Tuesday, July 9, 2013

.20 बहन और 25 भाई .....

दोस्तों, मैं वाकई काफी चिंतित रहता हूँ ...आज के समय में युवाओं की दिशा देखा कर ...हम सभी अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए बड़े जागरूक है ...पर अपने कर्तव्यों के लिए काफी उदासीन ....क्यों ?....

क्योंकि हमारे देश की व्यवस्था ही कुछ ऐसी बनाई जा रही है ...की आप सिर्फ स्वयं के बारे सोंचे ..खुद में केन्द्रित रहे ...समाज और देश के बारे में सोंचे ही नहीं ...
हमारी सरकार, शिक्षा , मिडिया , नेता सभी ...बस लगे रहते है ..आपको अपने ही अन्दर व्यस्त रखने में ....
मुझे दुःख होता है ...हमारे देश की ऐसी दिशा देख कर ...

मुझे याद है की ...की कक्षा एक में .....एक टीचर ने मुझसे सवाल किया था ...की तुम कितने भाई बहन हो ....तो पता है ...मुझे करीब 10 मिनट लगे थे ...गिनने में ....
10 मिनट के बाद ...उत्तर दिया ...20 बहन और 25 भाई .....
टीचर हैरान ....उसने पूंछा नाम बताओ ...
तो मैं गिनाने लगा ...रोली दीदी, पूजा दीदी , .....
पता है ...उस समय मुझे ये पता था ...की हर वो कोई ....जिसे मैं ..दीदी कहता हूँ ....और हर वो कोई ..जिसे मैं भैया (दादा) कहता हूँ ...पूरे गाँव और पूरे मोहल्ले के ....वो मेरे भाई बहन ही तो है ....
और आज भी ....मुझे यही लगता है ...की मेरे भाई बहन की संख्या ...गिनती करना ..बहुत मुश्किल है ....
और ख़ुशी इस बात की ....ऐसा करते समय मैं गलत नहीं ...वो ख़याल भी ठीक वैसे ही रखते है ....

पर चिंतित रहता हूँ ...की मेरे बचपन के गाँव और मोहल्ले में तो ...ऐसा था .....पर अब मैं ऐसे किस मोहल्ले में रहूँ ..जहाँ कुछ ऐसा ही महसूस कर सके ...मेरे बच्चे ?.....
कहाँ जा रहे है हम ....या ये कहें की ...कहाँ भेजे जा रहे है हम ......
ऐसा नहीं है ...की हम जा रहे है .....सच ये है ...की हमारी शिक्षा, सरकार, राजनीति, फिल्मे, TV के नाटक, नेता, राजनीति ....अरे पूरी व्यवस्था ही .....तोड़ रही है हमें .....
ताकि हम अकेला .....
अकेला ...महसूस करे ....असुरक्षित महसूस करे ...और इन भ्रष्ट लोगो से ....इनके गुंडे चमचो से डरते रहे ...उनके सामने खड़े होने की हिम्मत ही ना जूता पाये ....

इन्हें आपको ...लूटना है ....इसीलिए ये सिर्फ आपको तोड़ने की राजनीती करते है .....जोड़ने की नहीं ...इनकी हर बात में ....आपको तोड़ने की मनसा साफ़ साफ़ जाहिर होती है ....

और वो कहते है ना ....जैसा राजा वैसी प्रजा ....तो ठीक वैसा ही हो रहा है ....
UP के एक मंत्री को ...महिला नहीं ...चूजे चाहिए ...
MP के वित्त मंत्री जी ....राघव जी ......शर्मनाक है ....सिर्फ ये ही नहीं ..कितने - कितने नाम ही ऐसे ..पर छोड़ो ..गंदे लोगो की बात क्या करना ....

पर एक बात बताओ ...इन घटिया लोगो चुनता कौन है? .....और क्यों ?....
पर आप भी क्या करते ...आपके पास राईट तो रिजेक्ट या रिकॉल तो है नहीं .....और ये सारी पार्टी टिकट ही देती है ..ऐसे गंदे - गुंडों को ....तो क्या करते आप ....

पर अब ऐसा नहीं है ....है ना आपकी अपनी पार्टी ....जो देती है ..टिकट उसे जो आपके हिसाब से सही है ...
तो अच्छी बात या है ...की अब आपके पास रास्ता है ....और ये जरुरी भी है की ...आप राजनीति में खुद उतरे ...सक्रीय भूमिका निभाए ....और लड़े उस व्यवस्था के लिए ....जो आप चाहते है .....नागेन्द्र शुक्ल
संभलो की सुयोग

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