Saturday, August 31, 2013

#Satyagraha4AAP Promotion Content#1

दोस्त, सवाल ये नहीं है की हम खुश है या नहीं? हम सही है या गलत, सवाल ये भी नहीं की हमारे देश की राजनीती और व्यवस्था कैसी है? आज सवाल ये है की इसे ऐसा किया किसने?...एक बार सोंचने की जरुरत है की दोषी कौन है, दोषी हम सब है और दोषी हमारा डर है। जाहिर सी बात है की जब अच्छे और सच्चे लोग अपने घर की कुंडी बंद कर डरे डरे अन्दर रहेंगे तो सड़क पर सिर्फ गुंडों का ही राज होगा।
दोस्त, सवाल ये है कि अगर सड़क पर हममे या आपमें से किसी के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो हमारी हिम्मत नहीं पड़ती की हम उसकी मदद करे। इस ही तरह हमारी इच्छा तो होती है पर हमारी हिम्मत नहीं पड़ती की गलत को गलत कह सके। क्यों? क्योंकि इस पूरी व्यवस्था पर सिर्फ भ्रष्ट लोग हावी हो चुके है और चुप रह कर कहीं ना कहीं हम भी भ्रष्टाचार का हिस्सा है, हमारी चुप्पी ही देती है बढ़ावा इस भ्रष्टाचार को।
देश की व्यवस्था ऐसी दिखाई देती है जैसे हम अपने खेतो, अपने घरो में किसी और के लिए काम करते रहेंगे और हमारे ही उपजाये आनाज को आटा बना कर कोई और एक्सपोर्ट करेगा, फिर उस ही आटे की बनी हुई रोटी इम्पोर्ट करेगा मुनाफा कमाएगा और इस बात पर खुश रहेंगे की बच्चे को स्कूल में खाना सरकार देती है और हमें पेड़ की छाँव में बैठने के इतने पैसे मिलेंगे की हम जिन्दा तो रहे पर जी ना सके।
नहीं तो ऐसा कैसे हो गया की हम व्यापार के नाम पर अपने देश में बना सामान नहीं अपनी मेहनत और पसीने को बेंचने लगे ?
कहीं ना कहीं, कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है जो निष्क्रिय कर रहा है हमारी सोंच को, समाज को, और आत्मा को। ऐसे हालत में हम क्या भविष्य देंगे अपनी आने वाली पीढ़ी को? जबकि हम सभी काम सिर्फ इस लिए करते है की जी सके और आने वाली पीढ़ी को कुछ दे सके ....हम ये नहीं कहते की यही सही वो सही है, पर जो सही है उसकी खोज खुद करो और जो गलत है उसे बदलने के लिए लड़ो।
निकलो बाहर इस भ्रामक विकास से और जागो, अपनी आँखे मलो और देखो फिर करो जो सही समझ आये। http://www.aamaadmiparty.org/
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(गुडगाँव में कार्यालय और बाँकी सभी संपर्क सूत्र उपलब्ध है इस पेज पर)
ऐसा नहीं की इन सब का कोई समाधान नहीं है, है जरुर है Janlokpal, Right to Reject, Right to Recall, Citizen Charter समाधान कैसे? कैसा होना चाहिए लोकतंत्र कैसी हो व्यवस्था इसके लिए पढ़िए "स्वराज".
ये कागज़ हमारे और आपके पैसे का है इसे नष्ट ना करे, पढ़े और पढ़ने के बाद दूसरे को दे

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