Thursday, July 18, 2013

भ्रष्टाचार, रुपये के दाम, महँगाई और काले धन की .. चारो में समानुपातिक सम्बन्ध है


ये तो पता नहीं,.. की कथित शब्द सेक्युलर,..की परिभाषा क्या है ...
पर किसी एक व्यक्ति का विरोध,... secularism बिलकुल भी नहीं हो सकता ...
मेरी समझ से किसी भी (हर एक) इंसान को ....इन्सानी माप दंड पर आँकना ही ....शायद secularism होगा ...
वैसे जिस देश की जनता ..भूखी हो, प्यासी हो ...न्याय और सम्मान को तरसती हो ....
वहाँ सेक्युलर और कमुनल की बात करने वाले है क्या ?...ये तो आप जानो ...
पर मुझे ये पक्का पता है ...की वो जनता के,...देश के हितैषी नहीं हो सकते .....

इस बार नेता चाहे जो बात करे पर ...जनता ....
जनता सिर्फ यही बात करेगी की ....भ्रष्टाचार, रुपये के दाम, महँगाई और काले धन की ..
चारो में समानुपातिक सम्बन्ध है ....ये सब एक साथ आंकिक तौर पर एक साथ बढ़ते है ....और कारण ..
कारण इन चारो का एक ही होता है ....और वो है ....भ्रष्ट व्यवस्था और सत्ता - ताकत की राजनीती .....
ये भ्रष्ट व्यवस्था और ...स्वार्थ - सत्ता की राजनीती को बदलना पड़ेगा .....
पर बदलेगी कैसे ?....बदलेगा कौन ?.....अरे जनाब सिर्फ आप,..बदलना तो आपको ही पड़ेगा ...और सच ये है की बदल भी सिर्फ आप ही सकते है .........नागेन्द्र शुक्ल
 

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