Tuesday, March 5, 2013

आज की बात ....और आपके काम की बात .....



आज की बात ....और आपके काम की बात .....

आज सड़क पर जाते हुए ...हमारे देश के कर्मठ पुलिस वाले भाई ने अचानक गाड़ी रोकने के लिए हाँथ दिया ....रोक दी ...पूँछने पर पता चला की ....मैं तो स्पीड लिमिट से तेज़ गाडी चला रहा था .....थोडा चौका ...
पूंछा कितनी थी? ...वो बोले 110 ...
पूंछा लिमिट कितनी है ?....बोले 80...
मैंने कहा सर मैं ये तो मान सकता हूँ की ....गाडी 80 से कुछ ऊपर गयी होगी ...पर 100 को पार करते तो कई सालों से देखा ही नहीं ..इस गाडी को ....8/9 साल पुरानी ...घिसी पिटी ऑल्टो कार ...
मैंने कहा ...सर आप चालान तो काट दो ...पर एक बार इस गाडी को 100 के ऊपर चला कर ...दिखा दो ...चालान का दुःख नहीं होगा ....100 से ऊपर जाने की ख़ुशी होगी ....

अब पुलिस वाले सर ....की भाषा ...इतना सुनने के बाद क्या रही होगी ...ये आपको पता ही होगी ....आगे बढ़ते है ...
पूंछा कितने का चालान है ....सर जी बोले ....1400 रुपये का ....मुंह से निकला आह बहुत है ये तो .....
बस इतना निकला था की वो बोले 400 दे दो ...जाओ ...चेहरे पर रौनक वापस आयी ....

पर ख़याल आया की हम तो ...अरविन्द जी ...अन्ना जी को मानते है ...कम से कम मुझे तो घूस नहीं देनी चाहिए ....
अब एक तरफ अन्ना जी ...अरविन्द जी ...दूसरी तरफ ....1000 रुपये का फायदा ...नियत थी की फिसलने को बेताब ....

उधेड़ बुन में ....की अचानक एक मोटर सायकिल ...रुकी ....हेलमेट के अन्दर से जाना पहचाना चेहरा .....अरे ..ये तो प्रदीप जी है ....
प्रदीप जी का परिचय ..ये है की ....ये RTI के सक्रिय कार्यकर्ता है ...ये समझ लो की ....एक दम bond .....नाक में दम कर रक्खी है ...RTI ...डाल - डाल के ...हाँ अब इनको भी धमकी वगैरह ...सुनने की खूब आदत है ....
ये प्रदीप जी ....आपकी पार्टी ....AAP के सक्रिय और जमीनी सदस्य/कार्यकर्ता  भी है ...मेरे जैसे फसबूकिये नहीं ....

पूरा माजरा बताने के बाद ...प्रदीप जी ने ...पुलिस वाले सर जी से ...एक कागज माँगा ...काफी ना नुकुर के बाद निकल वो कागज ....जिसमे ये लिखा था ..की किस offence में कितने का चालान हो सकता है .....

पता चला की भाई मेरी जो गलती है (उनके कहे अनुसार)...उसमे तो अधिकतम चालान ही 400 का बनता है ....और ये सर जी तो मेरा 1000 का फायदा करवा रहे थे .....

दिल को तसल्ली मिली ....अब तो पक्का बच गए 1000 ....फिर क्या था ...बिंदास जमा कराये ...400 रुपये ...सरकारी खजाने में ....रसीद ली .....(लेकिन उसके बाद भी पूरी कोशिश की .....की क्या वाकई ये गाडी जा सकती है 100 के ऊपर ...शायद service करने के बाद चली जाये छोड़ो ...)

लौट कर तुरंत दिया 1000 रुपये ...का चन्दा ...आम आदमी पार्टी को ...क्योंकि ..जो ज्ञान मिला उससे ...आगे कई हज़ार बचेगे ....और घूस भी नहीं देनी पड़ेगी .....

अब काम की बात ...जब भी कोई आपका चालान करे .....और कम पैसे में छोडने की बात ....तो ये जरुर चेक ...करें की ....इस गलती का चालान .....नियम के हिसाब से है कितना ......फायदे में रहोगे ....

एक और काम की बात .....वो ये की ....आम आदमी पार्टी के तक़रीबन सभी ...जगह (गाँव मोहल्ले ) की यूनिट में ...RTI कार्यकर्ता का पद ....AAP के संविधान में है .....जिससे मिल कर ...आप भी ....मदद कर सकते है ...समाज की ...खुद की ....

अब जिसकी ....आँखे बंद हो ....उसका कुछ नहीं हो सकता ....पर मैं अपनी खुली आँखों से देख रहा हूँ ......की AAP वाकई बदल रही है राजनीती को .....और राजनीती तो ऐसे ही होनी चाहिए ....और अब राजनीती ऐसे ही होगी ....करेगा कौन ?.....अरे आप और हम .....और कौन .....नागेन्द्र शुक्ल 
दिल्ली में किस बात का चालान कितना हो सकता है ...आप इस लिस्ट में देखे (नीचे लिंक पर ) ...और अच्चा होगा आप अपने साथ रख्खे ...ज्यादातर मामले में ....आप घूस में ....वास्तविक जुर्माने से भी ज्यादा पैसे दे देते हो .....
जागो .....आम आदमी जागो .... .....नागेन्द्र शुक्ल 

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