Tuesday, June 4, 2013

मेरी ..भाषा में ...ऐसे लोगो तो ....समर्थक ..नहीं गुलाम कहा जाता है .....

दोस्त, आप किसी ऐसी पार्टी ..का समर्थन कैसे?.. कर सकते है ...जिसे RTI के अंतर्गत ..आने में परेशानी हो ....
क्या आपको ..ये जानने का हक़ नहीं ...की आपकी पार्टी ...कैसे और किसके पैसे से चल रही है ......

देख लो ...वो जिनके लिए ...तुम दिन भर चिल्लाते हो ....जय जय कार ..लगाते हो ...कितने खोखले है ...
कितने खोखले और ..धोखे बाज़ है ..ये ...अभी देखा नहीं ....छत्तीसगढ़ ..में किसने ..बनवा ..नक्सली को मोहरा ...और क्यों ?...
और दूसरी तरफ ....एक नेता ...अपने ही दल के ....दूसरे नेता ..को छोटा - बड़ा ....करने में लगे है ...
और तुम ....तुम हो ....की बस नेता की जय ....
क्या देंगे ये ?...क्या दे सकते है ये ?.....कुछ नहीं ...क्योंकि ...ये कुछ भी,... तुम्हारे लिए ..करते ही नहीं ....
जो भी करते है अपने लिए .....सिर्फ अपने स्वार्थ और सत्ता के लिए ....

इनमे से ..कोई एक भी है ...जिसने ..अपने जीवन में .....कुछ हासिल किया हो ....और फिर ...तुम्हारे लिए ..छोड़ दिया हो ..
अरे तुम्हारी दी हुई ...कुर्सी ...तो छूटती नहीं ...इनसे ....

और तुम हो ...की पूछते हो ...क्या किया अरविन्द ने .....
अरविन्द ने ...छोड़ा है ....वो सब ....जो सपना है ...किसी का भी .....
और छोड़ा है तुम्हारे लिए ...लोकतंत्र के लिए ..
इसलिए की ...जो तुम्हे चाहिए .....ये वो दिला सके ....

अब कोई भी सवाल ...हमसे ..आप से ...सिर्फ तब करना .....
जब नेता से पता कर लेना ....की RTI क्यों नहीं ?...
है हिम्मत ...ये पूछने की ?....

मुझे पता है ...ना ही तुममे हिम्मत है ....
और ना हीं तुमको अधिकार है ....सवाल पूंछने का ....अपने नेता से ...

मेरी ..भाषा में ...ऐसे लोगो तो ....समर्थक ..नहीं गुलाम कहा जाता है .....

पर गुलाम हो क्यों ?....क्या इसलिए ..की प्रेशर कुकर, टीवी, सायकिल ...स्कूटी ..मोबाइल या लैपटॉप ..लिया है ..नेता जी से ....
अगर लिया भी है ...तो भी सवाल करो ....
क्योंकि ये फ्री का नहीं ...है ..तुम्हारे ही पैसे का है ....किसी ने दान नहीं दिया ...
अपनी ..आँख खोलो ..बढ़ गए है ...पूरे UP में बिजली के दाम ...45% ....और सबके लिए ...

चुकाओगे ....लैपटॉप की कीमत ...सूद सहित ...
है हिम्मत तो ..सवाल करो ...है हिम्मत तो ...वापस कर दो ....ये प्रेशर कुकर, टीवी, सायकिल ...स्कूटी ..मोबाइल या लैपटॉप ....

विस्वास करो ....भारत के ऐसे निर्माण में .....कोई हक़ नहीं तुम्हारा ....लुट रहे तुम ...और
शर्मनाक है ...फिर चुप हो तुम .....और सवाल ..
सवाल हमसे करते हो ....गारंटी ..हमसे मांगते हो ....धिक्कार है ...तुम पर ....नागेन्द्र शुक्ल

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