Saturday, July 27, 2013

अगर हिम्मत है इन भ्रष्ट पार्टियों में तो करें अपने चंदे का खुलाशा...

ये है हकीकत भाजपा और कांग्रेस कि, परदे के पीछे सच्चाई है कि दोनों ही पार्टियों ने करोड़ों रुपये का "अवैध" चंदा निजी कंपनियों से वसूला है, यही कारण है कि ये दोनों पार्टिया और बाकी की सभी पार्टियाँ आज अपने आप को "सूचना के अधिकार" कानून के अंतर्गत नहीं आना चाहती है....

इसी भ्रष्ट राजनीति को बदलने कि शुरुआत कि है "आप" ने; और देश कि सबसे पहली पार्टी है जो 1-1 रुपये का चंदा जो इस देश का "आम आदमी" अपने खून पसीने कि कमाई से "आप"को देता है, उसे "आप" कि वेबसाइट पर तुरंत डाल दिया जाता है.

अगर हिम्मत है इन भ्रष्ट पार्टियों में तो करें अपने चंदे का खुलाशा.....

Association of Democratic Reforms (ADR) ने जब चुनाव आयोग और इनकम टैक्स विभाग से सूचना के अधिकार के तहत आंकड़े इकठ्ठा किये तो पता चला कि 2004 से लेकर 2011 भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर देश कि 23 राजनैतिक पार्टियों को Rs. 4,662 करोड़ का चंदा मिला जिसमे सिर्फ 15% चंदा देने वालों के स्रोत ज्ञात है, जबकि 85% चंदा देने वाले अज्ञात है या ये कहिये कि बेनामी है.

भाजपा और कांग्रेस को "ज्ञात दान दाताओं" में आदित्य बिरला ग्रुप का जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट, टाटा इलेक्टोरल ट्रस्ट और गुजरात में स्थित टोरेंट पावर लिमिटेड प्रमुख है, ये ऐसे दान दाता है जिनसे भाजपा और कांग्रेस दोनों ने चंदा बसूला है.

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Twenty three political parties including Congress and BJP earned Rs. 4,662 crore between 2004 and 2011, the Association of Democratic Reforms (ADR) said based on the Right To Information replies it received from the Election Commission and the Income Tax department.

But, source of less than 15% of the contributions was known.

Among the donors, General Electoral Trust (GET) of the Aditya Birla Group, Tata’s Electoral Trust and Gujarat based Torrent Power Limited have given big donations both to some political parties including Congress and BJP.
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http://www.hindustantimes.com/India-news/NewDelhi/85-of-Congress-BJP-donors-faceless/Article1-927749.aspx

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