Thursday, January 3, 2013

जनता क्योँ न जाये ...जंतर मंतर ....

सर्द हवाओं में मोमबत्तियों बुझती रही, लेकिन लोग उसे जलाते रहे।,.....
दो जागे हुए आम आदमी उत्तर प्रदेश के बरेली के शास्त्री नगर निवासी 50 वर्षीय राजेश गंगवार और ....उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद के बाबू सिंह
जो बैठे है ....लगातार अनशन पर ...दिल्ली की इस ठण्ड में (3 डिग्री न्यूनतम) ...और सैकड़ो युवक ...जमे है जंतर मंतर पर आज भी
क्या रिश्ता है इनका ...हमसे ...क्योँ बैठे है ....हमारे लिए ....वो भी तब ...जब सारे नेता किसी तरह समझाने में लगें है ...की देंगे फाँसी ...इन अपराधियों को .....

पर ऐसा क्या है ...फिर भी यह दो और सैकड़ो युवक ...जमे है जंतर मंतर पर आज भी ......कारण तो है ...और जायज भी ....
एक तो हमारे देश के नेता अब ....भरोषे के लायक नही रहे ......ये लगातार और बार धोखा देते ही ...हमको और आपको .....और अब सजग जनता के सामने हो चुके है ये पूरी तरह नंगे .....

नहीं होता भरोषा हमें ...इन पर ...क्योँ ?.....
क्योकि ....चाहे भले ही कर दी हो ......इन्होने बहन दामिनी की ...चिता की राख ठंडी .....पर जल रही ...उसकी जलाई लौ ...आज भी ....और कर रहें है .....सैकड़ो युवक,....इस लौ की हिफाज़त बड़ी शिद्दत से ....
अकसर सुना था की हमारे देश का युवा बिगड़ रहा है .....भटक रहा है ....कुछ ज्ञानी ...आज भी सड़क के किनारे ...चलते फिरते बोल ही देंतें है ...की कुछ नहीं हो सकता इस देश में .....
हाँ ये सब सही थे ...शायद पूरी तरह से सही थे ....पर सिर्फ तब तक,... जब तक आप जागे नहीं थे ....जब तक ...आप इस अंधेर से लड़ने ....घर से निकल जंतर मंतर भागे नहीं थे ....
पर आज नहीं ....अब हो रहा है ...विस्वास ..की बदलेगा ...यह सब .....और जल्दी ही ....

कल ही बात करते ही .....दिल्ली पुलिस ने जबरन उठा लिए करीब 60 आन्दोलनकारियों को जंतर मंतर से ...ले गए ...मंदिर मार्ग थाने मे ..दल कर बस में ...बी थोडा बहुत ...मरना पीटना ...तो इनकी आदत है ....पर आपकी एक जुटता के आगे ....छोड़ना पड़ा
अब कोई बच्चा ऐसा करता तो बोलते बदमाशी है ....पर पता नहीं ..क्या ख़ास बात हुई की कल ...जंतर मंतर ....के सिर्फ उन 6 बिजली के खम्भों की ....बिजली चली गयी ...जहाँ सिमटे प्रदर्शनकारी ....बैठे लड़ रहे थे .....
देश मे पसरे ....व्यवस्था के अन्धकार से ...और नेताओं की ठंडी सोंच से ......

सरकार पूरी कोशिश में है ...की किसी तरह आन्दोलन ख़त्म हो ...पर जनता है की उसको भरोषा ही नहीं हो रहा है .....और हो भी कैसे ....
कल जो BJP और नेता  ...दम भर कर कह रही थी ....की फाँसी होनी चाहिए .....कड़ा कानून बनाना चाहिए .....अब भाग रहें हैं ...पीछे ....बदल रहें है चाल .....

अब इस जघन्य कांड का ...मुख्य ...सूत्रधार ..नाबालिग है ...ऐसा कहा जा रहा है ....तो बस 2 साल की सजा हो सकती है .....और बांकी ..बांकी का क्या ....दे देंगे ..अगर उनको फांसी भी ....तो उसी सड़े हुए पुराने कानून ....और व्यवस्था के अंतर्गत ....302 के तहत .....और करेंगे ....हमें धोखा देने की ...देखो दे दी फांसी .....
हमे सिर्फ फांसी नहीं ...पूरी पक्की व्यवस्था चाहिए ...की कोई ना सोंच सके ऐसा करने की ...दोबारा ....
कुछ ज्ञानी नेता ....बाँट रहें है ज्ञान ...की हो सकता है ...कड़े ...कानून का दुरूपयोग ....तो क्या इनकी अकाल घास चरने गई है ....वैसे है कहाँ जो जाएगी चरने ....
चलो हम ही कुछ सोंचते है ....की क्या किया जाये की ...कद कानून बने ...और उसका दुरूपयोग भी रोक जा सके .....आप भी दो अपने सुझाव की ...कैसे किया जाये .......नागेन्द्र शुक्ल

अब जनता क्योँ न जाये ...जंतर मंतर ....देखो नेताओं के अजीबो गरीब बयान ...लगातार जारी है ......
महिलाओं को अपनी सीमा नहीं लाँघनी चाहिए - बीजेपी लीडर कैलाश विजय वर्गीय - इन्दोर उद्योग मंत्री
बलात्कार की घटनाएँ India में ज्यादा होती है .....भारत में कम - भगवत
अभिजीत मुखर्जी - dented pented

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