Tuesday, July 30, 2013

में अपना वोट "आम आदमी पार्टी " को क्यों दूं? "

में अपना वोट "आम आदमी पार्टी " को क्यों दूं? "
" में अपना साथ देशभक्त "केजरीवाल" को क्यों दूं? "

1 अगर "आप" भ्रष्ट हो गई तो ?
उत्तर : भाई, "आप" सच्ची, पारदर्शी और ईमानदार है जबकि दूसरी पार्टीयां आर टी आई में ही नहीं आना चाहती। फिर "आप" का लोगों से पक्
का वायदा है कि सत्ता में आने के पंद्रह दिन के अन्दर ये, नापसन्दी, वापिस बुलाने और जन लोकपाल पास कर देगी। ऐसा किसी अन्य पार्टी ने पैंसठ सालों में वायदा तो दूर, बोला तक नहीं।

2 जन लोकपाल के लिए "आप" कोर्ट क्यों नहीं जाती?
उत्तर : कोर्ट कानून नहीं बनाती।

3 हमें "आप" की क्या जरुरत है? क्या हम भाजापा और कांग्रेस को नहीं सुधार सकते ताकि राजनीती साफ़ सुथरी हो जाए?
उत्तर : असंभव, हम 65 साल इन सबको पूरी और हर तरह से आजमा चुके हैं। हालात सुधरे नहीं बल्कि और ज्यादा खराब हुए हैं।

4 भारत कैसे सुधरेगा जब इसके लोग भ्रष्ट हैं?
उत्तर : बिलकुल गलत, लोग ईमानदार हैं पर ये सिस्टम ऐसा है जो उन्हें गलत करने पर मजबूर करता है।

5 कुछ लोग सारा सिस्टम नहीं बदल सकते। हम कुछ नहीं कर सकते।
उत्तर : भाई, अब कोई 'ओबामा' तो हमारे देश को सुधारने आएगा नहीं। अब हमें इसे खुद ही सुधारना है। "राजनीती गन्दी है ", हमें अपनी यह "सोच" बदलनी है। सिर्फ सच्चे देशभक्त ही चुनने हैं जो साफ़ सुथरी ईमानदार राजनीती करें। सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि, देशसेवा की ईमानदार राजनीति करते थे। जब ऐसे अच्छे निस्वार्थी देशसेवा करने वाले लोग राजनीति में आयेंगे, तो राजनीती स्वता अच्छी लगेगी। देश का चरित्र निर्माण और नैतिक विकास करना "आप" की प्राथमिकता है।

6 "आप" को कोई नहीं जानता?
उत्तर : हमारे बात करने से पहले क्या आप "आप" को जानते थे? अब आप जानते हो .... अब आप ओरों से बात करोगे, उन्हें "आप " के बारे बताओगे की कैसे "आप" हमारे देश और हमारा भविष्य उज्जवल करेगी, कैसे आम आदमी सत्ता खुद संभालेगा, कैसे भ्रष्टाचार जड़ से ख़त्म होने से सारी वस्तुएं, बिजली पानी आधी से भी ज्यादा सस्ती हो जायेंगी, चरित्र निर्माण होगा, धनी लोग गरीब की पूरी पूरी मदद करेंगे, अपराध और बलात्कार पर रोक लगेगी, सब भारतीय बराबर, शिक्षित और सुखी होगे। अब आप आने सम्बन्धियों और मित्रों को बताओगे।

7 "आप" बड़ी बड़ी मीटिंग कर जनता को क्यों नहीं बताती ?
उत्तर : "आप" मानव धर्म और सच्चाई में विश्वास करती है। इसके सदस्य अपनी सच्ची कमाई का एक हिस्सा इसे चेक ड्राफ्ट या ऑनलाइन देते हैं। सो इसके पास इतना धन नहीं है की बड़ी बड़ी सभाएं कर सके या बड़े बड़े होर्डिंग लगा सके। इसलिए ये एक दूसरे से आत्मीय वार्तालाप से अपने विचार आदान प्रदान करती है। इसे मीडिया का साथ भी नहीं है। .... फिर भी केवल आठ महीने में "आप" की सच्चाई, पारदर्शिता और ईमानदारी देश की चारों दिशाओं में करोड़ों आम आदमीयों के दिल को छू गयी है।

जय हिन्द !

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