Tuesday, April 23, 2013

अरे भाई एक IAS हो IFS हो .....अरे कमाई करो ....आराम से रहो .....पर नहीं ....बर्बाद कर रख्खी है देश की व्यवस्था इसने

वैसे कोई ताज्जुब की बात नहीं है ......जैसा की सभी को पता था ...की हमारे राष्ट्रीय दामाद रोबर्ट बर्द्रा जी ....एक महान कारोबारी है को कल ,.....सरकारी मोहर के साथ ...हमारे कुछ काबिल अफसरों ने क्लीन चिट दे दी ........इनके कारोबार करने का तरीका इतना अच्छा है की सिर्फ ५० लाख रुपये से ...३ सौ करोड़ की संम्पति खरीद और बेच सकते है ....ऐसे होनहार व्यापारी की देश को जरुरत है ....

और वहीँ दूसरी तरफ, एक अजीब आदमी है .....झूठा ...धोखे बाज़ ....अपने पद और पॉवर का गलत इस्तेमाल करने वाला .....IAS अधिकारी अशोक खेमका ....ये इतना नाकारा है की ...हमारी ....कामयाब सरकारे ...जिन्होंने बना दिया ..नंबर one हरियाणा ...
को समझ ही नहीं आता की ....इसको क्या काम दे ....२१ साल की नौकरी में .....४४ ट्रान्सफर करने पड़े .....कहीं टिक नहीं पाया ......सरकारे बदलीं ...पर इसको समझ नहीं आया .....की काम कैसे करना चाहिए ....नाकारा ...पता नहीं कैसे IAS बन गया ....

कुछ लोग हैं हमारे देश में ....जो विकास के बाधक है .....नहीं तो हम ...क्या नहीं कर चुके होते ....हमारे दामाद सिर्फ एक नहीं सारे ....काफी काबिल है .......देश को नंबर १ ....बनाना ...बना देते ....देश के इस विकास की राह के रोड़े .....

कुछ को तो दूर कर दिया जा चूका .....कुछ स्वर्ग सिधार गए .....और कुछ है ....जो अभी भी बाधक बने है ....विकास के ....जैसे ...अशोक खेमका ....नवनीत राणा ....वगैरह - वगैरह ...और इन सब का बाप ....जिसने बर्बाद कर रख्खा है देश को ....वो है केजरीवाल ....... है ...घुस मत दो ...घुस मत लो .....भ्रष्टाचार भगाओ ....जन्लोक्पाल लाओ ...राईट तो रिजेक्ट ....रिकॉल ....स्वराज ....आर्थिक आधार पर आरक्षण ....सामान सस्ती शिक्षा ...पता नहीं क्या - क्या ......

अरे ये सब हो गया तो ...देश चलेगा कैसे .....राजनीती चलेगी कैसे ....कुछ समझता ही नहीं .....हद है ...ऐसे लोगो से .....ना खुद चैन से कमाते है ......और ना ही दूसरे को कमाने देते है ....अरे भाई एक IAS हो IFS हो .....अरे कमाई करो ....आराम से रहो .....पर नहीं ....बर्बाद कर रख्खी है देश की व्यवस्था इसने ......बेवकूफ कहता है ....लाल बत्ती नहीं चाहिए ....z सुरक्षा नहीं चाहिए .....अजीब है ये ...पागल है ये ........ह्म्म्म्म्म्म…. अब और नहीं .......आख्ख्ख्ख ......थु थु .....नागेन्द्र शुक्ल
dainik Jaagran, http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/23-apr-2013-edition-Gurgaon-page_5-8900-100353840-244.html

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