Friday, November 30, 2012

अब पथ है यही अब रुकना नहीं ।।



जिंदगी ने कर लिया स्वीकार, अब तो पथ यही है|
एक हलका सा धुंधलका था कहीं, कम हो चला है,
यह शिला पिघले पिघले,
रास्ता नम हो चला है,
क्यों करूँ आकाश की मनुहार ,
अब तो पथ यही है |
है गलत या सही, ये पता ही नहीं
पर अब पथ है यही ।।
गलत या सही,,ये बताएगा भविष्य
...वर्तमान नहीं।
कुछ भी हो,....पर अब पथ है यही
अब रुकना नहीं ।।
 

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