Monday, December 17, 2012

ना जाने कैसे दान,.... बंटा ..... दानी हुआ ....अमीर बड़ा .....

ये लो ...कैश for food
ये लो ...Mobile, Tablet
ये लो ...सयकिल, induction cooker
ये लो ...बेरोजगारी भत्ता
ये लो ...आरक्षण ...चलो प्रमोशन और धर्म में भी लो
ये लो ...फ्लैट, TV
ये लो ....वो भी लो ....चुनावी वादे .....
ये भी माफ़ ...वो भी माफ़ .....
बढ़ी महंगाई बेहिसाब .....हो गया जनता का पैसा साफ़
पिछले 65 सालों में....
ना जाने कैसे दान,.... बंटा .....
दानी हुआ ....अमीर बड़ा .....
लेने वाले का ......दाम घटा ....
सच ही .....था जो फ़कीर से सुना ....
तू एक रुपया देगा .....
वो हज़ार ...तुझे देगा ....
फ़कीर की बात है सही ..पर दानी के लिये ....
ये लोग जो बाँटे .....वादे चुनावी ....उनका हर काम है सिर्फ उनके लिये ....
ना हमारे लिये ....ना तुम्हारे लिये ।।
.AAP, आपको कुछ नहीं दे सकता और देगा भी नहीं ....
सिवाय भ्रस्ताचार मुक्त, व्यवस्था के ....स्वराज के ...और सच्चे लोकतंत्र के ।।
सिवाय एक आत्म संतुष्टि के ....सिवाय इस गर्व के ...की हाँ मैं कुछ कर रहा हूँ इस देश के लिए ...देशवासियों के लिए
....नागेन्द्र शुक्ल

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