Saturday, July 6, 2013

'धन समर्थन'

नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। पैमाना अगर 'धन समर्थन' हो तो आम आदमी पार्टी अपने लोकपाल आंदोलन वाले दिनों से ज्यादा कामयाब हो रही है। पार्टी का पंजीकरण इस साल मार्च में हुआ है और इसे अब तक सवा पांच करोड़ रुपये मिल चुके हैं। जबकि लोकपाल आंदोलन को दो वर्षो में महज तीन करोड़ रुपये मिले थे। इसी तरह पार्टी ने भले ही अपना पूरा जोर दिल्ली चुनाव पर लगाया हुआ हो, लेकिन इसके 90 फीसद दाता देश के दूसरे हिस्सों से हैं।

पार्टी को आम लोगों से मिल रहे सहयोग की स्थिति यह है कि हर मिनट इसके खाते में कम से कम एक नया सहयोग जरूर दर्ज हो जाता है। इंटरनेट की आनलाइन दुनिया में आम आदमी पार्टी के समर्थन में लगने वाले नारे तो अब बहुत कम दिखते हैं, लेकिन इसके लिए चंदा जुटाने के लिहाज से सबसे उपयोगी यही जरिया रहा है। अब तक पार्टी के खजाने में सवा पांच करोड़ रुपये आए हैं, जिसमें 2.90 करोड़ सिर्फ आनलाइन चंदे से हैं। पार्टी में आनलाइन चंदे की व्यवस्था जनवरी से शुरू हुई थी और आय कर कानून के तहत छूट की शुरुआत मार्च से शुरू हुई।

पार्टी में यह व्यवस्था संभालने वाले कार्यकर्ता अंकित लाल बताते हैं कि ऐसी व्यवस्था की गई है कि जैसे ही कोई व्यक्ति अपने खाते से एक रुपये की भी रकम आनलाइन पार्टी में जमा करवाता है, उसका पूरा ब्योरा पार्टी वेबसाइट पर आ जाता है। यही कारण है कि हर मिनट इस लिस्ट में नए नाम जुड़ते देखे जा सकते हैं। इसी तरह चेक, ड्राफ्ट और नकद सहयोग देने वालों की सूची हर महीने वेबसाइट पर डाली जाती है।

आइआइएम बेंगलूर के प्रोफेसर और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के संस्थापक सदस्य त्रिलोचन शास्त्री कहते हैं कि पार्टियों की फंडिंग की इसी पारदर्शिता के लिए तो वह लंबे समय से लड़ रहे हैं। सूचना आयोग ने भी यह सारी जानकारी देने को कहा है। मगर अब सारी पार्टियां पर्दा डालने के लिए एकजुट हैं और सरकार सूचना छुपाने के लिए कानून बदलने जा रही है।

चंदे में गंदा

वर्ष 2005 से 2011 के दौरान कांग्रेस पार्टी के खातों में दो हजार करोड़ रुपये आए। मगर पार्टी ने इनमें से सिर्फ 19 फीसद का हिसाब दिया। बाकी रकम किससे दान में मिली इसका कोई हिसाब नहीं। कानूनन राजनीतिक दल को 20 हजार से कम के चंदे के बारे में जानकारी देना अनिवार्य नहीं। बसपा तो अपने एक भी चंदादाता का नाम-पता नहीं बताती।

आनलाइन चंदे में प्रमुख राजनीतिक दलों की ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखी। भाजपा की वेबसाइट पर एक हजार से ज्यादा का चंदा देने की व्यवस्था है, मगर कांग्रेस, माकपा, सपा और बसपा जैसी पार्टियों की वेबसाइट पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिखाई दी।

'आप' को आनलाइन किसने दिया कितना

रकम (रुपये में) दाता

1से 10 - 1,128 व्यक्ति

11 से 100 - 4,996 व्यक्ति

101-1000 - 11,547 व्यक्ति

1001-10000 - 4,163 व्यक्ति

10001-1 लाख - 228 व्यक्ति

1 लाख से अधिक - 1 व्यक्ति

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