Thursday, January 17, 2013

हर रोज़ नए ...छेद ....है होते ..... बोलो कैसे चलेगी ये नाव .

विकास का मतलब ......Imported माल,......
 दीवाली के लक्ष्मी - गणेश से लगा कर
रोज मर्रा का हर सामान ......
बंद फैक्ट्री और मिलें ....महंगा ट्रांसपोर्टेशन ...
खेतों में उगते apartment और बड़े बड़े माल ....
महँगी रोटी ...महँगी दाल ....
दूध - दही का नाम ना लेना ....पिज़्ज़ा से काम चलाना
दूध से सस्ती ....दारू मिलती ....
देश में ...महंगाई से ही तरक्की दिखाती ...
हो रहा ...भारत निर्माण ....
देश की जनता सोचे ...जाती धर्म का भाव ....
सहते महंगाई ....सहते भ्रस्टाचार ....
हर रोज़ नए ...छेद ....है होते .....
बोलो कैसे चलेगी ये नाव ......नागेन्द्र शुक्ल



No comments:

Post a Comment