Friday, January 18, 2013

किसी भी जीत हार से ...बड़ा है ....हमारा यह उद्देश्य

दोस्तों, 2 Octobar को जब अरविन्द जी, राजनीतिक पार्टी के गठन का आगाज किया था ...तब ही उन्होंने स्पष्ट कहा था .....
की जैसे - जैसे हमारे Agenda को लोग ....अपनी राजनीतिक पार्टी में ढाल लेंगे ....जनता को उसका हक किस्तों में मिलता जायेगा
हमारा उद्देश्य सिर्फ ..जागृत समाज और एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था खड़ी करना है .....जिसमें
आते वख्त फक्र का अहसास करें ....एक समाज सेवा का भाव हो ....कुछ ऐसा करना है की ...राजनीती सिर्फ गुंडे और गंदे या धनलोलुप लोगों के लिए ना रहे ....
हमारे लिए ..किसी भी जीत हार से ...बड़ा है ....हमारा यह उद्देश्य।
अगर सभी राजनीतिक पार्टी ....राजनीती को ..समाज सेवा के भाव से करे ...और अपने को राजा घोषित करने के बजाय
जनता के साथ मिलकर ....जनता के लिए काम करें ....
तो किसी और राजनीतिक दल की कोई जरुरत नहीं ....
आवश्यकता सिर्फ इसको साफ़ करने की है .....इस बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने की है ....
युवा और जनता में वो जोश भरने की है ...की वो अपने आपको  ...राजनीती से प्रथक रखने की जगह ...उसमे सकारात्मक भाव से ...एक सेवा भाव के साथ ....सक्रीय भूमिका निभा सके
मुख्य परेशानी तो सिर्फ इतनी है की आज सभी राजनीतिक पार्टी में ......जो जमीनी और अच्छे कार्य करता है ....वो हाशिये पर है ....और इस राजनीतिक कुचक्र के चलते वो कभी सामने आ भी नहीं पाते
और दोहरा नुक्सान होता है
अच्छे लोग ...अपने आप को राजनीती से ..प्रथक कर लेतें है .....और धन बल बाहु बल ...के जरिये ...वो लोग जिनको समाज में कहीं गम होना चाहिए ..वो जनता के एक धड़े की अगुवाई करतें है ....
वास्तव में तो .....जनता की चाहत और इच्छा के ..ऊपर इन नेताओं का स्वार्थ हावी हो जाता है ....
इसीलिए मेरा मानना है ..की अगर आपको लगता है ...कुछ गलत है जिसको सही करना है ....तो अपनी हिम्मत जुटाएं ..और आगे बढे .....और इस काम के लिए ये आवश्यक नहीं है ....की आप सिर्फ AAP जुड़ें ....
आप ...इस राजनीतिक सुधार में ...अपना सहयोग ....अपनी आस्था और विस्वास के साथ कहीं भी करे .....पर करें जरुर ....यही AAP का अंतिम उद्देश्य है ....और आपका सहयोग ...आकांक्षी है ....नागेन्द्र शुक्ल


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