Wednesday, June 12, 2013

जब तू आज का आज़ाद .... तो वो आज का बिस्मिल ...


अभी शनिवार की ही तो बात है ...मेट्रो में आते हुए एक volunteer के पास फोन आया ...बात करने के बाद ...खचाखच भरे डिब्बे में ..जोर से बोला ...."भाई बिस्मिल का सन्देश आया है ....की अगले स्टेशन पर उतरना है"....

डिब्बे में ...कई लोग चौके ....एक नए volunteer ने पूंछा ..ये बिस्मिल कौन ....
सुधीर ने जवाब दिया ...
अरे दोस्त जब तू आज का आज़ाद ....
तो वो आज का बिस्मिल ....

जो स्वतंत्रता की लडाई शुरू की थी ...बिस्मिल - आज़ाद ने .....
वही तो चल रही है ...आज भी ...कहाँ पूरा कहाँ हुआ ...वो सपना ....जिसमे हो देश में हक़ अपना ....
कभी साथ ..चल कर देखो ...क्या जज्बा ....क्या जोश होता है ...इन बिस्मिल और आज़ाद में ....

सोचने की बात ये ....की ये बिस्मिल है कौन?....
बिस्मिल है एक जज्बा ...एक ताकत ...एक आदर्श ..लड़ने का ...भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ ....
जंग अभी ...जारी है ....और बिस्मिल - आज़ाद ...जरुरी है ....

देखो ..इस बार देर मत लगाना .....क्यूँकी ...उस बिस्मिल ने ही कहा था ....

"मिट गया जब मिटने वाला फिर,.. सलाम आया तो क्या !
दिल की बर्वादी के बाद,.. उनका पयाम आया तो क्या !"

और अपने प्यारे देश के लिए .....बिस्मिल ने ही कहा था .....
वह भक्ति दे कि 'बिस्मिल',.... सुख में तुझे न भूले
वह शक्ति दे कि दुख में,..... कायर न यह हृदय हो

तो बिस्मिल कौन ?....बिस्मिल सिर्फ एक नाम नहीं ...एक व्यक्ति नहीं ...बिस्मिल सिर्फ वो ...
जो सुख में देश के लिए ...कृतज्ञ हो ....और जब देश की हालत ठीक ना हो तो वो ....कभी कायर ना हो ....

तो निकलो बाहर ...मकानों से ...जंग करो बेईमानो से ....नागेन्द्र शुक्ल
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