Tuesday, December 25, 2012

कोई नही है ...जो सुनता अब 'अटल' ललकार .....

आदरणीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को जन्म दिन पर हार्दिक शुभ कामनाएं
तुम अटल रहे मानवता पर ....
तुम अटल रहे अपने पथ पर ...
तुमने इनको ...राज धर्म सिखाया ....
पर इनको कुछ भी समझ न आया ....
सांझ ढली जो 'अटल' आपकी ...
भूल गए सब ...सीख आपकी ...
भूल गए ये ....'अटल' ललकार,....

देश धर्म रहा न प्यार ....
देखो ..कैसे मिल कर करते .....
ये उनके ...वो इनके ...काम चार ....

वर्षो ..मे था जो फूल खिलाया .....
उसको इन्होने ..हथियार बनाया ....
लालच में ..आकर अब ये  ...
कीचड़ में .....कमल नहीं ......
कमल ....में कीचड़ रहे डाल .......

ठीक हुआ जो सांझ ..ढली आपकी ...
पक्ष - विपक्ष को दिया है मार .....
कोई नही है ...जो सुनता अब 'अटल' ललकार .....
...नागेन्द्र शुक्ल



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