Wednesday, October 21, 2015

धर्म एक ऐसा अस्त्र जो आपको कभी वर्तमान और भविष्य नही बनाने देगा

15 वीं शताब्दी में यूरोप के लोग भूखे नंगे समाज में आराजकता का माहौल, गरीबी में एक दूसरे के दुश्मन बनते पडोसी देश
उस वक़्त चर्च और संसद में टकराव चल रहा था की देश कौन चलाएगा किसका नियंत्रण होगा समाज पर और अंत में उसमे संसद की जीत हुयी
चर्च पे पाबंदी लगे धर्म को कंट्रोल किया गया और यही जीत ऐतिहासिक रही यहीं से निकला यूरोप की तरक्की का रास्ता।
उसके साहसी नाविक देश से बाहर संभावनाएं खोजने निकले और अलग अलग जगह अपने उपनिवेश बनाए
भारत अरब अमरीका अफ्रीका हर जगह व्यापार फैला के अपने अपने देश को तरक्की की राह पे ले गये।
सोचो उस वक़्त हम क्या कर रहे थे हम अपने समाज में पड़े कूपमंडूक बने अपने इतिहास पे गर्व करते रहे समाज में लुगादी पीटते रहे की समंदर पार जाने से हमारा धर्म नष्ट हो जाता है
अपने ही भाइयो को जानवर से बदतर हालात में भेजके खुद को सवर्ण कह रहे थे ऐसा इसीलिए क्युकी समाज पे कानून और सत्ता से ज्यादा धर्म का नियंत्रण था
जहाँ यूरोप अपना भविष्य बना रहा था वहीं हम अपना वर्तमान और भविष्य दोनों नष्ट कर रहे थे
उनके पास अपना कोई इतिहास नही था जिसपे वो गर्व कर सके तो उन्होंने अपना वर्तमान और भविष्य ऐसा बनाया की आगे वाले कई पीढियां गर्व करेंगी
हमारे पास गर्व करने के लिए एक लंबा इतिहास रखा है इसीलिए हम हमेशा अपने देश को वर्तमान और भविष्य से निकाल के इतिहास में धकेलते हैं और इसमें अपनी एहस भूमिका निभाने के लिए धर्म है ही
धर्म एक ऐसा अस्त्र जो आपको कभी वर्तमान और भविष्य नही बनाने देगा बल्कि आपको इतिहास की ओर ले जाएगा
अगर आज देश की तरक्की करनी है तो इस धर्म रुपी विषैले रोग को कंट्रोल करना पडेगा
जिससे ये देश इतिहास से निकल के वर्तमान और भविष्य की ओर बढ़ सके,..Bunty Tripathi

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