Wednesday, November 14, 2012

दोस्तों इन माचिसों को .......पटाखों से दूर रखना है ।।

आप आतिशबाजी (पटाखे) कितने भी रुपये ले कर आये हों पर उसमे आग लगाने के लिए माचिस एक रुपये की थी ।।
ठीक इसी तरह हमारे देश के शहीदों ने, अच्छे नेताओं ने,.......और हमारी कर्मठ जनता ने
दिन रात अपने खून पसीने से इस देश को बनाया और बहुत आगे बढाया
परन्तु पिछले कुछ वर्षों से ......कुछ नेता अपने कुछ रुपये के व्यक्तिगत फायदे के लिए
या ये बोलें की दो कौड़ी के अहंकार के चलते जो कृत्य कर रहें है
वो हम सभी के अथक प्रयसों को उसी तरह नष्ट कर रहें है
जैसे एक रुपये की माचिस ......हजारों के पटाखे ।।
दोस्तों इन माचिसों को .......पटाखों से दूर रखना है ।।
अब हम ही पटाखे बनायेंगे .......और हम ही दिवाली मनाएंगे,.......
ये भ्रस्टाचारी नेता और उनके चमचे नहीं ....क्यूंकि अब हम जाग गए है
किसी ने हमें जगा दिया है ......और अब हम सोने नहीं वाले,.....
अब हम अपनी किस्मत लिखेंगे ......अब किस्मत पर रोने नहीं वाले,............
ये डरायें चाहे जितना ....अब हम डरने नहीं वाले,.........
अब बिना व्यवस्था परिवर्तन,... के हम ......रुकने नहीं वाले .....

हमारा सेनापति .......(अरविन्द जी),......हमारा मार्गदर्शन करेगा .......
पक्का पता है .....वो हमको ....और हम उनको .....
....हारने नहीं देंगे,............हारने नहीं देंगे,........
हम ......हम कौन?.....हम और आप,......आम आदमी,.........
.......नागेन्द्र शुक्ल

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