Tuesday, December 25, 2012

बस कहानियों ..के जरिये ही ..बन रहे है कानून ..चल रहा है ..हमारा लोकतंत्र .

वैसे एक बात तो पता चल गई की हमारे देश के best story writer .....हमारे देश की पुलिस है .....और best screen play नेता तैयार कर सकतें है .....जब पुलिस को ..शासन का साथ मिले तो कहानी ...थोड़ी और मसालेदार हो जाती है ..... Thrilling हो जाती है
बस गड़बड़ ....इनके निर्देशन में हैं .....अब क्या करें ...वो इनकी मजबूरी है ....character ज्यादा होते है ...सबको dialog बताये नहीं जा सकते ....अब डेंगू के मछछर ....और सड़क पर चलते mango man  ...को कोई कैसे बताये ..... दिक्कत एक और ....कई कैमरे ...ऐसे होते है ...जो इनके camera man के control में नहीं है ....कुछ भी शूट कर लेतें है .....
....पर फिर भी कोई बात नहीं .....इन सारी कमियौं ...को छुपाने के लिए ...है ना,... सरकारी दबाव तंत्र ......और भी अगर कोई ...न माने की यही फिल्म ....super hit  है .....उसके लिए ....भी है .....CBI/पुलिस  .....मानोगे कैसे नहीं .....
नहीं मानोगे तो क्या ?.........फिर नई कहानी ...लिख दी जाएगी ....
ये शासन ...प्रशासन ..... कुछ कहानियां ...ऐसी भी लिखते है .....जिनमे ...ना कैमरे की जरुरत होती है ..और ना ही किरदारों की .....NO visual ...सिर्फ स्टोरी ....वो भी इनकी आँखों देखी .....
बस कहानियों ..के जरिये ही ....बन रहे है कानून .....चल रहा है ....हमारा लोकतंत्र ......नागेन्द्र शुक्ल
और एक बात शायद मैंने ही मिस किया होगा .....सचिन को retirement के बाद एक बार भी नहीं देखा TV पर ....मेरी गलती होगी ...पर सचिन ...आप अगर one day matches में भी ...50 century पूरी कर लेते तो मुझे अच्छा लगता .....49....कुछ missing सा लगता है ..नागेन्द्र शुक्ल


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