Sunday, July 28, 2013

#Batala House AAP Answer #2

दोस्तों,

अभी कल ही इस पेज पर एक पोस्ट के द्वारा बटला एनकाउंटर पर बहुत सारे मित्रों के संशय का उत्तर दिया गया था...कुछ अन्य मित्रों के प्रश्न अभी भी शेष रह गए थे......इस पोस्ट द्वारा उन्हें अपना पक्ष रखने का प्रयास है-

कुछ लोगों का क्रोध में कहना था कि "आप" की हैसियत ही क्या है .......

चलो ठीक है भाई साहब- अगर कोई भी साथी "आप" को एक छोटी सी पार्टी समझ रहे है जिसे शीला भी बड़ी आसनी से धुल चटा देगी तो फिर आधा मुद्दा तो यहीं खत्म हो जाता है क्योंकि जब आप लोगों की नज़र में "आप" कहीं भी नहीं ठहरती तो ऐसी पार्टी के लिए कोई चिंता क्यों करे ....

मत भूलिए कि आप का आम आदमी पार्टी अस्तित्व में कैसे आई थी..ये पार्टी आम लोगों की अभिलाषा, उनकी कसक और उनके सपनों के बीच से निकली थी....उनकी भूख, उनकी तड़प, उनकी बेबसी, उनकी लाचारी, उनकी उपेक्षा, उनकी बेईज्ज़ती के गर्भ से इसका जन्म हुआ....जब ऐसा लगने लगा था कि सरकार पूरी तरह बहरी होकर इस देश के आम जन को पूरी तरह भुला चुकी है...

तो जब "आप" का जन्म आप लोगों से ही हुआ है तो फिर "आप" के लोगों की हैसियत आम आदमी से ज्यादा कैसे हो सकती है ?....हमारी क्या हिम्मत कि हम आम आदमी के समर्थन के बिना एक कदम भी चलें ? अगर इस देश का आवाम चाहता है कि "आप" कुछ नहीं कर सकता और पुराना ढर्रा ही सही है तो फिर कोई क्या कर सकता है सिवाए एक और नए अन्ना और अरविन्द के फिर से पैदा होने के इंतज़ार के अलावा......

"आप" आप से है ना कि आप "आप" से और ये बात "आप" अच्छे से समझती है...

दूसरी बात ये कि शर्मा जी की शहादत का अपमान किया है "आप" ने ?

अरे भाई साहब, शर्मा जी की शाहदत पर तो सवाल उठाने का मतलब भी नहीं होता....हमारे में से कितने ऐसे लोग हैं जिनके परिवार के लोग पुलिस या सेना में नौकरी करते हैं ....और हम समझ सकते हिं कि हम कि हमारे वीर कैसी परिस्थितियों में जीते और लड़ते हैं....शर्मा जी एक जांबाज सेनानी थे और उन्हें ऐसे ही इतिहास याद रखेगा....

हमारे देश की दिक्कत ये है कि हम सिर्फ बातों से इस देश के शहीदों का सम्मान करते हैं..कारगिल के शहीदों के परिवार वालों का क्या हुआ ..आदर्श सोसाइटी में शहीदों की विधवाओं तक के घर खा गए लोग....जिन सैनिकों के सर कटे उनके परिवार का क्या हुआ ....????

और उन लोगों के बारे में आप क्या कहेंगे जिन्होंने शहीदों के ताबूत तक में दलाली खाने में जरा सी भी शर्म नहीं की..देखिये जब व्यवस्था सुधरेगी तो अपने आप आतंकवाद पर भी लगाम लगेगी क्योंकि कहीं ना कहीं व्यवस्था के भ्रष्ट होने से ही आतंकवाद को पाँव फ़ैलाने में मदद मिलती है....व्यवस्था ठीक होगी तो हमारे जवानों का भी मनोबल कई गुना बढ़ जायेगा....

हमें व्यवस्था बदलनी पड़ेगी ताकि इन महान योद्धाओं को पहले तो ऐसे उपकरण/ साधन दें की इनकी सुरक्षा पुख्ता रहे और अगर लड़ते-लड़ते ये देश के लिए शहीद भी हो जाएँ तो इन्हें पूरा सम्मान देकर इनके परिवार को "राष्ट्र परिवार" का दर्जा दिया जा सके.....

"आप" इसी किस्म की विचारधारा को अपनाती है..अगर कोई बात आपको ऐसे लगता है कि गलत कही गयी हो तो उस पर विचार करें, उस बात को "आप" तक पहुंचाएं ताकि उस पर फिर से गहन विचार-विमर्श कर अगली बार से शब्दों को और अधिक सोच-समझकर इस्तेमाल किया जा सके.....

हो सकता है कि आपके और बहुत सारे अन्य मित्रों के अनुसार "आप" द्वारा शब्दों के चयन में कहीं कोई त्रुटी हुई हो पर ये बात तो हम भी जानते हैं और बहुत गहरे आप भी जानते हैं कि "आप" का दिल इस देश के लिए ही धड़कता है और धड़कता रहेगा.....

" हो सकता है कि मेरा बताने का अन्दाज़ तुम्हे पसंद ना आये पर ,
ये तुम भी जानते हो कि मैं इस देश के लिए जान तक दे सकता हूँ "....

जय हिन्द !! वन्दे मातरम !!

डॉ राजेश गर्ग.
FB Link @ http://www.facebook.com/photo.php?fbid=605220682834400&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

No comments:

Post a Comment