Thursday, December 20, 2012

गुजरात और हिमाचल में जनता ने चुन लिया ....जिसे बेहतर समझा ..

गुजरात और हिमाचल में जनता ने चुन लिया ....जिसे बेहतर समझा ..जनता करती भी क्या है ...सिर्फ वोट देने के आलावा .....जनता के लिए ..तो वोट देना ही लोकतंत्र है .....और एक साधारण सोच है ...की आपने जिसको वोट दिया और वो जीता तो हमें लगता है की हम जीते ....हम खुश होते है ....होना लाजमी भी है ।।
पर लोकतंत्र में ...जीत नेता की और नेता के साथ जनता की होनी चहिये ....ऐसा नहीं होना चाहिए ....की जीत के बाद ..नेता अपनी मन मर्जी का ....और जनता अपने हाल में .....कई बार तो कुछ नेताओं को यह भी कहते सुना  ..की इस शहर से ..इस क्षेत्र से, इस जाति, धर्म से ....मेरी पार्टी को वोट नहीं मिला ...तो इसका विकास ..इस क्षेत्र के लोग उसी से करवाएं ...जिन्हें वोट दिया .....
और बस ..इस तरह के ...वक्तव्य के तुरंत बाद ....महसूस होता है ....की चुनाव में तो सिर्फ नेता ही जीता था ...जनता तो हारी थी ।।
अच्छी बात यह है की पिछले 2 वर्षों के प्रयास के बाद ....अब जनता में एक विस्वास जगा है ....एक हिम्मत आयी है गलत को गलत ...और सही को सही कहने की .....हिम्मत आई है ...ताकतवर नेता से ...अपने सवाल प़ूछने की ....जवाब मांगने की ....जीते कोई भी ....कोई फर्क नहीं पड़ता ....
अगर ..जनता जाग रही है ....गुंडों और भ्रष्टाचार से लड़ रही है .....और नेता उसमे सहयोग करे ....और इस जीत को ....सत्ता की जीत के बजाय ...जनता की जीत बना दे ....तो लोकतंत्र की जीत होगी .....नेता की जीत होगी ....जनता की जीत होगी ...
इस आशा और उम्मीद के साथ ...की जनता ...नेता की जीत को ....नेता की, जीत के बजाय ...जनता की जीत ...बनाने के लिए प्रयासरत रहेगी ...और नेता, सत्ता ..इसमें जनता का सहयोग करेगा ।। और एक सच्चा स्वस्थ लोकतंत्र स्थापित होगा ।।
दोनों जगह की जनता और चुने हुए नेता .....को शुभ कामनाएं .....और
वो पक्ष जो हार गया  ....जिनको विपक्ष कहतें है ..उनसे आशा की ....वो सत्ता के समक्ष जब जनता की बात में, खड़ी होगी ....और सत्ता का भी, जनता की भलाई में सहयोग करेगी ।। विरोध सच्चा होगा ....जनता के लिए होगा ....अपने हिस्से या चार काम के लिए नहीं ...

अब नए लोकतंत्र का आगाज हो चुका है ...जिसमे जनता की भागीदारी सुनिश्चित है .....और अपने इस हक़ के लिए जनता को सजग रहना पड़ेगा .....तो सत्ता में कोई भी हो ....विपक्ष में जनता नही होगी ...और यही AAP का प्रयास है ....और आम आदमी का विस्वास है

कल पूरा देश, दिल्ली की घटना के लिए ..आक्रोशित था  ....सड़क पर था  ..और यह बात किसी की भी हार और जीत से बड़ी है,....हमें और मीडिया को ....इस मुद्दे को बिना उसकी परिणति तक पहुंचाए हुए ठन्डे बसते में नही डालना चाहिए,....क्योँकी इस तरह की घटना ...एक प्रशन चिनह है ....हमारे विकास की बात पर ...समाज वाद की बात पर ।। आशा है की जीत के जश्न और हार गम में ...ये कही खोएगा नहीं ....नागेन्द्र शुक्ल

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