Saturday, July 20, 2013

आप ने,.. आप से पूंछा है की दिल्ली के 7 तत्कालीन विधायक .

दोस्त, आज आप ने,.. आप से पूंछा है की दिल्ली के 7 तत्कालीन विधायक ....आपकी पार्टी आम आदमी पार्टी में आना चाहते है क्या करे ?...
अब चूँकि वो तत्कालीन विधायक है ..तो शायद विधायक की टिकट भी जरुर मांगेंगे ...तो हमसे आपसे सवाल ये है की
क्या उनको आपकी पार्टी में जगह मिलनी चाहिए ?
क्या उनको आपकी पार्टी से टिकट दिया जा सकता है की नहीं ?..

तो चलिए थोडा सोंचते है ....वैसे तो आप और हम कभी राजनीती मन आना ही नहीं चाहते थे ...आये भी नहीं ....बस लाये गए ...क्यों लाये गए ...भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए ...सच्चे लोकतंत्र ....स्वराज और जनलोकपाल के लिए ....

तो आपका और हमारा किसी का उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना तो है नहीं ...हमारा उद्देश्य तो सिर्फ व्यवस्था परिवर्तन है ...
इस भ्रष्ट व्यवस्था जिसमे तंत्र ....लोक पर हावी है ...उसे बदलना है ....और ये बात की किसी को पार्टी से टिकट मिलना चाहिए या नहीं इसे जनता के हाँथ में सौप कर नवोदित आम आदमी पार्टी ने ये तो साफ़ कर दिया की ....ये पार्टी वो पार्टी होगी जिसमे फैसले कुछ गिने चुके नेता नहीं ...

बल्कि उसके कार्यकर्ता लेंगे ......जनता लेगी

ये बात भी साफ़ है की कोई भी व्यक्ति टिकट खरीद नहीं सकता ...क्योंकि आम आदमी पार्टी में टिकट बेंची नहीं जाती ...वैसे भी आम आदमी की पार्टी में टिकट देने का हक़ आम आदमी हो ही है ...किसी नेता को नहीं ...

अब चूँकि ये 7 तत्कालीन विधायक ...बीजेपी और कांग्रेस से ही होंगे ...मतलब ये,.. आदि होंगे ..उस भ्रष्ट व्यवस्था के अंतर्गत काम करने के ....
तो इनके भ्रष्ट होने की सम्भावना काफी ज्यादा होगी ...इसलिए इन्हें आपकी पार्टी में लेना खतरे से खली नहीं होगा ...ये बात सही है ...

पर मेरा मानना है की कोई व्यक्ति ..ईमानदार या बेइमान नहीं होता ...
ये व्यवस्था ही है ...जो किसी को ईमानदार से बेइमान बनाती है ...

सोचिये की मैं आपके घर पर आया ...आपका महँगा सामान रख्खा है ..और आपने घर की घर के सामान की सुरक्षा के लिए एक कुत्ता पाला है ...जो की लालची है ...अब लालची है तो हड्डी देख फिसलेगा जरुर ...और फिसलेगा तो मुझे आपके घर में गड़बड़ करने का मौका भी मिलेगा ..सही है ...कुत्ते की आदत बिगड़ी है ...तो उसके सुधरने की सम्भावना कम है ....

पर अब अगर आपके घर में इस कुत्ते के साथ - साथ एक CCTV भी लगा है ..और साफ़ साफ़ लिखा है की घर में चोरी किसी हाल में बर्दाश्त नहीं ...तो अगर मान लीजिये मैंने कुत्ते को हड्डी खिला भी दी ...तो भी CCTV की वजह से गड़बड़ करने की हिम्मत नहीं पड़ेगी ..और फिर भी ध्र्ष्टता की ...तो आपके घर का सख्त और चुस्त कानून तो है ....सजा देने के लिए ...

तो मेरी समझ से ये बात साफ़ है की ...ये व्यवस्था है ...
जो ईमानदार को इमानदार बनाये रखती है ...और बेईमान को ईमानदार बनाने के लिए मजबूर करती है ...

तो अब जब की आपकी पार्टी ...कटिबद्ध है CCTV लगाने के लिए ...
इस चोर व्यवस्था को बदलने के लिए ....
जनलोकपाल को जल्द से जल्द लागू करने के लिए ....
तो इसका मतलब ये है की ....मैं चाह कर भी गड़बड़ नहीं कर पाऊंगा ...और अगर की तो ...तो सजा पक्की ...है की नहीं ....

तो जब व्यवस्था ही ऐसी हो ...तो ज्यादा चिंता की बात नहीं ....अगर वो आपकी पार्टी के विधायक बन भी जाते है ....तो ..

अब विधायक कोई भी बने ..उसे लोकपाल ...और स्वराज के अंतर्गत ही काम करना पड़ेगा ...तो क्या फर्क पड़ा ...

वास्तव में तो आज की परेशानी कोई कांग्रेस या बीजेपी नहीं ...कोई नेता नहीं ...बल्कि ये मिल्झुल कर बनाई गयी चोर व्यवस्था है ...
जो गड़बड़ है ...जिसे बदलना है ...और बदलेंगे ...पर जैसा की हमारे लोकतंत्र के ठेकेदार हमें बताते आये है ...की ये लोकतंत्र है यहाँ संसद विधान सभा में ..संख्या बल काम करता है .....जनता की मर्जी नहीं ...आदर्शवाद नहीं ....

तो ये बात भी पक्की है की इस व्यवस्था को बदलने के लिए ...हमें संख्या बल भी चाहिए होगा ..और जिताऊ कैंडिडेट भी ....

तो चूँकि हम एक सच्ची व्यवस्था को ...खड़ा करने की संकल्पना कर रहे तो ...हमें डरने की जरुरत है ही नहीं ....की कहीं ये गड़बड़ ना करे ....
पर एक बात ये बात सुनिश्चित होनी ही चाहिए ...की जिसे भी लिया जाए ...
वो चाल - चरित्र के मानक पर आपकी पार्टी के मानको में खरा उतरे ....बेईमानी तो ..आपकी व्यस्था ही नहीं करने देगी ....

पर व्यवहार ...व्यवहार तो निजी है ..उसको जरुर चेक किया जाना चाहिए ..

तो पार्टी के अन्दर लिया जाए या नहीं ....इस बात पर हमारी राय ये है ..की लिया जा सकता है अगर आप के मानको पर खरे है,.. तो ...
अब AAP के बनने से पहले हम और आप,... भी तो या तो बीजेपी के या कांग्रेस के या किसी के समर्थक थे ...और ये सब तो चोर ही थे ....और हम इन चोरो में से किसी ना किसी चोर के समर्थक थे ...पर जब मौका मिला ..जब पता चला की स्वक्ष राजनीती भी संभव है ..तो मैं और आप,... भला क्यों समर्थन करे किसी चोर का ....संकल्प करे और काम करे सच्ची व्यवस्था के लिए ..स्वक्ष राजनीती के लिए ..है की नहीं ....

तो इनको पार्टी में लिया जा सकता है ...और रही बात विधायक के टिकट की ....तो एक बात बता दे ...टिकट दिया जाए या नहीं ..उसके लिए ...हमें अपना पूरा process follow करना चाहिए ....अगर मिल जाए तो ठीक नहीं तो नहीं की सही ...

और किसी को टिकट देने में ...ना देने में ..उस क्षेत्र की जनता ...और उस क्षेत्र के AAP कार्यकर्ता ही निर्णय ले सकते है ...कोई और नहीं ...हम नहीं ...आप नहीं ....

ये मेरी समझ थी ...आप अपनी सोंच समझ से वोट जरुर दे ...की आपकी पार्टी ..चलनी कैसे चाहिए ....यही तो है सच्चा लोकतंत्र ...स्वराज ...

मैं ईमानदार हूँ ..क्योंकि मुझे बेईमानी का मौका नहीं मिला ....तो मैं ईमानदार रहूँगा या नहीं ...कोई गारंटी नहीं ...ऐसे तो बहुत कम होते है जिन्हें मौका मिले और ईमानदार रहे ...अरविन्द जी जैसे ...

पर मैं इमानदार रहूँगा ....इस बात की गारंटी ...सिर्फ एक ईमानदार व्यवस्था दे सकती है ..पारदर्शिता दे सकती ...सजा का भय और चुस्त कुत्ता, एक्टिव CCTV दे सकता है ...इसकी गारंटी ...
तो व्यवस्था अगर ऐसी हो ..तो कोई भी इमानदार ही रहेगा ..या कहे उसको रहना पड़ेगा ...इसीलिए तो अरविन्द जी की कोशिश है ....और कहना भी ...

सत्ता बदलने से कुछ नही होगा .....बदलनी तो व्यवस्था है .....और हम और आप उसी के लिए काम कर रहे है ....

तो अपनी समझ से वोट जरुर दे ..आपका वोट दिशा देगा ...आपकी पार्टी को ....नागेन्द्र शुक्ल
Link to Vote:- http://aamaadmiparty.org/poll/looking-into-our-fast-rising-popularity7-sitting-delhi-mlas-from-both-parties-have-approached-0


No comments:

Post a Comment