Sunday, July 14, 2013

ये व्यक्ति नहीं व्यवस्था का दोष है की आज आप ...

ये व्यक्ति नहीं व्यवस्था का दोष है की आज आप ...
अगर बाबा बन गए ...तो ढोंगी खुद बा खुद हो जायेंगे,...
नेता बन गए तो ...करप्ट हो जायेंगे ...
टीचर बन गए तो ...बिजनेसमैन हो जायेंगे ..
बिजनेसमैन हो गए तो .....चोर हो जायेंगे .....
जब तक ये गड़बड़ व्यवस्था ना बदले ....तब तक कुछ भी करके ....आप अपने बच्चे को एक कामयाब तो बना सकते है ....पर इस व्यव्यस्था के चलते ....उसे संस्कार नहीं दे सकते ....
और फिर बाद में आपको दो बातो पर दुःख होगा ....
एक की ...बच्चा संस्कारी नहीं बन पाया ...जबकि आपने पूरी कोशिश की थी ..
दूसरी की ...जब सही समय था ...तब अगर इस लडाई में उतरे होते ...शायद व्यवस्था बदल जाती ....मौका थ छूट गया ...
तो दोस्त, अब चुप मत बैठो ...उठो ,..जुडो ..लड़ो ...जीतो ...और व्यवस्था को बदल दो .....
जरुरी है दोस्त ....नागेन्द्र शुक्ल

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