Wednesday, November 7, 2012

सबको साथ आना पड़ेगा .....बिना यह सोंचे की हमारी जाति, धर्म ..भाषा,....क्षेत्र क्या है हमें क्या मिलेगा.....

दोस्तों हम सब व्यवस्था से परेशान है ...उसको बदलना चाहतें है .......और यह बदलेगी भी ....क्योंकि आपने प्रयास प्रारंभ भी कर दिए है ...और उसके अच्छे परिणाम भी दिखने सुरु हो गए है
परन्तु सिर्फ इतने प्रयास से हम .....व्यवस्था की गन्दगी दिखा सकतें है .....उसे जड़ से मिटा नहीं सकते ...
मिटाने के लिए और ताकत लगनी पड़ेगी ....सबको साथ आना पड़ेगा .....बिना यह सोंचे की हमारी  जाति, धर्म ..भाषा,....क्षेत्र क्या है   
हमें क्या मिलेगा.....
आखिर में सब हमारे द्वारा .....और हमारे लिए ही है ......अंतर यहीं पर आता है
यह भ्रस्टाचारी ....हमें हमारा त्वरित सस्वार्थ दिखातें है .....हमसे सच छुपाते है,....
लालच देतें है ...और हम फंस जातें हैं ....फिर बदल - बदल कर फंसते रहतें है ...
कभी ये  फंसतें  है ...कभी वो .....
पर अब हम नहीं फसेंगे ....क्यूंकि हमें याद आ गई है
एक कहानी हैं||
की ....कबूतर... ले उडे थे....शिकारी का जाल...
बस भरी थी हुंकार.....और ....किया था .....
एक साथ....प्रयास ||

आओ मिल जाएँ......भरें हुंकार......
करैं प्रयास ....भगाएं.....भ्रस्टाचार |||
इस महायज्ञ में ......देनी है...आहुति....
और करना है .....सतत प्रयास ||

जागते रहो.......जागते रहो |
कदम कदम....बढ़ाते रहो ||
..........अरविन्द जी हम साथ है ||

26 नवम्बर को हम आयेंगे .....और अपने साथी ...रिश्तेदारों को भी लायेंगे .....

हम आयेंगे अपने मन से ....अपने धन से .....

हम .....हम कौन .....हम और आप .....आम आदमी ......
...नागेन्द्र शुक्ल ......

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