Tuesday, May 14, 2013

क्यों? ऐसी बात ....और ऐसे काम करते हो ....की दरवाजे की जगह .....खिड़की ...ज्यादा काम आती है

अभी TV खोली तो एक ,....न्यूज़ चैनल .....दिखाने में व्यस्त हैं की ....संजय दत्त के घर के बाहर कैसा माहौल है ....कौन - कौन मिलने आएगा ...क्या पहन कर ..क्या लेकर मिलने आएगा ....
दूसरा,...चैनल ....लालू जी की .....परिवर्तन रैली की तयारी दिखने में व्यस्त है ......
परिवर्तन तो जरुरी है .....पर वो नहीं लालू जी .....के बेटों को नेता बना दे .....

परिवर्तन चाहिए वो .........
जो ....आम आदमी को ....जगा दे .....जनता में विस्वास जगा दे ....देश में ....लोकतंत्र ला दे .....

खैर, हैरान हूँ ....की दिन भर ब्रैकिंग न्यूज़ ....दिखने वालों को ....पता ही नहीं ......की
ब्रैकिंग न्यूज़ तो .....मिलेगी .....का-पिल ......से-बल .....के घर से .....
उनके घर का भी ....माहौल दिखा दो .....
या ....सिर्फ अपनी ....औकात ही दिखाते रहोगे .......

बगल वाले ....शर्मा जी .....पीछले ....कई दिनों से .....घर से निकलने से पहले ....खिड़की से झांकते है ......और रहू काल .....का जायजा लेते है .....पर आज जब ....खिड़की से झाँकते देखा ...तो बरबस ...निकल ही गया ..."अरे शर्मा जी ...बेझिझक बाहर आ जाइये" .....आज बात करके खुश हो जायेंगे .....

आज बात नहीं करेंगे .....की
पहले बजरंगी और कोदनानी के लिए फांसी ..माँगने के बाद अब U टर्न क्यों ?....
नहीं बात करेंगे .....की गोवा ...में ....सरकार ने ...गों हत्या को ....वैध करने की माँग .....क्यों की ?....
आज नहीं .....
शर्मा जी ,... बाहर ....आओ .....आज तो आप खुश हो जाओगे ....ये बताएँगे की .....का-पिल ....ने क्या गुल खिलाये ....
हिम्मत बढ़ी .....जनाब बाहर आये ....
बोले क्या किया ......मैंने कहा ...2 बजे तक इंतज़ार कर लो .....पता चल जायेगा ....
काफी खुश ....हो बोले ...अच्छा ....
पर दुःख ...शर्मा जी ...की ख़ुशी ...काफूर हो गयी .....जब पूंछा .....की "अब अरविन्द को .....कांग्रेस का एजेंट नहीं कहोगे ".....
अरे ये क्या .....शर्मा जी तो फिर ....झाँकने लगे ......खिड़की से ....

अरे ...भाई क्यों ऐसी बात ....और ऐसे काम करते हो ....की दरवाजे की जगह .....खिड़की ...ज्यादा काम आती है ....दिन भर ....इंतज़ार ...की कैसे कटे ....कब हटे ......राहू काल ......नागेन्द्र शुक्ल

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