prime land was allotted to Bharat Hotels without auction on Sarkhej-Gandhinagar Highway in Ahmedabad. The company has been allotted 25,724 square metre land.

8. Corruption in allotment of lakes: State government, in 2008, awarded contracts
for fishing activities in 38 lakes without inviting any tenders; bidders were ready to pay Rs. 25 lakh per lake and given to L&T Larson & Toubro (L&T) was allotted 80 hectare land at Hazira at the rate of Re1 per square metre.

9. Land allotted to other industries: Instead of auctioning prime land in the major
cities of the state, the Gujarat government had allotted the land to some industries and industrialists who had signed MoUs in the five editions of VGGIS.

10. Cattle feed fraud: The Gujarat government had purchased cattle feed from a blacklisted company at Rs240 per 5kg whereas the market rate is just Rs120 to
Rs 140 per 5 kg.

11. Scam in Anganwadi centres: Two bidders apparently formed a cartel and bid
for supplying supplementary Nutrition Extruded Fortified Blended Food (EFBF) to Anganwadi centres of the state. One company bid for three zones, while the other for only two. Guidelines were violated, causing the state exchequer a loss of Rs. 92 crore.

12. GSPC: Despite an investment of Rs4933.50 crore, GSPC has been able to earn only Rs290 crore from the 13 out of 51 blocks of oil and gas discovered by
the company. Contractual relations of Geo-Global and GSPC deserve investigation since Geo-Global is to be hired for a higher fee, above profit-sharing.

13. Luxury aircraft used by CM: Instead of using commercial flights or state-
owned aircraft and helicopter, chief minister Narendra Modi had used private luxury aircraft for around 200 trips in five years. The cost had been borne by the beneficiary industries.

14. Rs500 crore SSY scam: The Rs6237.33 crore Sujalam Sufalam Yojana
(SSY) announced in 2003 was to be completed by 2005 but it is still not completed. Public accounts committee of Gujarat assembly unanimously prepared a report indicating a scam of overRs500 crore which was not tabled.

15. Indigold Refinery land scam: Around 36.25 acre farmland in Kutch district
was purchased and sold in violation of all norms
by Indigold Refinery Ltd.

16 Swan Energy: 49% of the shares of Pipavav Power Station of
GSPC were sold to Swan Energy without inviting any tenders.

VIBRANT GUJARAT??

#Batala AAP Answer #1


दोस्तों,

बटला एनकाउंटर केस में अदालत के फैसले का सम्मान आप, हम और इस देश का हर इंसान करता है और इसे न्याय की जीत के रूप में देखते हुए ये मुल्क इस फैसले का स्वागत करता हैं....

जिन्दगी में बहुधा अनेक बार ऐसा होता है कि किसी भी मुद्दे को देखने की हर इंसान की अपनी-अपनी दृष्टि होती है...कुछ तथ्य सामने आते हैं जिससे कुछ समय के लिए लगता है कि वही सब सच है....फिर वक़्त के साथ चीज़ें करवट लेती हैं और नयी बातें सामने आती हैं, नए घटनाक्रम जुड़ते जाते हैं ,तब ऐसे में इंसान का नज़रिया भी पहले से और अधिक परिपक्व होता है...जैसे माया कोडनानी केस में निचली आदालत में फैसला कुछ और था और ऊपर की अदालत में कुछ और...

आपकी पार्टी ने अपने हाल ही में लिखे स्पष्टीकरण में साफ़ कहा है कि वो कोई संप्रदाय-परस्त नहीं हैं और बटला एनकाउंटर में सिर्फ और सिर्फ निष्पक्ष जांच चाहते हैं ताकि न्याय सर्वोपरि रहे....ये देश हमेशा से व्यक्ति, धर्म, जाति और समुदायों से ऊपर रहा है और ऊपर ही रहेगा....और यही "आम आदमी पार्टी" की सोच है कि इंसान को पहले इंसान समझा जाये ना कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख या इसाई...पहले उसकी मुलभुत जरूरतें पूरी हौं जैसे की रोटी, कपडा, मकान, अस्पताल, स्कूल, सड़क, बिजली, पानी, सुरक्षा, यातायात इत्यादि....हम अपनी इस मानव-कल्याण की विचारधारा पर आज भी कायम है और अपनी आखरी सांस तक रहेंगे.....

हम चाहते है कि हर केस में निष्पक्ष जांच हो और दोष साबित होने पर देश के दुश्मनों का पुरजोर विरोध करते हुए उन्हें कानून-सम्मत अधिक से अधिक दण्ड का समर्थन करते है..

कुछ मित्रों का कहना है कि हम "आप" से दूर जा रहे हैं.....

क्या वाकई....???? खेर आप "आप" को छोड़कर कहाँ जाना चाह रहे हैं ? उन लोगों के पास जिन्होंने शहीदों के ताबूत तक में दलाली खाने में जरा सी भी शर्म नहीं की...जिन्होंने कंधार को अंजाम तक पहुँचाया...जिन्होंने आदर्श घोटाला किया ....अरविन्द और "आप" इस देश को आगे बढ़ाने की बात करते हैं और उन्होंने सबको त्वरित और सुलभ न्याय की मांग की है ताकि बेगुनाहों को बेवजह तंग ना किया जा सके और गुनाहगारों को जल्द से जल्द और सख्त से सख्त सजा दी जा सके.....

जब व्यवस्था बदलेगी- जब जनलोकपाल होगा, जब पुलिस सुधार होंगे , जब विधिक सुधार होंगे, जब राईट तो रिजेक्ट होगा, जब राईट तो रिकाल होगा, जब नेता लाल बत्ती में नहीं घूमेंगे, जब अपराधी जेल में होंगे ना की संसद में - तो समझ लेना की उसी दिन गरीबों का हक उन्हें मिलेगा, हर सर को छत, पेट को रोटी, हर हाथ को काम , हर बच्चे को गुणकारी शिक्षा मिलेगी....

हर हिन्दुस्तानी को बेहतर और बेहद सस्ता इलाज़ , अच्छी सडकें, पक्की नालियां, सस्ती बिजली और पानी- हर वो चीज़ जो उसका और हमारा हक था और हक है, जो हमें कब का मिल जाना चाहिए था और जिसे बनाने या उपलब्ध करवाने में कोई कुबेर का खजाना खाली नहीं होने वाला था - प्रदान की जायेगी....उस सुनहरी सुबह का इंतज़ार किसको नहीं है ? क्या आपको नहीं है ?

तो कब तक हम सिर्फ एकाध मुद्दे पर कोई कठोर रुख अपना कर अपने सबसे प्रिय, चहेते और हमारे शुभचिंतक लोगों को छोड़ने की सोचते रहेंगे...... क्या हम इतना ही समझ पाएं है अरविन्द और "आप" को......क्या हम भूल गए कि अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना तो हमें अन्ना और अरविन्द ने ही सिखाया था वर्ना अब तक भारत के इतिहास में कितनी बार किसी बलात्कार पीडिता को इन्साफ दिलाने के लिए लोग सड़क पर उतरे और लाठियां खाई थी ? कब किसी ने सत्ता के सबसे बड़े शिखर पर विराजमान सर्वशक्तिमान लोगों पर आज तक उंगली उठाई थी ?

और अब...अब बस एक बात पर वो सब संघर्ष की कसमें और जूनून भूल गए....?

अगर आप को अभी भी लगता है कि मौजूदा सिस्टम आपके और आपके बच्चों को एक सुनहरा भविष्य दे सकता है और इस धरा को फिर से इस विश्व का सिरमौर बना सकता है तो आप अपना निर्णय लेने में स्वतंत्र है....हम तहे दिल से आपके इस फैसले का स्वागत करेंगे..पर आगरा आपको ऐसा नहीं लगता तो आप "आप" पर भरोसा रखिये....

ये तो इस देश की जनता का प्यार, विश्वास, समर्थन, स्नेह और आशीर्वाद है जो हम इस व्यवस्था के खिलाफ लड़ रहे हैं वर्ना आप के बिना "आप" का वजूद ही नही होता....ये "आप" आप से ही बना है और आप ही इसके मालिक हैं- जैसे-जैसे आदेश देते जायेंगे वैसे -वैसे इस देश को आगे बढ़ाते जायेंगे....

देश आपका, वोट आपका, फैसला आपका !!

जय हिन्द !! वन्दे मातरम !!
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#Batala House AAP Answer #2

दोस्तों,

अभी कल ही इस पेज पर एक पोस्ट के द्वारा बटला एनकाउंटर पर बहुत सारे मित्रों के संशय का उत्तर दिया गया था...कुछ अन्य मित्रों के प्रश्न अभी भी शेष रह गए थे......इस पोस्ट द्वारा उन्हें अपना पक्ष रखने का प्रयास है-

कुछ लोगों का क्रोध में कहना था कि "आप" की हैसियत ही क्या है .......

चलो ठीक है भाई साहब- अगर कोई भी साथी "आप" को एक छोटी सी पार्टी समझ रहे है जिसे शीला भी बड़ी आसनी से धुल चटा देगी तो फिर आधा मुद्दा तो यहीं खत्म हो जाता है क्योंकि जब आप लोगों की नज़र में "आप" कहीं भी नहीं ठहरती तो ऐसी पार्टी के लिए कोई चिंता क्यों करे ....

मत भूलिए कि आप का आम आदमी पार्टी अस्तित्व में कैसे आई थी..ये पार्टी आम लोगों की अभिलाषा, उनकी कसक और उनके सपनों के बीच से निकली थी....उनकी भूख, उनकी तड़प, उनकी बेबसी, उनकी लाचारी, उनकी उपेक्षा, उनकी बेईज्ज़ती के गर्भ से इसका जन्म हुआ....जब ऐसा लगने लगा था कि सरकार पूरी तरह बहरी होकर इस देश के आम जन को पूरी तरह भुला चुकी है...

तो जब "आप" का जन्म आप लोगों से ही हुआ है तो फिर "आप" के लोगों की हैसियत आम आदमी से ज्यादा कैसे हो सकती है ?....हमारी क्या हिम्मत कि हम आम आदमी के समर्थन के बिना एक कदम भी चलें ? अगर इस देश का आवाम चाहता है कि "आप" कुछ नहीं कर सकता और पुराना ढर्रा ही सही है तो फिर कोई क्या कर सकता है सिवाए एक और नए अन्ना और अरविन्द के फिर से पैदा होने के इंतज़ार के अलावा......

"आप" आप से है ना कि आप "आप" से और ये बात "आप" अच्छे से समझती है...

दूसरी बात ये कि शर्मा जी की शहादत का अपमान किया है "आप" ने ?

अरे भाई साहब, शर्मा जी की शाहदत पर तो सवाल उठाने का मतलब भी नहीं होता....हमारे में से कितने ऐसे लोग हैं जिनके परिवार के लोग पुलिस या सेना में नौकरी करते हैं ....और हम समझ सकते हिं कि हम कि हमारे वीर कैसी परिस्थितियों में जीते और लड़ते हैं....शर्मा जी एक जांबाज सेनानी थे और उन्हें ऐसे ही इतिहास याद रखेगा....

हमारे देश की दिक्कत ये है कि हम सिर्फ बातों से इस देश के शहीदों का सम्मान करते हैं..कारगिल के शहीदों के परिवार वालों का क्या हुआ ..आदर्श सोसाइटी में शहीदों की विधवाओं तक के घर खा गए लोग....जिन सैनिकों के सर कटे उनके परिवार का क्या हुआ ....????

और उन लोगों के बारे में आप क्या कहेंगे जिन्होंने शहीदों के ताबूत तक में दलाली खाने में जरा सी भी शर्म नहीं की..देखिये जब व्यवस्था सुधरेगी तो अपने आप आतंकवाद पर भी लगाम लगेगी क्योंकि कहीं ना कहीं व्यवस्था के भ्रष्ट होने से ही आतंकवाद को पाँव फ़ैलाने में मदद मिलती है....व्यवस्था ठीक होगी तो हमारे जवानों का भी मनोबल कई गुना बढ़ जायेगा....

हमें व्यवस्था बदलनी पड़ेगी ताकि इन महान योद्धाओं को पहले तो ऐसे उपकरण/ साधन दें की इनकी सुरक्षा पुख्ता रहे और अगर लड़ते-लड़ते ये देश के लिए शहीद भी हो जाएँ तो इन्हें पूरा सम्मान देकर इनके परिवार को "राष्ट्र परिवार" का दर्जा दिया जा सके.....

"आप" इसी किस्म की विचारधारा को अपनाती है..अगर कोई बात आपको ऐसे लगता है कि गलत कही गयी हो तो उस पर विचार करें, उस बात को "आप" तक पहुंचाएं ताकि उस पर फिर से गहन विचार-विमर्श कर अगली बार से शब्दों को और अधिक सोच-समझकर इस्तेमाल किया जा सके.....

हो सकता है कि आपके और बहुत सारे अन्य मित्रों के अनुसार "आप" द्वारा शब्दों के चयन में कहीं कोई त्रुटी हुई हो पर ये बात तो हम भी जानते हैं और बहुत गहरे आप भी जानते हैं कि "आप" का दिल इस देश के लिए ही धड़कता है और धड़कता रहेगा.....

" हो सकता है कि मेरा बताने का अन्दाज़ तुम्हे पसंद ना आये पर ,
ये तुम भी जानते हो कि मैं इस देश के लिए जान तक दे सकता हूँ "....

जय हिन्द !! वन्दे मातरम !!

डॉ राजेश गर्ग.
FB Link @ http://www.facebook.com/photo.php?fbid=605220682834400&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

ऐसी है व्यवस्था की  ईमानदार का ईनाम 

ये हमारे देश की व्यवस्था ....
गौतमबुद्ध नगर में अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए चर्चित,...ईमानदार युवा महिला,... आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को आखिर अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है। अखिलेश सरकार ने रविवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया....पर सस्पेंड किया क्यों ?.....

सस्पेंड, इसलिए किया ...क्योंकि जो युवा और तेज़ अधिकारी अपने ट्रेनिंग पीरियड में ही ....इस बेईमान और भ्रष्ट व्यवस्था को ....चुनौती दे रही है ....वो जब पूरी तरह से परिपक्व हो कर काम करेंगी तो ...क्या हाल करेंगी ..इन भ्रष्ट नेताओं और माफियों का ....

IAS अफसर दुर्गा जी, की नियत इमानदारी और निडरता सिर्फ इस बात से जाहिर होती है की ....की सिर्फ 3 दिनों में ....
24 डम्पर और 17 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया ...जो अवैध खनन में लिप्त से ....
इनकी इस कार्यवाही से तिलमिलाए ....सूबे के प्रमुख ...इतने घबराये की ...सीधे सस्पेंड ही कर दिया .....

इस भ्रष्ट तंत्र के संचालक शायद ये सोंच कर ही डर गए होंगे की सिर्फ ...एक ईमानदार अफसर अशोक खेमका को तो सम्हाल नहीं पा रहे ....मात्र 22 साल की नौकरी मन उनके 44 ट्रान्सफर किये ....किसी भी विभाग में ....उन्हें 6 महीने ज्यादा टिकने ही नहीं दिया .....

तो इतनी भ्रष्ट व्यवस्था के संचालक ये सोंच कर ही डर गए की ....एक और ईमानदार ...कैसे बर्दाश्त करेंगे ...तो जल्दी ही ...सस्पेंड कर दो .....नहीं तो बाद में बहुत मुश्किल होगी ....

कितनी आखिर कितनी बर्बाद हो चुकी है ये व्यवस्था ...जिसमे एक दिन भी ...किसी इमानदार को बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है इनको .....

पर दुःख ..की हम ये सब बर्दाश्त कर रहे है ...आवाज़ नहीं उठाते ...सवाल नहीं करते ....
और हमारी यही शांति ....इनको बनती है निरंकुश ....और हम शांत रहे डरे रहे इसलिए ..ये हमें ..जाति - धर्म और भाषा में तोड़ते रहते है ....जब तक हम नहीं जागेंगे ....इस व्यवस्था को नहीं बदलेंगे .....ऐसे ही परेशान होते रहेंगे ...देशभक्त, समाजसेवी और इमानदार ......और ये रंगे सियार हमको आपको लूटते रहेंगे ....

हमें अपने लिए ...अपने बच्चो के भविष्य के लिए ...देश के लिए ...जनता के लिए ...स्वतंत्रता के लिए ...जागना ही पड़ेगा ...और इनसे लड़ना और जीतना ही पड़ेगा ....दूसरा कोई रास्ता है ही नहीं ....

अभी तक ये मुश्किल था ....क्यों?..क्योंकि आम आदमी जागा नहीं था ....सो रहा था ....अच्छे और सच्चे लोग तितर बितर थे कमजोर थे ......उनके पास कोई नेतृत्व नहीं था ....कोई सेनापति नहीं था ...पर अब ...

पर अब ऐसा नहीं है ....इन जागे हुए लोगो के पास ...एक सेना भी है ...और निडर कुशल नेत्रित्व भी ...
अब हम इस भ्रष्ट व्यवस्था को ....और बर्दाश्त नहीं कर सकते ....
हम जुड़ेंगे .....लड़ेंगे ....जीतेंगे ....और बदलेंगे .....बनायेंगे ....एक ऐसी व्यवस्था की ....

की इमानदार को सस्पेंड ना होना पड़े .....ईमानदार का काम पूरा किये बिना ट्रान्सफर ना किया जा सके ....
तो जुडो ...लड़ो ...निकलो बाहर मकानों से ...और जंग करो बेईमानो से ....

आपको याद तो है ना ...की राष्ट्रिय दामाद जी ..के जादुई व्यापार की खोज बीन की कोशिश मात्र से ...घबराई व्यवस्था ने ....अशोक खेमका जी का तबादला किया था .....
UP में ही खनन माफिया ने ही ....सतेन्द्र दुबे की हत्या की ....
UP में ही अभी हाल में ही कांग्रेस सांसद और खनन माफिया ...ने आप के नेता ब्रिजलाल जी की हत्या की ....

और अब ....एक और .....ईमानदार को ...सस्पेंड ....
कितने ..और कितने सहन करोगे .......अब तो जागो ..और हिसाब मांगो .....नागेन्द्र शुक्ल
News Link @ http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/21420144.cms

http://www.facebook.com/photo.php?fbid=605657886124013&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater



Saturday, July 27, 2013

अब हमारे पास कुशल सेनापति भी है ....अरविन्द ....केजरीवाल ..

पास के एक दोस्त से पता चला की उसे एक स्कूल में दाखिले के लिए Domicile की जरुरत है और 5 साल से रहा है ....
पहले नियम था की ...15 साल होने चाहिए ....पर अब नियम है की 5 साल होना चाहिए ....

वो पटवारी के पास गया ...Domicile बनवाने ...पटवारी ने अजीब जवाब दे कर मना कर दिया .....कहतें है की उनके पास नए के छपे वाले फॉर्म नहीं है ....(printed format for Domicile letter ) इसलिए नहीं बना पायेंगे .....

पूंछा कब आ जायेंगे ...जवाब आ जायेंगे ......
जोर दे कर पूंछने पर ......अगस्त के अंत में .....

मतलब अब ...स्कूल का admission अगर 15 दिन में close होने वाला हो तो ?.....तो क्या अब पटवारी जी की चापलूसी करो ..थोड़ी तारीफ करो ....फिर हाँथ गरम करो ......और फिर 2 दिन में हो जाएगा ......

कल ही जाकर ले आयंगे तुम्हारे लिए  .....चिंता मत करो .....
.....और अहसान भी लद गया .......

और वो दोस्त भी काफी खुश था ....की काम हो गया ....

ये हालत है ...हमारी ....इस कदर ....सो रहे है हम .....और लुट रहे है .....अरे ये तो एक छोटा सा पटवारी जी थे ......जिन्होंने ...आपके सही काम के ...जरुरी काम के लिए .....भी आपको मजबूरी बनवा के ....अहसान लाद के ..ले लिए 1500 .....

और 1500 देकर ...हम खुश है .....

मैंने उसे विदा देते हुए बता दिया ......की अगली बार अगर इतनी अंधेर देखना .......तो ....
उससे बस इतना पूँछना ........केजरीवाल को जानते हो ???????????......

अगर कहे हाँ ....तो कहना ....ठीक से जान लो ....और वो करना क्या चाहते है .....
उससे भी,... अच्छे से समझ लो .....कि वो जगा रहे है जनता को ......भ्रष्टाचार के खिलाफ ....
ताकि .......मेरे जैसे आम आदमी के मन में भी ,.... विस्वास जगे ....की हाँ हम अकेले नहीं ...जो लड सकते है ,.....भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में बहुत है जो मेरा साथ देंगे है ........
इसके लिए,... इस विस्वास के लिए .....एक संगठन जरुरी है .....और संगठन प्रभावी और असरदार हो ....इसलिए उसमे ....अच्छे और आम आदमी का होना जरुरी है .....जनता की परेशानी को समझने वाले हो .....तभी संगठन असरदार होगा .....और अगर इस असर को कालजयी बनाना है ...तो इस संगठन को व्यवस्था बदलनी पड़ेगी .....और उसके राजनीतिक भी होना पड़ेगा .....और सत्ता भी लेनी होगी ......तभी बदल पायेगा .....
 इस भ्रष्ट व्यवस्था को .....एक आम आदमी .......

तो लड़ो भ्रष्टाचार से ....जुडो संगठन से ....बदल दो व्यवस्था को ....जो ठग रही है ......अब हमारे पास कुशल सेनापति भी है ....अरविन्द ....केजरीवाल ......नागेन्द्र शुक्ल

अगर हिम्मत है इन भ्रष्ट पार्टियों में तो करें अपने चंदे का खुलाशा...

ये है हकीकत भाजपा और कांग्रेस कि, परदे के पीछे सच्चाई है कि दोनों ही पार्टियों ने करोड़ों रुपये का "अवैध" चंदा निजी कंपनियों से वसूला है, यही कारण है कि ये दोनों पार्टिया और बाकी की सभी पार्टियाँ आज अपने आप को "सूचना के अधिकार" कानून के अंतर्गत नहीं आना चाहती है....

इसी भ्रष्ट राजनीति को बदलने कि शुरुआत कि है "आप" ने; और देश कि सबसे पहली पार्टी है जो 1-1 रुपये का चंदा जो इस देश का "आम आदमी" अपने खून पसीने कि कमाई से "आप"को देता है, उसे "आप" कि वेबसाइट पर तुरंत डाल दिया जाता है.

अगर हिम्मत है इन भ्रष्ट पार्टियों में तो करें अपने चंदे का खुलाशा.....

Association of Democratic Reforms (ADR) ने जब चुनाव आयोग और इनकम टैक्स विभाग से सूचना के अधिकार के तहत आंकड़े इकठ्ठा किये तो पता चला कि 2004 से लेकर 2011 भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर देश कि 23 राजनैतिक पार्टियों को Rs. 4,662 करोड़ का चंदा मिला जिसमे सिर्फ 15% चंदा देने वालों के स्रोत ज्ञात है, जबकि 85% चंदा देने वाले अज्ञात है या ये कहिये कि बेनामी है.

भाजपा और कांग्रेस को "ज्ञात दान दाताओं" में आदित्य बिरला ग्रुप का जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट, टाटा इलेक्टोरल ट्रस्ट और गुजरात में स्थित टोरेंट पावर लिमिटेड प्रमुख है, ये ऐसे दान दाता है जिनसे भाजपा और कांग्रेस दोनों ने चंदा बसूला है.

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Twenty three political parties including Congress and BJP earned Rs. 4,662 crore between 2004 and 2011, the Association of Democratic Reforms (ADR) said based on the Right To Information replies it received from the Election Commission and the Income Tax department.

But, source of less than 15% of the contributions was known.

Among the donors, General Electoral Trust (GET) of the Aditya Birla Group, Tata’s Electoral Trust and Gujarat based Torrent Power Limited have given big donations both to some political parties including Congress and BJP.
______________________
http://www.hindustantimes.com/India-news/NewDelhi/85-of-Congress-BJP-donors-faceless/Article1-927749.aspx

#ShameOn65 MPs

ये बात शर्मनाक है .....की हमारे देश की एक पार्टी के अध्यक्ष वीसा मिले इसके लिए परेशान हो ....और उससे भी ज्यादा शर्मनाक हरकत ये की ...कुछ सांसद हस्ताक्षर कर के चिट्ठी भेजे की वीसा मत दो ....
छि ...ऐसे घटिया काम ....पर क्यों ?....आज चिट्ठी भेज वीसा देने मना कर रहे हो .....कल चिट्टी भेज अन्दर की बात बताओगे ....अरे कितना गिरोगे अपने स्वार्थ में ....घर की बात घर में रहे ...उसी में घरवालों की इज्ज़त होती है ....
और दुश्मन पडोसी का तो काम ही .....घर में विभीषण ढूढना होता है ...
एक अरविन्द जी है ....जिन्होंने वाटसन के अपने भाषण की शुरुवात ही की थी ....किसी को बुला कर ..मना करना गलत है ...निंदनीय है ...
बस यहीं से नियत साफ़ होती है ....किसको देश प्यारा है ...और किसे सिर्फ सत्ता ....नागेन्द्र #ShameOn65

Thursday, July 25, 2013

ना ही कानून का भय है ...और ना ही धर्म का .

कुछ ऐसे है ...हमारे देश में जनप्रतिनिधि ...
जिन्हें ना ही कानून का भय है ...और ना ही धर्म का ..
ये अंधे है ...स्वार्थ - सत्ता और ताकत के मद में ...इनको और इस व्यवस्था को बदलना ही पड़ेगा ...

एक तरफ कांग्रेस से खरीदी टिकट पर ...रुड़की से बने जनप्रतिनिधि जनाब प्रदीप बत्रा साहब ...अपनी जगह की दूसरे से इम्तहान दिलाते है ...और ऊपर से आँख दिखाते है .. गैर क़ानूनी तरीके से ....कानून की डिग्री हासिल करना चाहते थे ...आपके चुने जनप्रतिनिधि ....

दूसरी तरह बीजेपी के विधायक जगन प्रसाद गर्ग और इनके साथियों ने ...आगरा के प्रसिद्द मनकामेश्वर मंदिर की बारहदरी पर कब्ज़ा ज़माने के लिए ताला तोडा ....और आभूषण चोरी के कृत्य को अंजाम दिया .....

वैसे भगवान् शिव को तो सोने और चाँदी से बने आभूषण कभी भाते ही नहीं ....भगवान् शिव तो नीलकंठ है जो अमृत दूसरों के लिए छोड़ देते है ....और जन कल्याण के लिए विषपान स्वयं करते है ....भगवान् शिव को पूरी तरह से विरक्त है ...किसी तरह की विलासिता उन्हें जँचती ही नहीं ... भगवान् शिव के असली आभूषण तो सर्प - बिच्छू इत्यादि है सोने और चाँदी से बने आभूषण नहीं ....

पर फिर भी अगर कोई भक्त,.. शिव जी को स्वर्ण आभूषण भेट करे तो ...तो क्या,.. वो भेट तो कर सकता है ...पर भगवान् शिव उन आभूषण को कभी अपने पास टिकने ही नहीं देते ....

और ख़ास बात ये की जब भी शिव जी के पास स्वर्ण आभूषण होते है ....
कोई ना कोई रावण ....छल कपट से उन्हें हर ही लेता है ....वो सोने की लंका थी ...और अवगढ़ दानी के दान का प्रताप ....की आदि काल में कोई रावण बना ....
और जब रावण बना ...तो उसका क्या हुआ ...कैसे हुआ ....सभी को पता है ....

तो ये बात साफ़ है ....
की भगवान् शिव को स्वर्ण आभूषण और विलासिता एक दम नहीं भाती ...और उनको चुराता या हनन करने वाला ...कोई रावण ही होता है ....और रावण का अंत भी निश्चित है .....किसी ना किसी मर्यादा पुरुषोत्तम के हाँथ ...

और आज देखिये ....
बीजेपी के विधायक जगन प्रसाद गर्ग और इनके साथियों ने ...आगरा के प्रसिद्द मनकामेश्वर मंदिर की बारहदरी पर कब्ज़ा ज़माने के लिए ताला तोडा ....और आभूषण चोरी के कृत्य को अंजाम दिया .....

अब ऐसे कृत्य के बाद ...हमें इसमें कोई शक नहीं ...की ये रावण सेना के ही ...अधिकारी हो सकते है ....और राम से किसी हाल में  इनका कोई वास्ता नहीं हो सकता ...

देखने की बात ये भी है ...की ये उसी पार्टी से विधायक है ....जो राम के नाम के बिना एक कदम भी नहीं चल सकती ....
ये साफ़ है ....की बात चाहे जितनी करे ....पर हमारे देश में ....लोग धर्म को ....सत्ता और स्वार्थ के लिए ...प्रयोग करते है ...

और जनता ही है ...जो अपने धर्म और राष्ट्र धर्म दोनों को समझती है ....अब जनता को ये सब इन कथित जनप्रतिनिधियों को भी समझा देना चाहिए .....
ये सच है ...भ्रष्ट सिर्फ ..रावण सेना का अधिकारी है ....कभी राम से उसका कोई नाता नहीं ....
http://www.jagran.com/news/national-lord-shivas-assets-dispute-of-mankeshwar-temple-go-to-loot-10551111.html
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=506724539406321&set=a.392618044150305.98604.392614064150703&type=1&theater

Wednesday, July 24, 2013

"65 साल बाद भी हमें क्या नहीं मिला है ? ".......... जरा सोचिये

गूंगे बहरों की है बस्ती , ढोल पीटो
धमधमाहट से जगा डालो सभी को

अब गुहारों से न कोई काम होगा
तल्ख़ नारों से हिला डालो ज़मीं को

लूट का इतिहास वो कायम हुआ है
शर्म आ जायेगी शायद ग़ज़नबी को

आसमां से गिर के वो आया ज़मीन पर
जिसने न समझा किसी की बेबसी को

धार कुछ पैदा करो जोहर दिखाओ
ज़ुल्म की पीड़ा सहन करना न सीखो

आर या उस पार किस है ये लड़ाई
अब न रोको इन्क़लाबी आदमी को.....

"65 साल बाद भी हमें क्या नहीं मिला है ? ".......... जरा सोचिये

किसी भी मुल्क के इतिहास में एसा समय बहुत कम आता है, जब बड़ी संख्या में लोग मुल्क की खुशहाली के लिए खुद राजनीति को बदलने निकल पड़े हौं. हिंदुस्तान आज शायद इसे ही एतेहासिक दौर से गुजर रहा है.

65 साल के गणतंत्र में बहुत कुछ एसा भी हुआ है, जिसे सामने से दिखाकर जशन मनाया जा सकता है. लेकिन जो नहीं मिला, उसे अगर एक लाइन में कहा जाये तो "देश को 65 साल बाद भी एसी राजनीती नहीं मिल सकी, जो आम आदमी में विशवास करती हो, उसकी ईमानदारी में विश्वास करती हो.

हमारी राजनीति ने जिस सिस्टम को बनाया है, वह आम आदमी द्वारा चुने गए नेता पर भरोसा करता है, लेकिन अपने मूल आधार यानि आम आदमी पर ही भरोसा नहीं करता. विशवास की इसी कमी ने बार-बार उसके सपने तोड़े हैं.

इस राजनीति का ही नतीजा है की हिंदुस्तान का जन-मानस अपने नेताओ के प्रति गुस्से और अविश्वास से ऊपर तक भरा पड़ा है. सब कुछ सहने और चुप बने रहने की छवि को तोड़कर आज देश का युवा जनमानस उबल रहा है........ "अगर यह ठीक नहीं हो सकता तो इसे बदल डालो " की आवाज़ आपसी बातचीत की जगह "नारों " में बदल गयी है.

सरकारी दफ्तरों से मिली पीड़ा और उपेक्षा से त्रस्त जनता अब चुपचाप घर लौटने में नहीं, बल्कि सडकों पर उतर कर विरोध करने में यकीन करने लगी है.

पैंतीस साल पहले इसी समाज के लिए एक शायर ने लिखा था : -

इस शहर में कोई बारात हो या वारदात, अब किसी भी बात पर "खुलती नहीं हैं खिड़कियाँ "

तीन साल पहले "कैश फॉर वोट " घोटाले के विरोध में युवाओं को लामबंद करने गए हमारे एक साथी से आई आई टी के छात्र ने पूछा था, "मैं आपके कहने पर इंडिया गेट आ भी जाऊ , तो क्या गारंटी है कि देश में सुधार आ जायेगा." पर अब बहुत बहुत कुछ बदल गया है. "अब कोई एसी गारंटी नहीं मांगता "

जेन नेक्स्ट के नाम से अपनी पहचान बना चूका युवा साइबर सक्रिता से निकलकर सड़कों पर उतर आया है....

जी हां ! अब सच में खुलने लगी हैं खिड़कियाँ .........
 

भ्रष्टाचार चर्चा


वर्तमान मे भ्रष्टाचार चर्चा का अहम मुद्दा बना हुआ है। ऐसा नहीं है की, यह कल नहीं था। था परंतु कहा जाता है की अपेक्षाकृत कम था। अन्ना हज़ारे, अरविंद केजरीवाल से लेकर देश का हर व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ है, जब हर व्यक्ति इसके खिलाफ है तो फिर प्रश्न यह उठता है की फिर भ्रष्टाचार कोन कर रहा है। हम सदैव से ही नेताओ, अधिकारी, पुलिस, शिक्षा इत्यादि हर क्षेत्र को भ्रष्ट कहते फिरते है, और यह बात सत प्रतिशत सत्य भी है। परन्तु यह भी प्रश्न बड़ा आश्चर्य भरा है की ये सब आते कहा से है, क्या इनकी कोई विशेष कौम होती है, क्या ये हमसे अलग पैदा होते है। ये सब हमारा ही तो हिस्सा है, इस पर एक परिपक्व और गंभीर सोच की आवश्यकता है। वर्तमान परिस्थितियो मे नेता से लेकर एक ठेले से सब्जी बेचने वाला तक जिसे जैसे मौका मिल रहा है वह इस देश को बेचने मे तुला है। अंग्रेजी का एक ही शब्द "हिपाक्रसी" आज हमारे पुरे समाज को परिभाषित कर देता है। आपका नेताओ को गाली देना जायज है, परंतु नेता ही क्यो। क्या वो आपका दूध वाला ईमानदार है जो आपके बच्चे के दूध मे यूरिया, डिटेर्जेंट पाउडर और ना जाने क्या क्या मिला कर आपको दे रहा है, दूध के नाम पर जहर पीला रहा है। ताजा सर्वेक्षण यह कहता है की देश के ज़्यादातर हिस्सो मे मिलने वाला दूध मिलावटी है। वो किसान ईमानदार है जो सब्जियों मे जहररीले रासायनिक इंजेक्सन लगाकर आपको दे रहा है। सब्जी वाला ईमानदार है जो सब्जियों को हरा और ताजा दिखाने के लिए जहरीले रासायनिक कलर लगा रहा है। नेताओ के साथ ये भी जहर खिला रहे है आपकों और आपके बच्चो को। वो शिक्षक ईमानदार है जिसके पास ट्यूनसन जाए बिना आपके बच्चो को नंबर नहीं मिलते है। वो दुकानदार और व्यापारी ईमानदार है जो आपके खाने के अनाज, दवाई, और मिठाई मे जहर डाल कर आपको दे रहे है। हमारे यहा के चिकित्सक ईमानदार है, जो दिन मे 100-100 मरीज देखते है, जो टेस्ट और दवा दोनों साथ लिख देते है। हद तो तब हो गई जब दो वर्ष पहले समाचार मे सुना की लखनऊ मे इंसान के खून मे भी मिलावट करके लोगो ने लोगो की जान के साथ खिलवाड़ किया। इंजीनियर, डॉक्टर, सरपंच, पत्रकार किस किस का नाम ले, किसी ने भी नहीं छोड़ा। सरकारी अधिकारी कहते है नेताओ का दबाव रहता है, कितने प्रतिशत केस मे दबाव रहता है 50 तो क्या बचे हुए 50 के साथ बहोत अच्छा काम करते है। दो-दो साल की बच्चियो के साथ बलात्कार, शर्म आती है, इस दोगले समाज के लिए। यह बढ़ी विडम्बना है की हम उस समाज का हिस्सा है जहा गंदगी फैलाने वाले को बड़ा समझा जाता है और जो उस गंदगी को साफ करता है उसे छोटा। आज हममे से ५०% लोगो के माता पिता सरकारी नौकरियो में है, तो क्या सभी ईमानदार है, हम देश को बदलने की बात करते है क्यो नहीं हम सिर्फ उनको समझा सकते, हम खुद और अपने परिवार को क्यों नहीं बदल रहे है, क्यों हम दुसरो को बदलने में तुले है, जो हमारे हाथ में नहीं है।.............
Mohd Israr Khan

Tuesday, July 23, 2013

सीधे दिल से लिखा है..उम्मीद है इस ख़त को दिलवाले ही पड़ेंगे..दिल से...

सीधे दिल से लिखा है..उम्मीद है इस ख़त को दिलवाले ही पड़ेंगे..दिल से...
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सियासत चाहती है….....
*हम भूल जाएं कि हमें कार में दुनिया का सबसे महंगा पेट्रोल क्यों डलवाना पड़ता है ... सिर्फ ये याद रखें कि वह कार ले कर हमें मंदिर जाना है या मस्जिद ?
सियासत चाहती है...
*हम भूल जाएं कि हमारे टैक्स के कितने पैसे वो मिल- बाँट कर खा गए... सिर्फ ये याद रखें कि हम चरणामृत से उपवास खोलते हैं, या खजूर से ?
सियासत ये चाहती है...
*हम भूल जाएं कि उस नेता का नाम क्या था जिसने शहीद सैनिक को कुत्ता कहा था... सिर्फ ये याद रखें कि हमारे नाम में पांडे लगा है या मुहम्मद ?
सियासत चाहती है....
*हम भूल जाएं कि लोकपाल जैसे कड़े कानून के पन्ने किस तरह फाड़ कर संसद में लहरा दिए गए थे... सिर्फ ये याद रखें कि हमारे घर के सब से पवित्र जगह पर जो जिल्द वाली किताब रखी है, वो कुरान शरीफ है या श्रीमद्भागवद्गीता ?
सियासत चाहती है....
*हम भूल जाएं कि बलात्कारी भेडियों के हत्थे चढ़ी लड़की को मिलने के नाम पर किस औरत ने कहा था 'आज तो इतवार की छुट्टी है'... सिर्फ ये याद रखें कि हमारी बहन का नाम सरस्वती है या शाइस्ता ?
सियासत चाहती है....
*हम भूल जाएं कि हमारे बच्चों को भोजन में ज़हर दे कर किसने मार डाला... सिर्फ ये याद रखें कि हमारा बच्चा स्कूल जाता है या मदरसा ?
सियासत चाहती है.....
*हम भूल जाएं कि उस नेता का चेहरा कैसा था, जिसने कहा था कि 'बारिश नहीं हो रही तो क्या पेशाब से किसानो के खेत भर दें?' ... सिर्फ ये याद रखें कि हम दाढ़ी रखते हैं या चोटी ?
... दुःख तो ये हैं, कि हो वही रहा है जो सियासत चाहती है...लेकिन अब बस और नहीं...

सबका प्यारा, नेता हमारा !
देश में हिन्दू का दुश्मन मुस्लिम नहीं ...और मुस्लिम का दुश्मन हिन्दू नहीं.
हमारे असली दुश्मन वो नेता है जो अपने भ्रस्टाचार को छुपाने के लिए हमें हिदू मुस्लिम के नाम पर लड़वाते है.कान्ग्रेस बीजेपी भाई भाई हैं लेकिन हिन्दू मुस्लिम को भाई भाई नहीं देखना चाहते....
क्यों ???..दुकान पर ताला लगवाओगे क्या ......????
आजादी के 65 सालो में इन सारी पार्टियों ने देश को तोडा है और हम हर हाल में इस देश के सभी धर्मो को एक सूत्र में बंधकर सभी धर्मो के बीच एकता एवं सौहार्द को बनाना चाहते है मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना , हिंदी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा.... जय हिन्द..
By: क्रांतिकारी आम आदमी
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Saturday, July 20, 2013

आप ने,.. आप से पूंछा है की दिल्ली के 7 तत्कालीन विधायक .

दोस्त, आज आप ने,.. आप से पूंछा है की दिल्ली के 7 तत्कालीन विधायक ....आपकी पार्टी आम आदमी पार्टी में आना चाहते है क्या करे ?...
अब चूँकि वो तत्कालीन विधायक है ..तो शायद विधायक की टिकट भी जरुर मांगेंगे ...तो हमसे आपसे सवाल ये है की
क्या उनको आपकी पार्टी में जगह मिलनी चाहिए ?
क्या उनको आपकी पार्टी से टिकट दिया जा सकता है की नहीं ?..

तो चलिए थोडा सोंचते है ....वैसे तो आप और हम कभी राजनीती मन आना ही नहीं चाहते थे ...आये भी नहीं ....बस लाये गए ...क्यों लाये गए ...भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए ...सच्चे लोकतंत्र ....स्वराज और जनलोकपाल के लिए ....

तो आपका और हमारा किसी का उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना तो है नहीं ...हमारा उद्देश्य तो सिर्फ व्यवस्था परिवर्तन है ...
इस भ्रष्ट व्यवस्था जिसमे तंत्र ....लोक पर हावी है ...उसे बदलना है ....और ये बात की किसी को पार्टी से टिकट मिलना चाहिए या नहीं इसे जनता के हाँथ में सौप कर नवोदित आम आदमी पार्टी ने ये तो साफ़ कर दिया की ....ये पार्टी वो पार्टी होगी जिसमे फैसले कुछ गिने चुके नेता नहीं ...

बल्कि उसके कार्यकर्ता लेंगे ......जनता लेगी

ये बात भी साफ़ है की कोई भी व्यक्ति टिकट खरीद नहीं सकता ...क्योंकि आम आदमी पार्टी में टिकट बेंची नहीं जाती ...वैसे भी आम आदमी की पार्टी में टिकट देने का हक़ आम आदमी हो ही है ...किसी नेता को नहीं ...

अब चूँकि ये 7 तत्कालीन विधायक ...बीजेपी और कांग्रेस से ही होंगे ...मतलब ये,.. आदि होंगे ..उस भ्रष्ट व्यवस्था के अंतर्गत काम करने के ....
तो इनके भ्रष्ट होने की सम्भावना काफी ज्यादा होगी ...इसलिए इन्हें आपकी पार्टी में लेना खतरे से खली नहीं होगा ...ये बात सही है ...

पर मेरा मानना है की कोई व्यक्ति ..ईमानदार या बेइमान नहीं होता ...
ये व्यवस्था ही है ...जो किसी को ईमानदार से बेइमान बनाती है ...

सोचिये की मैं आपके घर पर आया ...आपका महँगा सामान रख्खा है ..और आपने घर की घर के सामान की सुरक्षा के लिए एक कुत्ता पाला है ...जो की लालची है ...अब लालची है तो हड्डी देख फिसलेगा जरुर ...और फिसलेगा तो मुझे आपके घर में गड़बड़ करने का मौका भी मिलेगा ..सही है ...कुत्ते की आदत बिगड़ी है ...तो उसके सुधरने की सम्भावना कम है ....

पर अब अगर आपके घर में इस कुत्ते के साथ - साथ एक CCTV भी लगा है ..और साफ़ साफ़ लिखा है की घर में चोरी किसी हाल में बर्दाश्त नहीं ...तो अगर मान लीजिये मैंने कुत्ते को हड्डी खिला भी दी ...तो भी CCTV की वजह से गड़बड़ करने की हिम्मत नहीं पड़ेगी ..और फिर भी ध्र्ष्टता की ...तो आपके घर का सख्त और चुस्त कानून तो है ....सजा देने के लिए ...

तो मेरी समझ से ये बात साफ़ है की ...ये व्यवस्था है ...
जो ईमानदार को इमानदार बनाये रखती है ...और बेईमान को ईमानदार बनाने के लिए मजबूर करती है ...

तो अब जब की आपकी पार्टी ...कटिबद्ध है CCTV लगाने के लिए ...
इस चोर व्यवस्था को बदलने के लिए ....
जनलोकपाल को जल्द से जल्द लागू करने के लिए ....
तो इसका मतलब ये है की ....मैं चाह कर भी गड़बड़ नहीं कर पाऊंगा ...और अगर की तो ...तो सजा पक्की ...है की नहीं ....

तो जब व्यवस्था ही ऐसी हो ...तो ज्यादा चिंता की बात नहीं ....अगर वो आपकी पार्टी के विधायक बन भी जाते है ....तो ..

अब विधायक कोई भी बने ..उसे लोकपाल ...और स्वराज के अंतर्गत ही काम करना पड़ेगा ...तो क्या फर्क पड़ा ...

वास्तव में तो आज की परेशानी कोई कांग्रेस या बीजेपी नहीं ...कोई नेता नहीं ...बल्कि ये मिल्झुल कर बनाई गयी चोर व्यवस्था है ...
जो गड़बड़ है ...जिसे बदलना है ...और बदलेंगे ...पर जैसा की हमारे लोकतंत्र के ठेकेदार हमें बताते आये है ...की ये लोकतंत्र है यहाँ संसद विधान सभा में ..संख्या बल काम करता है .....जनता की मर्जी नहीं ...आदर्शवाद नहीं ....

तो ये बात भी पक्की है की इस व्यवस्था को बदलने के लिए ...हमें संख्या बल भी चाहिए होगा ..और जिताऊ कैंडिडेट भी ....

तो चूँकि हम एक सच्ची व्यवस्था को ...खड़ा करने की संकल्पना कर रहे तो ...हमें डरने की जरुरत है ही नहीं ....की कहीं ये गड़बड़ ना करे ....
पर एक बात ये बात सुनिश्चित होनी ही चाहिए ...की जिसे भी लिया जाए ...
वो चाल - चरित्र के मानक पर आपकी पार्टी के मानको में खरा उतरे ....बेईमानी तो ..आपकी व्यस्था ही नहीं करने देगी ....

पर व्यवहार ...व्यवहार तो निजी है ..उसको जरुर चेक किया जाना चाहिए ..

तो पार्टी के अन्दर लिया जाए या नहीं ....इस बात पर हमारी राय ये है ..की लिया जा सकता है अगर आप के मानको पर खरे है,.. तो ...
अब AAP के बनने से पहले हम और आप,... भी तो या तो बीजेपी के या कांग्रेस के या किसी के समर्थक थे ...और ये सब तो चोर ही थे ....और हम इन चोरो में से किसी ना किसी चोर के समर्थक थे ...पर जब मौका मिला ..जब पता चला की स्वक्ष राजनीती भी संभव है ..तो मैं और आप,... भला क्यों समर्थन करे किसी चोर का ....संकल्प करे और काम करे सच्ची व्यवस्था के लिए ..स्वक्ष राजनीती के लिए ..है की नहीं ....

तो इनको पार्टी में लिया जा सकता है ...और रही बात विधायक के टिकट की ....तो एक बात बता दे ...टिकट दिया जाए या नहीं ..उसके लिए ...हमें अपना पूरा process follow करना चाहिए ....अगर मिल जाए तो ठीक नहीं तो नहीं की सही ...

और किसी को टिकट देने में ...ना देने में ..उस क्षेत्र की जनता ...और उस क्षेत्र के AAP कार्यकर्ता ही निर्णय ले सकते है ...कोई और नहीं ...हम नहीं ...आप नहीं ....

ये मेरी समझ थी ...आप अपनी सोंच समझ से वोट जरुर दे ...की आपकी पार्टी ..चलनी कैसे चाहिए ....यही तो है सच्चा लोकतंत्र ...स्वराज ...

मैं ईमानदार हूँ ..क्योंकि मुझे बेईमानी का मौका नहीं मिला ....तो मैं ईमानदार रहूँगा या नहीं ...कोई गारंटी नहीं ...ऐसे तो बहुत कम होते है जिन्हें मौका मिले और ईमानदार रहे ...अरविन्द जी जैसे ...

पर मैं इमानदार रहूँगा ....इस बात की गारंटी ...सिर्फ एक ईमानदार व्यवस्था दे सकती है ..पारदर्शिता दे सकती ...सजा का भय और चुस्त कुत्ता, एक्टिव CCTV दे सकता है ...इसकी गारंटी ...
तो व्यवस्था अगर ऐसी हो ..तो कोई भी इमानदार ही रहेगा ..या कहे उसको रहना पड़ेगा ...इसीलिए तो अरविन्द जी की कोशिश है ....और कहना भी ...

सत्ता बदलने से कुछ नही होगा .....बदलनी तो व्यवस्था है .....और हम और आप उसी के लिए काम कर रहे है ....

तो अपनी समझ से वोट जरुर दे ..आपका वोट दिशा देगा ...आपकी पार्टी को ....नागेन्द्र शुक्ल
Link to Vote:- http://aamaadmiparty.org/poll/looking-into-our-fast-rising-popularity7-sitting-delhi-mlas-from-both-parties-have-approached-0


vote / politics - Dharmesh Prem

vote / politics
हम सभी अपनी जाती और धरम से पहले एक जैसे इन्सान है. हम सबके अपने परिवार और बच्चे है.
हम सभ को बिजली, पानी, शिक्षा , हॉस्पिटल,रोड,रोजगार और अन्यें जरूरी चीजें एक जैसी चाहिए .हमारी सभ के मसले एक जैसे है.
इस लोकतंत्र में किसी भी अच्छी गवर्नमेंट को बनाने के लिए हमारे पास एक ही कीमती तरीका है की हम अपना कीमती वोट सोच समज कर अपनी जात और धरम से एक उपर उठ कर सही पार्टी औए सही इमानदार उमीदवार को वोट दे कर सही गवर्नमेंट को बनाने में अपना योगदान दें .
अपने मुल्क में मजुदा हालात में सभी राजनेतिक दलों ने राजनीती को अपनी पारिवारिक जागीर समज रखा है. सभी दलों के मुखियां पर आय से अधिक मुक़दमे सालों से चल रहे है जिनका फेसला हो सकता है की कभी भी न हो. जनता भली भांति जानती हे की यह सब राजनितिक दल सिर से पाँव तक भ्रस्टाचार में डूबे हुए है. यह सभी दल RTI के दायरे में आने सें डरते है. सोचो ! और गहरा सोचो ! यह दल RTI से क्यों डरते है. यह इस लिए डरते है की इनके भ्रटाचार की पोल न खुल जाये .
आओ हम सब मिल कर कुछ नया करें .अपने मूलक में एक नई पार्टी का जन्म हो चूका है जो कहती है के वोह इस पुराने राजनितिक सिस्टम को पूरी तौर पर बदलना चाहती है. आओ इस नई पार्टी "आम आदमी पार्टी "को अपना वोट दे कर देखें , हो सकता है , बात इनकी सच्ची हो . इनको अजमाने में क्या हरज है .दुसरे पासे दूसरी सभी दलों से तो कोई आशा नहीं है. मैं नहीं कहता की आप मेरे उपर पूरी तरह विश्वास करो . आप सोचो , आप चिंतन करो , फिर कोई फेसला करो .

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अब सरकार RTI मसले पर सभी दलों की बैठक बुलाने पर विचार कर रही है. आम आदमी को अपनी वोट देने से पहले लोकतंत्र में यह जानने का हक़ है की जिस दल को वोह वोट देना चाहता है. उस दल को चुनाव लड़ने के लिए पैसा कहाँ से आता है .वोह दल अपने देश की लिए इमानदार है या नहीं . अब आम आदमी के दिमाग में यह विचार आता है की यह सभी दल कांग्रेस ,बीजेपी , स्पा , बसपा और अन्य dall RTI से क्यों डर रहे है.जनता यह सारा ड्रामा देख रही है. जनता जाग चुकी है.जनता में यह सन्देश जायेगा की इन सभी पार्टी के अंदर कुछ खोट है. अगर इन् दलों ने संसद के अंदर मिलजुल कर RTI के दायरे से बाहर निकलने का फेसला किया तो इसके परिणाम बरे दूरगामी होंगे , यह एक एतहासिक फेसला होगा जिसका सीधा लाभ आम आदमी पार्टी को होगा,
आम आदमी पार्टी का एजेंडा बिलकुल पारदर्शी है. आम आदमी पार्टी बरी इमानदारी से RTI को लागू करने के हक़ में है.
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Dharmesh Prem

Friday, July 19, 2013

जन लोकपाल विधेयक

जन लोकपाल विधेयक

जन लोकपाल बिल भारत में नागरिक समाज द्वारा प्रस्तावित भ्रष्टाचारनिरोधी बिल का मसौदा है। यह सशक्त जन लोकपाल के स्थापना का प्रावधान करता है जो चुनाव आयुक्त की तरह स्वतंत्र संस्था होगी। जन लोकपाल के पास भ्रष्ट राजनेताओं एवं नौकरशाहों पर बिना किसी से अनुमति लिये ही अभियोग चलाने की शक्ति होगी। भ्रष्टाचार विरोधी भारत (इंडिया अगेंस्ट करपशन) नामक गैर सरकारी सामाजिक संगठन का निमाण करेगे.संतोष हेगड़े, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने यह बिल भारत के विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनता के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किया था। इसे लागु कराने के लिए सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में २०११ में अनशन शुरु किया गया। १६ अगस्त में हुए जन लोकपाल बिल आंदोलन २०११ को मिले व्यापक जन समर्थन ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली भारत सरकार को संसद में प्रस्तुत सरकारी लोकपाल बिल के बदले एक सशक्त लोकपाल के गठन के लिए सहमत होना पड़ा।




जन लोकपाल बिल के मुख्य बिन्दु==
  • इस नियम के अनुसार केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त का गठन होगा।
  • किसी भी मुकदमे की जांच ३ महिने के भीतर पूरी होगी। सुनवाई अगले ६ महिने में पूरी होगी।
  • भ्रष्ट नेता, अधिकारी या न्यायाधीश को १ साल के भीतर जेल भेजा जाएगा।
  • भ्रष्टाचार के कारण से सरकार को जो नुकसान हुआ है अपराध साबित होने पर उसे दोषी से वसूला जाएगा।
  • अगर किसी नागरिक का काम तय समय में नहीं होता तो लोकपाल दोषी अधिकारी पर जुर्माना लगाएगा जो शिकायतकर्ता को क्षतिपूर्ति के तौर पर मिलेगा।
  • लोकपाल के सदस्यों का चयन न्यायाधीश, नागरिक और संवैधानिक संस्थाएं मिलकर करेंगी। नेताओं का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
  • लोकपाल/ लोक आयुक्तों का काम पूरी तरह पारदर्शी होगा। लोकपाल के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत आने पर उसकी जांच 2 महीने में पूरी कर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा।
  • सीवीसी, विजिलेंस विभाग और सीबीआई के ऐंटि-करप्शन विभाग का लोकपाल में विलय हो जाएगा।
  • लोकपाल को किसी भी भ्रष्ट जज, नेता या अफसर के खिलाफ जांच करने और मुकदमा चलाने के लिए पूरी शक्ति और व्यवस्था होगी।

जन लोकपाल बिल की प्रमुख शर्तें

न्यायाधीश संतोष हेगड़ेप्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगों द्वारा वेबसाइट पर दी गई प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। इस बिल को शांति भूषण, जे एम लिंग्दोह, किरण बेदीअन्ना हजारे आदि का समर्थन प्राप्त है। इस बिल की प्रति प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक दिसम्बर को भेजा गया था।
  1. इस कानून के अंतर्गत, केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त का गठन होगा।
  2. यह संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी। कोई भी नेता या सरकारी अधिकारी की जांच की जा सकेगी
  3. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कई सालों तक मुकदमे लम्बित नहीं रहेंगे। किसी भी मुकदमे की जांच एक साल के भीतर पूरी होगी। ट्रायल अगले एक साल में पूरा होगा और भ्रष्ट नेता, अधिकारी या न्यायाधीश को दो साल के भीतर जेल भेजा जाएगा।
  4. अपराध सिद्ध होने पर भ्रष्टाचारियों द्वारा सरकार को हुए घाटे को वसूल किया जाएगा।
  5. यह आम नागरिक की कैसे मदद करेगा: यदि किसी नागरिक का काम तय समय सीमा में नहीं होता, तो लोकपाल जिम्मेदार अधिकारी पर जुर्माना लगाएगा और वह जुर्माना शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में मिलेगा।
  6. अगर आपका राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि तय समय सीमा के भीतर नहीं बनता है या पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती तो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकते हैं और उसे यह काम एक महीने के भीतर कराना होगा। आप किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकते हैं जैसे सरकारी राशन की कालाबाजारी, सड़क बनाने में गुणवत्ता की अनदेखी, पंचायत निधि का दुरुपयोग। लोकपाल को इसकी जांच एक साल के भीतर पूरी करनी होगी। सुनवाई अगले एक साल में पूरी होगी और दोषी को दो साल के भीतर जेल भेजा जाएगा।
  7. क्या सरकार भ्रष्ट और कमजोर लोगों को लोकपाल का सदस्य नहीं बनाना चाहेगी? ये मुमकिन है क्योंकि लोकपाल के सदस्यों का चयन न्यायाधीशों, नागरिकों और संवैधानिक संस्थानों नेताओं द्वारा किया जाएगा। इनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से और जनता की भागीदारी से होगी।
  8. अगर लोकपाल में काम करने वाले अधिकारी भ्रष्ट पाए गए तो? लोकपाल / लोकायुक्तों का कामकाज पूरी तरह पारदर्शी होगा। लोकपाल के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत आने पर उसकी जांच अधिकतम दो महीने में पूरी कर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा।
  9. मौजूदा भ्रष्टाचार निरोधक संस्थानों का क्या होगा? सीवीसी, विजिलेंस विभाग, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (अंटी कारप्शन डिपार्टमेंट) का लोकपाल में विलय कर दिया जाएगा। लोकपाल को किसी न्यायाधीश, नेता या अधिकारी के खिलाफ जांच करने व मुकदमा चलाने के लिए पूर्ण शक्ति और व्यवस्था भी होगी।सभी बिन्दुओ कि समय सिमा ज्यादा है।

सरकारी बिल और जनलोकपाल बिल में मुख्य अंतर

अगस्त से शुरु हुए मानसून सत्र में सरकार ने जो विधेयक प्रस्तुत किया वह कमजोर और जन लोकपाल के सर्वथा विपरीत था। अन्ना हज़ारे ने इसके खिलाफ अपने पूर्व घोषित तिथि १६ अगस्त से पुनः अनशन पर जाने की बात दुहराई। १६ अगस्त को सुबह साढ़े सात बजे जब वे अनशन पर जाने के लिए तैयारी कर रहे थे, उन्हें दिल्ली पुलिस ने उन्हें घर से ही गिरफ्तार कर लिया। उनके टीम के अन्य लोग भी गिरफ्तार कर लिए गए। इस खबर ने आम जनता को उद्वेलित कर दिया और वह सड़कों पर उतरकर सरकार के इस कदम का अहिंसात्मक प्रतिरोध करने लगी। दिल्ली पुलिस ने अन्ना को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। अन्ना ने रिहा किए जाने पर दिल्ली से बाहर रालेगाँव चले जाने या ३ दिन तक अनशन करने की बात अस्वीकार कर दी। उन्हें ७ दिनों के न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। शाम तक देशव्यापी प्रदर्शनों की खबर ने सरकार को अपना कदम वापस खींचने पर मजबूर कर दिया। दिल्ली पुलिस ने अन्ना को सशर्त रिहा करने का आदेश जारी किया। मगर अन्ना अनशन जारी रखने पर दृढ़ थे। बिना किसी शर्त के अनशन करने की अनुमति तक उन्होंने रिहा होने से इनकार कर दिया। १७ अगस्त तक देश में अन्ना के समर्थन में प्रदर्शन होता रहा। दिल्ली में तिहाड़ जेल के बाहर हजारों लोग डेरा डाले रहे। १७ अगस्त की शाम तक दिल्ली पुलिस रामलीला मैदान में और ७ दिनों तक अनशन करने की इजाजत देने को तैयार हुई।अन्ना को राम्लीला मैदान मै १५ दिन कि अनुमति मिलि,और अब १९ अगस्त से श्री अन्ना राम लीला मेदान मै जन लोकपाल बिल के लिये आनशन जारी रखने पर दृढ़ है| अनशन का आज दसवाँ दिन है | आज २६ अगस्त है फिर भी सरकार अन्ना जी का अन्शन समापत नही करवा पाए |हजारे ने कहा कि अगर जन लोकपाल विधेयक पर संसद चर्चा करती है और इन तीन शर्तों पर सदन के भीतर सहमति बन जाती है तो वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दोनो पक्षों के बीच जारी गतिरोध को तोड़ने की दिशा में पहली ठोस पहल करते हुए लोकसभा में खुली पेशकश की कि संसद अरूणा राय और डा. जयप्रकाश नारायण सहित अन्य लोगों द्वारा पेश विधेयकों के साथ जन लोकपाल विधेयक पर भी विचार करेगी। उसके बाद विचार विमर्श का ब्यौरा स्थायी समिति को भेजा जाएगा।
सरकारी लोकपाल के पास भ्रष्टाचार के मामलों पर ख़ुद या आम लोगों की शिकायत पर सीधे कार्रवाई शुरु करने का अधिकार नहीं होगा. सांसदों से संबंधित मामलों में आम लोगों को अपनी शिकायतें राज्यसभा के सभापति या लोकसभा अध्यक्ष को भेजनी पड़ेंगी. वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल के तहत लोकपाल ख़ुद किसी भी मामले की जांच शुरु करने का अधिकार रखता है. इसमें किसी से जांच के लिए अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकपाल को नियुक्त करने वाली समिति में उपराष्ट्रपति. प्रधानमंत्री, दोनो सदनों के नेता, दोनो सदनों के विपक्ष के नेता, क़ानून और गृह मंत्री होंगे. वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल में न्यायिक क्षेत्र के लोग, मुख्य चुनाव आयुक्त, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, भारतीय मूल के नोबेल और मैगासेसे पुरस्कार के विजेता चयन करेंगे ।

राज्यसभा के सभापति या स्पीकर से अनुमति



सरकारी लोकपाल के पास भ्रष्टाचार के मामलों पर ख़ुद या आम लोगों की शिकायत पर सीधे कार्रवाई शुरु करने का अधिकार नहीं होगा. सांसदों से संबंधित मामलों में आम लोगों को अपनी शिकायतें राज्यसभा के सभापति या लोकसभा अध्यक्ष को भेजनी पड़ेंगी.वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल के तहत लोकपाल ख़ुद किसी भी मामले की जांच शुरु करने का अधिकार रखता है. इसमें किसी से जांच के लिए अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है.सरकारी विधेयक में लोकपाल केवल परामर्श दे सकता है. वह जांच के बाद अधिकार प्राप्त संस्था के पास इस सिफ़ारिश को भेजेगा. जहां तक मंत्रीमंडल के सदस्यों का सवाल है इस पर प्रधानमंत्री फ़ैसला करेंगे. वहीं जनलोकपाल सशक्त संस्था होगी. उसके पास किसी भी सरकारी अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की क्षमता होगी.सरकारी विधेयक में लोकपाल के पास पुलिस शक्ति नहीं होगी. जनलोकपाल न केवल प्राथमिकी दर्ज करा पाएगा बल्कि उसके पास पुलिस फ़ोर्स भी होगी

अधिकार क्षेत्र सीमित
अगर कोई शिकायत झूठी पाई जाती है तो सरकारी विधेयक में शिकायतकर्ता को जेल भी भेजा जा सकता है. लेकिन जनलोकपाल बिल में झूठी शिकायत करने वाले पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
सरकारी विधेयक में लोकपाल का अधिकार क्षेत्र सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री तक सीमित रहेगा. जनलोकपाल के दायरे में प्रधानमत्री समेत नेता, अधिकारी, न्यायाधीश सभी आएँगे.
लोकपाल में तीन सदस्य होंगे जो सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे. जनलोकपाल में 10 सदस्य होंगे और इसका एक अध्यक्ष होगा. चार की क़ानूनी पृष्टभूमि होगी. बाक़ी का चयन किसी भी क्षेत्र से होगा.

चयनकर्ताओं में अंतर
सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकपाल को नियुक्त करने वाली समिति में उपराष्ट्रपति. प्रधानमंत्री, दोनो सदनों के नेता, दोनो सदनों के विपक्ष के नेता, क़ानून और गृह मंत्री होंगे. वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल में न्यायिक क्षेत्र के लोग, मुख्य चुनाव आयुक्त, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, भारतीय मूल के नोबेल और मैगासेसे पुरस्कार के विजेता चयन करेंगे.लोकपाल की जांच पूरी होने के लिए छह महीने से लेकर एक साल का समय तय किया गया है. प्रस्तावित जनलोकपाल बिल के अनुसार एक साल में जांच पूरी होनी चाहिए और अदालती कार्यवाही भी उसके एक साल में पूरी होनी चाहिए.
सरकारी लोकपाल विधेयक में नौकरशाहों और जजों के ख़िलाफ़ जांच का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन जनलोकपाल के तहत नौकरशाहों और जजों के ख़िलाफ़ भी जांच करने का अधिकार शामिल है. 

सज़ा और नुक़सान की भरपाई


सरकारी लोकपाल विधेयक में दोषी को छह से सात महीने की सज़ा हो सकती है और धोटाले के धन को वापिस लेने का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं जनलोकपाल बिल में कम से कम पांच साल और अधिकतम उम्र क़ैद की सज़ा हो सकती है. साथ ही धोटाले की भरपाई का भी प्रावधान है.
ऐसी स्थिति मे जिसमें लोकपाल भ्रष्ट पाया जाए, उसमें जनलोकपाल बिल में उसको पद से हटाने का प्रावधान भी है. इसी के साथ केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा सभी को जनलोकपाल का हिस्सा बनाने का प्रावधान भी है.
copied from http://www.aamadmizindabad.in/2012/12/blog-post_121.html

कांग्रेस-बीजेपी ने "एडजस्ट" करने को हमारी नियति बना दिया है


कब तक "एडजस्ट" करेंगे आप ??
एक मेढक को खौलते हुए पानी में डाला गया, मेढक कूद कर निकल
गया |
कूदना मेढक का स्वभाव है, वो कूद सकता है, जहां अपनी जान पर
बनी हो वहाँ तो और भी तेज़ी से कूदेगा | अब उसी मेढक को एक
साधारण पानी में डाला गया और पानी का तापमान धीरे धीरे एक
एक डिग्री बढाया गया, मेढक ने "एडजस्ट" कर
लिया पानी का तापमान, सोचा अभी कूदने की जरूरतनहीं है, फिर
एक डिग्री बढा और फिर मेढक ने एडजस्ट कर लिया |
उसके बाद फिर एक डिग्री बढा पुन:एडजस्ट कर
किया लिया कूदना भूल गया और धीरे धीरे मेढक अपने स्वभाव
को ही भूल गया क्योकि अब वो हरतापमान और हर परिस्थति मे
खुद को एडजस्ट करना जो सीख गया है |
अन्तोगत्वा पानी का तापमान धीरे धीरे इतना बढ़
गया कि पानी खौलने लग गया और मेढक एडजस्ट
ही करता रहा और नहीं कूद पाया वंही मर गया |
ये कहानी नहीं है ये मेढक कोई नहीं ये हम और आप है,
जो एडजस्ट कर रहें है |
इस कांग्रेस सरकार के हर अत्याचार को सहन कर रहे है और
अपने आप को एडजस्ट कर रहे है|
पेट्रोल की कीमत बढाती बढती है तो हम पूल कार अथवा पब्लिक
ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करके अपने आप को एडजस्ट करते है|
क़ीमतें आसमान छू रही है ,हम दुसरे ढंग से इसमें भी एडजस्ट
करते है |
जो हमें मिलनी चाहिए वो हमारे आँख के सामने ही किसी और
को दे दी जाती है सिर्फ वोट बैंक के खातिर , इसमें भी हम अपने
आप को एडजस्ट करते है कि शायद अगला मौका हमें मिले.....
हम भूल चुके है कि इस कांग्रेस सरकार ने एक एक डिग्री तापमान
बढ़ा करके हमारा स्वाभाव ही बदल दिया है और हम आज के दिन
में सिर्फ एक चीज जानते है एडजस्ट करना और वो करते रहेंगे
मरते दम तक|
मेरे भाइयो और बहनों ! आज के पानी तापमान अब हमारे लिए
ठीक है !
कांग्रेस-बीजेपी ने "एडजस्ट" करने को हमारी नियति बना दिया है
Chandrahas Prajapati