Thursday, November 15, 2012

हम व्यवस्था बदलेंगे ....और आपको ऐसे काम के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा जो आत्मा गवाही न दे 

महाराष्ट्र में पुलिस की गोली से मारे गये किसान चंद्रकांत के शरीर से कुल पांच गोली मिली.. दो सर में लगी थी और तीन सीने में लगी थी |
जबकि दुसरे किसान के शरीर से कुल सात गोली मिली.. उसके भी एक गोली सर में लगी थी |
चलिए ये पुलिस है, सरकार जो कहेगी वो इनको करना पड़ेगा,.....पर मेरे पुलिस वाले दोस्तों मैं एक बात याद दिलाना चाहता हूँ
की याद करो जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ था तो .......आपको पता चला था की ....इन भ्रष्ट नेताओं का आसली चेहरा
जिन्होंने आपके लिए बुलेट प्रूफ जैकेट में भी गड़बड़ की थी जिसकी वजह से आपके कई सारे साथी शहीद हुए थे ।
उस दिन भी बुरा लगा था और आज भी बुरा लगा .....बहुत दुःख हुआ,.....
पर आप क्या करो, आप तो सरकारी कर्मचारी हो .....पर दोस्तों,....आपको पता ही होगा की आप जनता के सुरक्षा के लिए है .....
ना की नेताओं की सनक या उनके सपनो को पूरा करने के लिए,....
मैंने सुना है, की आपको मनचाहा पद, मनचाही पोस्टिंग सिर्फ तब मिलती है जब आप इन नेताओं को खुश रखते है,....सही है
तरक्की सभी को चाहिए,....करनी भी चाहिए।।
पर एक बार ये सोंचना भी जरुरी है की ...इस तरक्की की कीमत क्या अदा कर रहें है।
हर एक सरकारी कर्मचारी ...एक आम आदमी भी है,.....जिसका मानवता के प्रति भी कर्तव्य बनता है,...
और हाँ अंत में यह कहना चाहता हूँ की आप कर्मचारी हो किसी के गुलाम नहीं,.....हाँ जो गुलाम हैं वो अपने लालच के गुलाम है,....
ये नेता वयवस्था ...बनाते हैं ...और आप उसको चलाते  हो,......
एक बार सोंचने की जरूरत है की .......व्यवस्था इतनी बिगड़ी तो क्योँ ....और कैसे .....कहीं आप भी जिम्मेवार तो नहीं,....
हमारे लिए आप हो .....और आप के लिए हम ......क्यूंकि हम तो हम हैं ...हम कौन .....आम आदमी ...
....नागेन्द्र शुक्ल .....

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