Wednesday, December 26, 2012

रायता फ़ैल चुका है,.....भांडा फुट चूका है ....

रायता फ़ैल चुका है,.....भांडा फुट चूका है .....खोदा पहाड़ और निकला चूहा तो कई बार देखा सुना ....पर पहली बार देख रहा हूँ ...
खोदा पहाड़ ...और निकला ज्वालामुखी .....अब कौन सम्हालेगा इस लावे को ....कहाँ से आएगा कोई विषधर ....
हमारे कुछ ज्ञानी साथी ...बार - बार पूँछते रहते थे ...की आप आरोप लगाते हो .....मुकदमा क्योँ नहीं करते ...कोर्ट क्योँ नहीं जाते ....
तो भाइयों ...देख लो ...रायता फ़ैल चुका ....सब कुछ आपके सामने है ....
इस देश की जनता पिछली 16/17 तारिख को किस लिए निकली थी ......हम कहाँ से चले थे ...कई मोड़ से गुजरे ....और अंत में ...अब किस मोड़ पर खड़े है .....
यह  अंदेशा तो था की .....इसका climax कुछ ऐसा ही होने वाला है ...पर इस तरह से फूटेगा भांडा .....ताज्जुब है .....
कौन सच्चा ...कौन झूठा ...इसका फैसला ...कैसे होगा ...कौन करेगा ..या यूं ...कहें की अब किसके फैसले पर .....जनता विस्वास करगी ....या कर सकती है ....ये तो आप ही जानो
क्यूंकि ....मेरा मन नहीं ...अब कोई तर्क सुनाने का .....कोई बहस करने का  बिलकुल नहीं है .....कोई कुछ भी बोले ....अब हम नहीं सुनने वाले ....
हाँ कुछ लोग, जो अभी गायब हैं ...और बैठे ..इंतजार में ...कर रहे है wait & watch.....फिर हमेशा की तरह की ऊंट किस करवट लेटेगा .....देख कर ...बाटेंगे अपना ज्ञान .....सेकेंगे अपनी राजनीतिक रोटियाँ .....रोयेंगे संसद में ...करेंगे मांग इस्तीफे की ....वगैरह वगैरह ....उन्हें यह बता दूं ....अब हम जाग रहें है ....और समझ रहे है .....की कोई क्योँ,.. कभी अच्छा दिखता है ...और कभी बुरा .....सब समय का चक्र है .....ठीक इनमें से कोई नहीं ....जी हाँ मैं सारी राजनीतिक पार्टियों ....और उनके ज्ञानियों ..की बात कर रहा हूँ ....नागेन्द्र शुक्ल 


No comments:

Post a Comment