Monday, January 28, 2013

Answers to faltu BJP Questions....

खुजलीवाल बहुत निकम्मा आदमी है, देश द्रोहि है.... न जाने क्या क्या.... यहि सब कहते हैं... आलोचक....
आलोचना अच्छि बात है, लेकिन तथ्य बिना आलोचना....?? यहि हो रहा है, तथ्य बिना आलोचना.... (किसी ने कहा कौवा कान लेकर भागा..... भागो....पकडो... मार डालो....)
कुछ कहना चाहता हूँ मन करे तो "पुरा" पढिएगा, नहिं तो गाली देकर भी निकल सकते हैं.....

मैं कुछ लिख रहा हूँ, निवेदन है फुरसत से पढिएगा... निवेदन करूंगा की पढते समय जल्दिबाजी न करें...
पहले आप इसे पढें... ज्यादा समझ आएगा... और क्योकि आप लोगों का नियंत्रण अच्छा है तो आप लोग इसे नियंत्रित भी कर पाएं...
1. सवाल पुछने की दो स्थितियाँ होती हैं :
(a). कुछ जानने कि मंशा ।
(b). आरोप या कटाक्ष की मंशा ।
-पहली परिस्थिति में बातों का आदान प्रदान स्वाभाविक ढंग से हो जाता है,
-लेकिन दुसरी परिस्थिति में पहले से हि विचार बने होते हैं बातों की होड लगती है, अपनी अपनी जानकारीयों की प्रतिस्पर्धा होने लगती है... नतीजा निकलना नामुमकिन हो जाता है, एसी परिस्थिति में आरोप प्रत्यारोपों को प्रमाणिक तथ्यों के आधार पर लगाया जाए तो नतीजे की गुंजाइस बन सकती है....
मैं केजरीवाल या प्रशांत भुषण या अन्ना को धोखा दे देने वाली चर्चाओं मे पहले नहिं पडता था... लेकिन अब लगता है गलत करता था... चर्चा तो करनी पडेगी...
***चर्चा न करने का कारण केवल एक था, जो लोग बात करते हैं, अधिकांश सुनी सुनाई बात करते है, प्रमाणिकता से कोसों दुर रहते हैं, कोई भी जानकारी जुटाने की मेहनत नहिं करते, बस जानकारी को on off switch की तरह समझते है, दबाई और जानकारी आ गई.....
सहमत असमत होना लक्ष्य नहिं होना चाहिए, लक्ष्य तो होना चाहिए जानकारीयों तक पहुंचने का जो यहा अधिकाशं फेसबूकिये नहि करते बस लगे हुए हैं.... पहला काम तो यह हो की जानकायों तक पहुंचा जाए, फिर मत बनाया जाए...
हम करते ठीक उल्टा हैं, पहले मत बना लेते हैं फिर जानकारीयों का उसके आधार पर मानवीकरण करते हैं.....

2. मैं AAP का फिलहाल समर्थक हूँ, आप लोग BJP/मोदि के, कुछ लोग काँग्रेस के... सब अपनी अपनी जगह ठीक हैं, कोई भी अपना मत न बदले, केवल इमांदारी से प्रमाणिक जानकारीयों तक पहुंचे और अपने सहमत वालों में साझा करे,
तब एक निर्णय निकलेगा की अधिकांश लोग एक विषय पर लगभग एक सी जानकारी रखेगें...
लाभ : कोई हमे बेवकुफ नहिं बना पाएगा.....


3. प्रशांत भुषण : कशमीर पाकिस्तान को देने का बयान देने का आरोप....
कब दिया ये बयान ?
कहाँ दिया ?
क्या बयान दिया ?
जब ये सवाल दुबारा पुछा जाए तो उत्तर की कोई उम्मीद करना बेकार हो जाता है....
प्रशांत ने बनारस कि एक छोटि सी प्रेस कॉन्फ्रेन्स में ये बयान दिया, वो बात किसी दुसरे विष्य पर कर रहे थे, एक पत्रकार ने विषयान्तर करते हुए कशमीर पर सवाल दागा की वहाँ की समस्याओं और आतंकवाद/पाकिस्तान सम्बंधित समस्याओं के हल पर आप का क्या विचार है,,
प्रशांत ने दो वाक्यों में इसका जबाब दिया : " वहाँ plebiscite/जनमतसंग्रह करवाया जा सकता है, जीससे यह दुनिया को पता चल सके की कशमीरी लोग क्या चाहते हैं, भारत या पाकिस्तान ?, लेकिन यह काम ठीक ढंग से हो, इससे कशमीर समस्या का हल निकाला जा सकता है"
कोई भी इस बात से सहमत/असहमत हो सकता है, लेकिन यह कह कर कोई अपराध तो प्रशांत ने नहिं किया न !
क्योकि भारत सरकार बहुत पहले हि UN Convention में कशमीर मे plebiscite के पक्ष में एक बार हामी/दस्तखत कर चुकी है, कुछ नया तो कहा नहिं था.....
ये हल्ला कब और क्यों हुआ ?
plebiscite/जनमत संग्रह तमाम देशों में होते है वो अच्छे हमारे यहाँ बवाल ? प्रशात हि केवल भारतीय इतिहास में एक गैर राजनीतिक व्यक्ति था, जीसे एक बयान के लिए पिटाई खानी पडि.....
जबकि भारत के सबसे बडे दुशमन सईद और 4 अन्य आतंकवादीयों को हमारे बडे राजनेता काँधार बाइज्जत आतंकवादीयों को सौंप कर आए (जबकी हाईजैक हवाई जहाज, पहले पाइलट की सुझबूझ से अमृतसर उतारा गया तो हमारा कमांडो दस्ता व स्पेसल फोर्स आतंकवादीयो पर कार्यवाही के लिए 100% तैयार थी वहिं आंतकवादियों को दबोच कर यात्रियो को छुडाने के लिए लेकिन हमारे नेता आदतन ढिले ढाले थे उन्हे तुरन्त समझ नहिं आया क्या करें इसलिए तैयार कमाण्डोज को आदेश तक न दे पाए कार्यवाही का, तब वो जहाज दुबई, पाकिस्तान और अंततः अफगानीस्तान उतारा गया )
कौन है यह देशद्रोही प्रशांत भुषण जरा इसकी जानकारी इस प्रमाणिक स्रोत से और बढाएं, पढें जरूर.....
http://en.m.wikipedia.org/wiki/Prashant_Bhushan

4. केजरीवाल भी राष्ट्रद्रोहि है उसने हि भारतमाँ की तस्वीर मंच से हटवाई 100% सत्य है ।
लेकिन क्यों, भगवान और देश मे आस्था रखने वाले इंसान ने ऐसा क्यों किया क्या वाकई वो सत्ता का भूखा है ?
जरा कुछ दशक पिछे चलीए... आपलोगों ने 1975 मे जय प्रकाश नारायण के आंदोलन के बारे में तो सुना हि होगा, अन्ना व जे.पी का आन्दोलन एक हि था, जे.पी ने भी भ्रष्टाचार के खीलाफ आवाज उठाई व आन्दोलन किया, उन्होने भी कहा था सत्ता में जनता की सीधे भागीदारी हो... गैर राजनीतिक आंदोलन शुरू हुआ था वो... लेकिन संघ के कई नेता सक्रिय हो चुके थे जिनहे अपार प्रसिद्ध मिली.... इंदिरा ने जे.पी से डर कर इमरजेंसी लगाई, जनता ने जे.पी की बात समझ कर काँग्रेस को आजाद भारत में पहली बार उखाड फैंका,,, लेकिन हुआ क्या ? जनता पार्टि आई और दो साल बाद चली गई, कुछ भी नहिं बदला जनता पार्टि नें (BJP, JD, JDU,,, वहिं से निकले हैं )....
ये जानकारी अन्ना आंदोलन को चलाने वालों को भी थी, संघ फिर से जनआंदोलन/गैर राजनीतिक आंदोलन का राजनीतिक लाभ BJP के लिए लेने के चक्कर में था,,
जो आंदोलन के कोर मेम्बर जानते थे और उन्होने उनसे छुटकारा पाने के लिए ये कठोर निर्णय लिया....आज सभी राजनीतिक दल केवल स्वयम् के लाभ की राजनीति करते हैं.. जनआंदोलन का केवल लाभ उठाते हैं....

5. लोकपाल की भ्रुण हत्या करने के लिए सभी दल जिम्मेदार हैं, याद करीए शरद यादव NDA का संयोजक घटक दल को जो जन्तर मंतर पर लोकपाल की वकालत कर रहा था और संसद मे टाँग तोड रहा था ।
सुषमा स्वराज जो मजबूत लोकपाल की गुगली डाली, लेकिन CBI को सरकार के नियत्रण से हटा कर लोकपाल में लानेका amendment नहिं दिया, जबकी BJP ने लोकपाल पर100 amendment दिए... बिना CBI के लोकपाल बेकार है, किसी भी भ्रष्टाचारी को जेल नहिं हो पाएगी, क्योंकि जाँच नहिं हो पाएगी.....
केजरीवाल व साथी और हम जनता भी ये देख रहि थी, जो लोग जनआंदोलन का लाभ उठा कर सत्ता में आना चाहते हैं वो जनता की बात नहिं करते.. क्या फायदा है ऐसे दल का.....

6. कहते हैं केजरीवाल क्यों बुखारी के तलवे चाटने गया था....???
सहि बात है लेकिन व केवल बुखारी के तलवे चाटने नहिं गया था, August आंदोलन के बाद जन समर्थन बढाने के लिए उसने सभी जगह हर धर्म के गुरूओं के, अय्योध्या के, बंगाल के संतों के भी तलवे चाटे थे, लोगों को वो नहिं दिखा.......
केजरीवाल व टीम ने तो शुरूआत में काँग्रेस के तलवे चाटे, फिर बिजेपी के भी तलवे चाटे, लेफ्ट के, सभी दलों के तलवे चाटे, लेकिन दलों को उस वक्त ये जानकारी न थी की ये लोग इतना जनता में लोकप्रिय हो जाएंगे... जब हो गए... तो विरोध , विरोध करना अच्छी बात है लेकिन विरोध का कोई ठोस आधार भी होना चाहिए ....

7. केजरीवाल ने विदेशी धन लिया...
नितीन गडकरी पर कुछ बात आई जाँच मे गडबडियां ... income tax के छापे.... रामदेव को तमाम तरह से लपेट लिए सरकार ने....
अन्ना पर हमला किया बेइज्जत हुए किरण बेदि पर हमला किया बेइज्त हुए,
केजरीवाल पर हुआ बेइज्जत हुए, सिसोधिया पर हुआ, कुमार विश्वास पर हुआ....
शांति भुषण पर हुआ किसको छोडा इन्होने.... लेकिन कोई दाग कहिं नहिं मिला इसलिए फंसा न पाए.....
8. अरे ये AAP वाले क्या कह रहे हैं.... "जनलोकपाल" मजबूत कानून ! स्वतंत्र CBI के साथ.... दिलवाओ न !
आप सभी मिल कर मोदि से, BJP से, Congress से, SP, BSP,TC, JDU से.... (कृपया ये मत कहिएगा की केवल एक लोकपाल से क्या बदल जाएगा.... "बिमारी भगाने के लिए दवा खाई जाती है, एक गोली बिमारी खत्म नहिं करती लेकिन उस एक गोली को खाए बिना बिमारी भगाना असंभव है ... लोकपाल तो पहली सीढि है....)
भगा दो AAP को, मैं आम आदमी, आप आम आदमी/औरत की जीत तो दोनो तरफ है....
क्या इससे बढिया जनता के लिए राजनीतिक परिस्थिति बन सकती है कभी......
मुस्लिम तुस्टिकरण की राजनीति भी समझिए, ये खेल तमाम दल खेल रहे है, AAP का आधिकारिक पक्ष communal violence bill के खीलाफ है, शाजीया इल्मी के ट्विट को आधिकारिक न समझें..

9. ***आप वोट करते है अपने लिए, अपनी समस्याओं का हल करने के लिए,, याद करके बताइए क्या कभी भी कहिं भी आप या आप के घर वाले वोट करते समय "कशमीर की समस्या " को ध्यान में रख कर वोट करते हैं या कभी भी किया था....???
अपनी बातों को विचारों को मत को सहि दिशा देना जरूरी है.... विरोध करना जरूरी है.... जानकारीयों तक पहुँचना जरूरी है.....
हमे अपनी रोटि खुद कमानी है न केजरीवाल देगा, न मोदि देगा न कोई और ....
*** कई जगह काँग्रेस का जिक्र नहिं किया क्योकिं आज देश मे काँग्रेस एक राजनीतिक कलकं है, उसकी चर्चा करना बेकार है....


Now read about Arvind ji @ http://caravanmagazine.in/reportage/insurgent

Aam Admi Zindabad(आम आदमी जिंदाबाद)

10 comments:

  1. aisa hai sirf likhna hai usse kam nahi chalta hai aapne point uthaya hai ki kejriwal ne bharat mata ki tasveer kyu hatai lekin iska jawab to do kyu bas guma phira kar baat kar di na

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  3. भारत माता की तस्वीर क्यो हटाई इसका जवाब ये है कि केजरीवाल मुल्लों को नाराज़ नहीं कर सकता.....भारत के इस्लामिकरन मे मील का पत्थर बनेगा ये केजरीवाल ।

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  4. sangh faltu apni jab hari karne aa gaya poster laga kem bhaga diya half pant waalo ko... sahi kiya...JP ko dhoka dene waale ANNA ko bhee naa chhodte...

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  5. thats the reason they removed the pic of bharat mata, just because of RSS. agree with u..........jai AAP JAI sandeep singh (aam AADMI)

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  6. आप के प्रशांत भूसन अभी भी नहीं सुधरे है ये लिंक देखो और फिर बताओ http://www.greaterkashmir.com/news/2013/Mar/6/army-responsible-for-killing-of-kashmiris-prashant-bhushan-41.asp

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  7. इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है| सबको अपने अपने तरीके से सच को पहचानना है| पर यह कहना कि "बाकी सब केवल झूट बोलते हैं" यह AAP को शोभा नहीं देता| AAP का सबसे बड़ा झूट है भाजपा को कांग्रेस के साथ एक ही कठेहेरे में गुनेहगार बनाना|

    इस को साबित करने के लिए एक उदाहरण देता हूँ: कल इटली के दो सैनिक भारत सर्कार द्वारा छोड़े जाने के बाद वापस नहीं आये, सिवाय इसके कि उन्होंने भारत सर्कार को लिखित वादा दिया| सर्कार ने न्यायलय को यह झूट बोला कि इटली में Postal Ballot नहीं है| न्यायलय ने इस लिए ही दो सैनिकों को घर जाने की अनुमति दी|

    जब यह सब घटनाएँ घाट रही थीं तब AAP का गठन हो चूका था| AAP ने आवाज़ क्यूँ नहीं उठायी? जनता की अदालत में हमेशा expose करते हैं, इसका exposé क्यूँ नहीं किया? क्या इसका मतलब यह नहीं की AAP और Congress भाई-भाई हैं?

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  8. शाश्वत जी, आप कहते हैं के Congress = BJP| क्या आपको ज्ञात है कि भाजपा सर्कार कब शासन में आई थी? 1998 में पहली बार भाजपा जीती, पर उनकी सर्कार 1999 में गिर गयी| फिर से चुनावों के बाद October 1999 में भाजपा ने सर्कार बनाई| IC 814 का अपहरण December 1999 में हुआ|

    50 साल के Congress के कुशासन के बाद क्या केवल 1.5 साल भाजपा सत्ता में थी| सर्कार बीच में एक बार गिरी भी| उसके बावजूद भाजपा से यह आशा की जाय कि वह सब एकदम चकाचक कर देगी, यह एकदम बकवास है| कल अगर AAP को सत्ता मिलती है, तो क्या वह 2 साल में 400 साल के कुशासन को ठीक कर पायेगी? आप बोलोगे हाँ, किन्तु हमें पता है के भारत को ठीक से चलने में दासों साल लगेंगे|

    क्या 4 आतंकवादियों को छुडाना सही नहीं था? आपके बच्चे या माँ बाप उस विमान में होते तो भी आप यही कहते? 4 आतंकवादियोंको किसी ने बाईज्जत नहीं भेजा| भारत के लिए सबसे कठिन उपाय केवल एक ही बचा था, जब Afghanistan में तालिबानी सर्कार थी जो हमारी मदद इस्लाम के नाम पर नहीं कर रही थी|

    खैर, आप यह बताइए के AAP क्या करती? उस विमान के यात्रियोंको मरने देती?

    अब Plebiscite की चर्चा करते हैं| शाश्वत जी का कहना है के इसमें कोई आपत्ति नहीं| क्या मुद्दा केवल कश्मीर का है? क्या आपको लगता है कि कश्मीर में जनमत संग्रह करवाया तो सब ठीक हो जायेगा? क्या guarantee है कि बाकी राज्य यही मांग नहीं करेंगे?

    कल अगर Kerala के लोग अलग राज्य की मांग करते हैं तो बनाने देंगे? एक की मांग पूरी की, दुसरे की नहीं करोगे? अन्य राज्य भी यह मांग करेंगे तो वहाँ जनमत संग्रह करवाएंगे? कब तक करवाते रहेंगे? जब तक भारत टूट कर 1000 देश बन जाय? देश के 1000 टुकड़े करने में AAP को कोई चिंता नहीं है, है न? या देश के 1000 टुकड़े करना ही AAP का लक्ष्य है?

    AAP को अपना लक्ष्य साफ़ कर देना चाहिए| अगर AAP देश को तोड़ने के पक्ष में नहीं है - चाहे जनमत संग्रह हो या न हो - तो देश को तोड़ने की बात करने वालों को पार्टी से निकाले| यह मांग हम करते हैं क्यूंकि देश को तोड़ने की बात देश को लूटने वाली बात जितनी ही घिनौनी है|

    http://totally-politically-incorrect.blogspot.in/2013/03/aap.html

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    1. pehle to ek baat samjie..
      अगर नेता सॉफ एवं लोगो का हिट चटा हे तो
      1>उसके अंडर बहुत से लोगो की कोमेतीइ होती हे जो उन्हे शुजाव देती हे नकी कोई भला आदमी जो जनता द्वारा चुना जाता हे वो मनमाने ढंग से कुछ भी करता हे...
      ,तो अगर आप के पास कोइशुजाव होता हे तो आप प्रधान मंत्री के पास जाते हे. वो उस शुजाव पर बहेस करवाता हे, निष्कर्ष निकलता हे....इसके बाद वो शुजाव निसकर्ष सहित लोकसभा एवं राजाइया सभा मे ऑपोसिशन के सामने आती हे. ऑपोसिशन वाले उसमे कुछ दुरुस्त कार्रव्ाते हे फिर लगता हे तो दोनो से वो शुजाव बिल के रूप मे पारित होता हे.....
      तो इसका मतलब अगर आप किसी को पीयेम बना देते हे तो ये हक उसे नही हे की देश बात दे.मे आप से नही ना कॉंग्रेस से हू मे ना ब्ज्प से हू अभी इस समय ट्के मे किसी का समर्थक नही हू.

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  9. आप(AAP) से पूछे जाने वाले सवाल क्या वाकई में फालतू हैं? http://totally-politically-incorrect.blogspot.in/2013/03/aap.html

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