Wednesday, January 23, 2013

Gadkari Out....Rajnaath In....Credit किसको

काफी पहले एक शुभ चिन्तक ने मुझसे कहा था ......की अगर "आप कोई काम करने से पहले या बाद यह मत सोंचो की क्रेडिट किसको गया ...या किसको जाना चाहिए था" तो आप निर्विवाद रूप से ...अपनी क्षमता से कहीं अधिक और उपयोगी कार्य कर सकते हो।
अब गडकरी जी की छुट्टी के बाद ...अब देख रहा हूँ की इसके क्रेडिट को लेकर होड़ लगी है अलग अलग मत है
1. अरविन्द जी, के पोल खोल का नतीजा है
2. आडवाणी जी, उन्होने बता दिया भाजपा भी कभी कभी संघ से अलग हटकर अपनी चला लेती है, ये तो गडकरी जी के विरोधियों ....के प्रयासो  का नतीजा है
4. कांग्रेस के सरकारी तंत्र का दबाव है
और भी बहुत कुछ ....
सबका अपना अलग अलग मत, सबका अलग अलग स्वार्थ ...मेरा भी है ...इसमें कोई शक नहीं ...अब आपके लिए सही क्या है आप ही जानो ...पर मुझे लगता है की

अरविन्द जी की पोल खोल के बाद और यह expose करने के बाद की ये बीजेपी और कांग्रेस चोर-चोर मौसेरे भाई की तरह है ....और ये सिद्ध हो गया ....तो अब ऐसे में इस भ्रष्टाचार विरोधी माहोल में ...बीजेपी अपने आप को कांग्रेस के सामने असहज पाती थी गडकरी जी के साथ ...तो मजबूरी थी
और आतंरिक कलह गुटबाजी तो है ही ....

मेरा मानना तो स्पष्ट रूप से है की ...ये अरविन्द जी के प्रयासों का और जनता को जागृत करने का ही दबाव है ...जिसकी वजह से इनको मजबूर होना पड़ा ...
अब कोई कह सकता है की ....अगर ये पोल खोल का नतीजा है तो रॉबर्ट जी और सलमान जी ....पर क्यों नहीं हुआ ?
क्यूंकि ....बीजेपी में शायद अभी थोड़ी शर्म बांकी है ....और कांग्रेस से पूरी तरह जा चुकी है .....और भी जा क्योँ चुकी है ...स्वयं बीजेपी के, चाल चलन से ....की जब भी बात होगी तो ..मुद्दे को छोड ...चालू कर देंगे
मेरी साडी ....तेरी साडी से सफ़ेद है .....

पर पूरी ताकत लगाने के बाद भी .....निष्कलंक AAP के मैदान में आने से ......मेरी साडी ...तेरी साडी ...तो अब चलेगा नहीं .....क्या करें मजबूरी है ....रही बात राबर्ट जी की ...तो आपको जल्द ही कोई अच्छी न्यूज़ मिलेगी ....और सलमान जी ...से तो उनके अपने शहर के लोग ही निपट लेंगे ..
मुझे यह भी लगता है ...की सीधे  कोर्ट ना जाने का फैसला भी सही था ...नहीं तो ये सारे नेता एक रटी रटाई लाइन बोलतें है ......मामला कोर्ट में है .......और जब तक फैसला नहीं ...तब तक हम इमानदार है ....और किसी का कोई दबाव नहीं ....अब जनता का दबाव ....और सत्ता का लालच ..इनको मजबूर करेगा ....और कर रहा है ....हाँ हमारा प्रयास जारी रहना चाहिए ....

ये मजबूरी इसलिए नहीं की एक और राजनीतिक पार्टी चुनाव मैदान में आ गयी है (AAP) ......वरन इसलिए की ...AAP राजनीती कर नहीं रही .....बल्कि
जनता को जागृत कर रही है .....और राजनीतिक मूल्यों को स्थापित कर रही है ....और इसी जागृत जनता के दबाव ने मजबूर किया
गडकरी जी की छुट्टी के लिए ....और .....जयपुर के चिंतन के लिए ....
अब चिंतन से क्या निकला ..क्या असर ....सभी के सामने आएगा ......धीरे धीरे ....
बीजेपी ने  ...उठा लिया पहला कदम और बना दिया राजनाथ जी को .....बीजेपी का नाथ ....अब उम्मीद करतें है की अपने पिछले कार्यकाल से सबक लेते हुए ...वो इस बार ...परिवारवाद ....को पीछे रखते हुए ...पिछली बार की तरह  अपने पुत्र, पंकज सिंह को स्थापित करने  की बजाय अपनी इस पार्टी को भ्रस्ताचार को दूर करने की ....और जनता के हित में काम करने की कोशिश करेंगे ........बजाय सिर्फ सत्ता स्वार्थ को ...साधने के ....

कांग्रेस के दो मजबूत दोस्त तो पहले ही थे...पहला मीडिया, दूसरा सीबीआई,....और अब राजनाथ जी से आशा करता हूँ ....की कोशिश करेंगे की ....किसी भी भ्रस्ताचार के ...और जन विरोधी काम के लिए ...तीसरे सहयोगी नहीं बनेगे ....

अन्यथा ..हम और आप ..तो रुकने वाले नहीं .....लगातार और बार बार सबक सिखाते रहेंगे ....हम कौन? अरे आप ..... आम आदमी ...नागेन्द्र शुक्ल

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