Tuesday, June 4, 2013

शीला बुआ जी, ..आप डरो नहीं ..ऐसे कैसे ..कोई भी जो चाहेगा ....आपके सामने चुनाव लड़ लेगा ..

शीला बुआ जी, ..आप डरो नहीं ..ऐसे कैसे ..कोई भी जो चाहेगा ....आपके सामने चुनाव लड़ लेगा ...वो भी एक आम आदमी ...
बुआ जी ..आप चिंता मत करो ...मैं रास्ते बताता हूँ ....की अभी कैसे रोक सकती हो आप ...अरविन्द को अपने खिलाफ लड़ने से ...
बुआ जी, चिंता मत करो ....वो आम आदमी पार्टी है ..वहाँ कांग्रेस बीजेपी की तरह ....टिकट बिकते थोड़े ही है .....जनता देती है ...
मैं अभी रास्ते बताता हूँ ..अरविन्द जी को, रोकने के ...

आप तो अपने क्षेत्र में ..पिछले 15 साल से है .....और आपने तो पूरी दिल्ली को ही ....लन्दन बना है ..
फिर अपने क्षेत्र को तो .. जन्नत कर दिया होगा .....आप मत डरो ....आप में ..किसी को भी विधायक का आवेदन करने के लिए उस ...क्षेत्र के सौ लोगो के ....हस्ताक्षर ..चाहिए होगे ...इनको वही सौ नहीं मिलेंगे ..है ना? ....

क्या कहा,... मिल चुके ....आह इसका मतलब ...कुछ गड़बड़ की है ....आपने ...हाँ ..चलो कोई नहीं ..

अगर सौ मिल गए तो ..कोई बात नहीं ...अभी केजरीवाल को ..एक interview देना होगा ....अगर पास हुए ..तो है सम्भावना है ....की टिकट मिल जाए ..

क्या ..हाँ ये बात तो,.. सही है ...बुआ जी ....
परेशानी यही है ...वो इम्तहान में कभी फेल ही नहीं होता ....ये बात सही है ...कोई नहीं बुआ जी ...इसके बाद भी रास्ता है ....
वो ये ..की उसके बाद जो नाम लिस्ट में होंगे ....जनता से उनके बारे में राय ली जायेगी .....और अगर कोई गड़बड़ मिली तो ....नहीं मिलेगा टिकट ....

अब आपके तो ...लोग होंगे ही ...लगा दो काम पर ...निकालो कुछ ढूंढ कर ...करो शिकायत ....नहीं मिलेगा टिकट ....
क्या कहा ...सालों से लगा रख्खे है ......CBI, CID, EID ...वगैरह - वगैरह ....पर पता नहीं ... कैसा है ....कुछ मिलता ही नहीं ....

अच्छा बुआ जी, ..पहले ही ...try कर लिया ....ह्म्म्म ....कुछ नहीं मिला ....

तो क्या इतना ..सच्चा और ईमानदार ..हैं वो ...और राजनीती में .....
फिर तो मैडम ...अगर मेरे आपके बीच की बात चीत .........
आम जनता को पता चल गयी तो .....गड़बड़ हो जाएगी ...फिर तो आपकी जमानत जब्त ...पक्का ....

अरे नहीं ....बुआ जी ...ऐसे कैसे ...
आपके पास तो मोटा माल है ....अरे 500 रुपये देकर खरीद लेना वोट .....

पीछे से ....सफाई करने वाले नौकर की आवाज ...आयी .....
नहीं मिलेगा ...नहीं बिकेगा ...इस बार,... मेरा वोट नहीं बिकेगा ...
पहली बार तो ...इतना अच्छा कोई मिला है ...अब मेरा वोट नहीं बिकेगा ...

और सुनो बुआ जी ,.....ये पकड़ो ...अपना झाड़ू और पोंछा ....
मैं चला ...अरविन्द के साथ ...
और सुनो ....तभी मैं कहूँ ....अरविन्द जी ..आज कल TV पर क्यों नहीं आते ...हम्म ....
आपने ही फोन किया था न ....मुकेश को ...

पर देर से ही सही ...पर देखो मुझे पता चल ही गया ......
आपका मीडिया मैनेजमेंट ...काम नहीं आया ....सम्हालो अपना घर ..मैं चला ......असली सफाई करने ॥ ......नागेन्द्र शुक्ल

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