Thursday, September 27, 2012

ईश्वर है तो, झगड़े - फसाद क्यों?

ईश्वर है तो, झगड़े - फसाद क्यों?
आज किसी ने, किसी विशेष पूजा, के बारे में पूंछा कि वो कैसे होती है ?
मेरा जवाब, हमेशा की तरह वही था, हर पूजा सिर्फ एक ही तरीके से होती है - और वो तरीका है|
मन से||
बात आगे बढ़ी प्रश्न हुआ - ईश्वर कहाँ है, उत्तर सीधा है मंदिर में |
पर मंदिर क्या है ?
मंदिर वो है, जो मन के अंदर है | और मन इन्सान में, तो मंदिर भी इन्सान में ही हुआ ना|
बात आगे बढ़ी, प्रश्न हुआ - आस्था क्या है उत्तर
समर्पण ही आस्था है||
अंततः इन्सान ही, ईश्वर है, और इन्सान ही मंदिर|
इन्सान का, इन्सान पर - समर्पण ही पूजा ||
तो अगर हम ईश्वर में आस्था रखतें है तो, हम इन्शान को छोटा - बड़ा जिसे संज्ञा कैसे दे सकते है
और जब सभी सामान है तो झगडा क्योँ ? अर्थात ईश्वर है तो, झगड़े - फसाद क्यों? कैसे ?

Monday, September 24, 2012

जरा सोचो

This Post is not mine, but i liked it very much....So just putting in my collection

 गरीब मीलों चलता है, भोजन पाने के लिए |
अमीर मीलों चलता है, उसे पचाने के लिए ||
किसी के पास खाने के, लिए एक वक़्त की रोटी नहीं |
किसी के पास, एक रोटी खाने का वक़्त नहीं ||
एक लाचार है, इसलिए बीमार है |
एक बीमार है, इसलिए लाचार है ||
कोई परिजन के लिए अपनी रोटी छोड़ देता है |
कोई रोटी के लिए, परिजन छोड़ देता है ||
जरा सोचो....?

सूरज एक उगाना होगा ||

dedicated to Great Mr. Arvind Kejariwal.

अँधेरा है घनघोर, सत्ता मैं बैठे है चोर |
जनता कराह रही, पर कोई नहीं सुनाता शोर ||
लगा दो पूरा जोर, लाने को अब भोर |
सूरज एक उगाना होगा |
इस चिंगारी, को अलख बनाना होगा,
सूरज एक उगाना होगा ||

Sunday, September 23, 2012

Knowledge without wisdom

Knowledge without wisdom 
मेरे गाँव में एक थे, विद्दु - जी हाँ उनका नाम ये ही था क्यूंकि वो बहुत विद्वान थे. हिसाब किताब में एक दम पक्के, एक दम Mathematician
एक बार वो गाँव के कुछ बच्चों को सैर करने ले गए, घूमते घूमते रास्ते पर एक नदी पड़ी, कोई नाव उपलब्ध नहीं थी, और पार जाना था.
बच्चों ने पूंछा अब क्या करैं, विद्दु बोले चिंता की कोई बात नहीं. मै अभी बताता हूँ | फिर विद्दु ने सारे बच्चों की ऊँचाई नाप कर सभी का औसत (Average) निकल लिया.
फिर विभिन्न स्थानों पर नदी की गहराई नाप ली, और नदी की गहराई का भी औसत (Average) निकल लिया.
और फिर बच्चों से बड़े जोश से बोले, कोई डराने की बात नहीं, "नदी की औसत गहराई, बच्चों की औसत ऊँचाई से कम है, चलो नदी पार करतें है............फिर क्या होना था.....
आप समझदार है, आप विद्दु तो नहीं ||
पर दुर्भाग्य से कुछ विद्दु संसद में है - Who have knowledge without wisdom.
इस कड़ी में मुझे 3 नाम याद आतें है १. MMS - Yes our PM , २. पी चिदाम्बरुम , ३. Montak Singh
आपको और कौन याद आता है ?

अंग्रेजों से, लड़ना था आसन ||

अंग्रेजों से, लड़ना था आसन ||
साफ़ पता था, क्यों करना है, किस पर करना है वार ||
आज परिस्थिति है, विकट
                          दुश्मन है, अति निकट |
करनी है दुश्मन की पहचान ||

कोई कहता, दुश्मन है, जाति - धर्म |
                 कोई कहता, आरक्षण ||
किसका दुश्मन, कब कौन बना
                  नहीं रहता याद ||
कभी है महेंगाई, घोटाला ,
                   तो कभी है दंगा, आतंकवाद ||

इन सब में, एक ही चीज़, सदा रही विद्यमान |
                  और वो है भ्रष्टाचार , वो है भ्रष्टाचार ||

लो हो गयी दुश्मन की पहचान ||

अरविन्द जी, आगे बढ़ो, और इस पर करो वार |
      वो सब है जिनको देश - धर्म से प्यार, साथ तुम्हारे
               सदा रहें तैयार ||

खुद सुधरो, घर सुधारो, 
             बदलेगा समाज |
बदल जायेगा, भविष्य देश का ,
            संसार करेगा, नाज़ ||

Thursday, September 20, 2012

आज अर्जुन (अरविन्द केजरीवाल ) अकेला पड़ गया

आज अर्जुन (अरविन्द केजरीवाल ) अकेला पड़ गया |
रणछोड़ (अन्ना) रण.....छोड़ गए ||

अब अर्जुन करे तो क्या करे |
युद्ध या समर्पण ?


अब दुर्योधन, बलवान होगा |
कौरवों का भरमार होगा ||
नहीं कोई प्रतिकार होगा ||
क्या रहने लायक, ये संसार (भारत) होगा ?

हे पार्थ (अर्जुन) , तुम डरो नहीं |
हे पार्थ, तुम झुको नहीं |
हे पार्थ, तुम रुको नहीं |
आज नहीं तो कल, तुम्हारे पीछे जनसैलाब होगा ||

अगर न बन सके कंगूरा,
तो नींव की ईट बनेगें |
अगर न बदल सके भविष्य,
तो प्रेरणादायक इतिहास होगा ||

अरविन्द जी, हम साथ है,

प्रभु जी, मल दो झन्डु बाम ||

संसद बंद , भारत बंद , बंद पडा सब काम !!
घर का चुल्हा बंद पडा और पेट करे आराम !!
नेताओ से देश बचे अब ऎसा कुछ हो जाये !!
हे गणपति तुम ही इन पे, मल दो झन्डु बाम !!!
मल दो झन्डु बाम, प्रभु जी, मल दो झन्डु बाम |
नोट हमारा, वोट हमारा !
महंगाई से मरी है जनता, ये करें आराम ||
प्रभु जी, मल दो झन्डु बाम ||
ये खाते 2G , 3G और बढ़ाते LPG के दाम |
प्रभु जी, मल दो झन्डु बाम ||
ये चलाते जूता चप्पल, देश करें बदनाम |
प्रभु जी, मल दो झन्डु बाम ||