Monday, November 12, 2012

मनीष जी और कुमार विस्वाश जी को डराने - धमकाने की कोशिश

मंजिल पुकारती है, तूफ़ान से न डरना
ये रास्ते कठिन है, फिर भी है गुजरना
बादल  गरजने वाले, कुछ शोर ही करेंगे
गर की कोशिश, हमसे टकराने की
तो बिजली की तरह, खुद ही जलेंगे ।।

हम तो चल रहें है, चलते रहेंगे ।।

रखतें है हम जान, हथेली पर .......
है देश के लिए मरना,........
वो करलें चाहे कुछ ......अब हमें नहीं डरना
अब हमें नहीं डरना ।।
हम कौन ....अरे आप और हम ...आम आदमी
....नागेन्द्र शुक्ल ....thanks सुनील तेलंग



मनीष जी और कुमार विस्वाश जी को डराने - धमकाने की कोशिश
हम नहीं डरने वाले  - इनका ये कृत्य ....इस बात को पुख्ता करता है ...की ये हमसे डर रहें है ....इनके नीचे से जमीन खिसक रही है ...ये डर रहें है ...हमसे, अरविन्द जी की सच्चाई से,..........
सबसे ज्यादा अपने बुरे कर्मों से,......
इस तरह के प्रयास - घटनाएँ हमें और बल देती है .....
हम जनता है.....पर भूल गए एक कहानी हैं||
की ....कबूतर... ले उडे थे....शिकारी का जाल...
बस भरी थी हुंकार.....और ....किया था .....एक साथ....प्रयास ||
आओ मिल जाएँ....भरें हुंकार...करैं प्रयास ...भगाएं....भ्रस्टाचार ||
इस महायज्ञ में ...देनी है...आहुति..और करना है ....सतत प्रयास ||
जागते रहो....... जगाते  रहो |
कदम कदम....बढ़ाते रहो ||
..........अरविन्द जी हम साथ है || (vote to Arvind Ji......Support to both Anna & Arvind Ji)

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