Saturday, August 31, 2013

#Satyagraha4AAP Promotion Content#2



अभी अभी "सत्याग्रह" फिल्म देखकर आ रहे हैं ना....क्यों कैसी लगी फिल्म ? अच्छा लगता है ना जब कोई भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ लड़ता है- अनशन करता है, सडकों पर उतरता है, पुलिस की लाठियां खाता है, पानी की बौछारें झेलता है, भूखा रहता है, दर्द सहता है...
आपको लगता होगा कि काश असल जिन्दगी में भी ऐसा हो पता..काश कोई भ्रष्टाचार, आतंक, आत्याचार, असमानता, अज्ञानता, अन्याय, बेरोज़गारी, बलात्कार, वंशवाद, भाई-भतीजावाद, गुंडागर्दी, अव्यवस्था, गंदगी , अँधेरे के खिलाफ आगे बढ़कर सारी सड़ी-गली व्यवस्था को बदल देता..
अगर आपको ऐसा लगता है तो फिर आप किसके डर से अनजान बने हुए हैं ? क्या आपको नहीं लगता कि इस फिल्म के किरदार तो बहुत पहले ही आपकी और हमारी असल जिन्दगी में बहुत पहले से ही उतर चुके हैं- कोई अन्ना बनकर, कोई अरविन्द नानकर, कोई मनीष बनकर, कोई गोपाल राय बनकर, कोई कुमार विश्वास बनकर, कोई शाजिया बनकर तो कोई संजय सिंह बनकर..
ये सब "आम आदमी" उन्ही सुनहरे सपनों को तो साकार करने के लिए अपना आज और आने वाला कल तक दांव पर लगाये बैठे हैं जिन सपनों को आप फिल्म के परदे पर साकार होते हुए देखने की तमन्ना लिए तालियाँ बजाते हुए आशावान थे..
दोस्तों, ये मौका फिर नहीं आएगा...इतिहास में बहुत विरले ही ऐसा होता है कि फिल्म का "नायक" वास्तविक "सत्याग्रह" करते हुए किसी मुल्क का नया इतिहास रचने के लिए परदे से



उतर कर असल जिन्दगी में सड़क पर उतरता है...ये मौका आप हाथ से मत गँवा देना- ना जाने फिर कितने सालों बाद फिर कोई "सत्याग्रह" करने की हिम्मत कर सके..
अपने असल जिन्दगी के नायकों का साथ दीजिये, उनका हौसला बढाइये और उनकी आवाज़ में आवाज़ मिलाकर "सत्याग्रह" को गूंगी-बहरी मौजूदा व्यवस्था को जगाया जा सके..किसी महान रचनाकार ने इसी किस्म के "सत्याग्रह" की अवधारणा को सोचकर लिखा होगा-
"मिटटी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता , अब इससे ज्यादा मैं तेरा हो नहीं सकता , मेरी आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलकर तो देख, फिर देख कि इस मुल्क में क्या हो नहीं सकता "
तो आ रहे हैं ना आप असल जिन्दगी के "सत्याग्रह" के यज्ञ में अपने हिस्से की आहुति डालने..देश आपका, वोट आपका और फैसला भी आपका !!
जय हिन्द !! वन्दे मातरम !! भारत माता की जय !!
निकलो बाहर इस भ्रामक विकास से और जागो, अपनी आँखे मलो और देखो फिर करो जो सही समझ आये। http://www.aamaadmiparty.org/
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ये कागज़ हमारे और आपके पैसे का है इसे नष्ट ना करे, पढ़े और पढ़ने के बाद दूसरे को दे

1 comment:

  1. Wonder what is holding the people back from participating in this "Second and Final Freedom Struggle" of India....the alternative shown by the best brains in the country, by creating AAP, to get a chance to change everything rotten in the government, by voting for the right people....is a peaceful democratic revolution which can be fought and won, provided each individual, voted for the change, he seeks...it is easier than a bloody armed revolution, which may become inevitable...

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