Tuesday, April 16, 2013

हमें जब,... जो,... जैसे,... करना होगा ...अब हम decide करेंगे .....

अजीब - अजीब है लोग ....जब गुजरात में चुनाव थे ...तो कह रहे थे ....की गुजरात में लड़ कर दिखाओ ....
अब कर्नाटक में चुनाव होने वाले है ..तो ज्ञानी कहते है की ....कर्णाटक में चुनाव लड़ कर दिखाओ .....

मेरा जवाब है ...अरे भाई ...स्वराज के लिए ...आतुर मत हो ....आप आयेंगे,....क्या गुजरात ..क्या कर्णाटक ..क्या हरियाणा ...क्या UP .....अरे हम पूरे देश में लड़ेंगे ....और जीतेंगे .....

अरे अजीब बात है ....हम तो राजनीती करना ही नहीं चाहते थे ...हम तो खुश थे ...अपनी परेशानियों ..और दाल रोटी में ...घर , दफ्तर ..बच्चो के स्कूल ..और अस्पताल के चक्कर लगाने में,.... काफी मजे से गुजर रही थी जिन्दगी .....

फिर एक बुड्ढा आया ...अन्ना ..बोलने लगा ...भ्रस्टाचार से लड़ो ....ignore किया ...
उसने अनसन किया ...अनसन को भी ignore किया .....
फिर सरकार ने वादा किया ...की हाँ ...बनेगा जनलोकपाल ....

हम खुश ...बड़े खुश .....कुछ नहीं किया ...घर पर बैठे ...बैठे ....TV पर टाइम पास करते - करते .....IPL का मजा लेते - लेते ....
बन गया काम ...मिल गया जनलोकपाल, सिटीजन चार्टर , राईट तो रिजेक्ट , राईट तो रिकॉल ...वाह क्या बात है ...मेरी तो चाँदी हो गयी .....कुछ करना भी नहीं पड़ा ..और भ्रष्टाचार से मुक्ति भी मिल गयी ...

पर बाद में ..पिता जी, ने बताया ...अरे ये नेता है ....नेता ...ऐसे ...बैठे - बैठे कुछ नहीं मिलता ...और मिलेगा भी नहीं .....

और ये क्या ...बस कुछ दिन/ महीने ही गुजरे ...और हो गयी हमारी सारी ...ख़ुशी काफूर ....पता चला की अगर जनलोकपाल चाहिए ....अगर भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए .....तो उसके लिए UN में जाना पड़ेगा .....या फिर चुनाव लड़ना पड़ेगा ....

अब मरता क्या ना करता ....अन्ना जी ने ...सपना ही ऐसा दिखाया ...की अब नींद आती ही नहीं ....की कुछ और देखे .....तो बस जैसा इन्होने बोला था .....की राजनीती करो ...चुनाव लड़ो ..और ले लो ....जो चाहिए .....

फिर हमने और आपने ...सोंचा ...अब बस बहुत हो गया ....वाकई पापा की बात सही थी ....फ्री में कुछ नहीं मिलेगा ....कुछ करना पड़ेगा ...लड़ना पड़ेगा .......और बस ...चालू हो गए .....

और अब जब,..... हम और आप,....कूद गए ...राजनीती में ....और अब जब हम कूद ही गए है ..
तो पता चला की ...ये (बांकी राजनीतिक पार्टी ),........ खेल जिस तरह,..... से खेल रहे है ....और खेल में ...फिक्सिंग कर रहे है ...ऐसे तो खेलने का मजा ही नहीं आएगा .....इन्होने तो इसे ....IPL बना दिया ....की मैच से ज्यादा ...मैच के बाद की पार्टी ...important है ..cheer leader एंड method important है ....

भाई हम नहीं खेलते ...ऐसे फिक्स मैच ....अब चाहे हम जीते या हारे .....पर फिक्सिंग पसंद नहीं .....तो अब हम पहले ....खेल की नियत सही करेंगे ....भले ही ....हमें टेस्ट मैच ...खेलना पड़े ...पर गलत नियम से ....मिलीभगत से ....खेलना ...तो दर्शकों से धोखा है .....और हम ....आप ..धोखेबाज़ तो नहीं .....है की नहीं ...

अब अंत ..में ..एक बात बता दें ........हमारे शुभ चिन्तको को .....की ,.....go to hell,......हमारी चिंता छोड़ो ...अपना काम करो ..हमें करने दो ....
हमें जब,... जो,... जैसे,... करना होगा ...अब हम decide करेंगे .....
अब हम लड़ रहे है ...तुमसे या तुम्हारे आकाओं से ..कुछ मांग नहीं रहे ....इसलिए सलाह देना बंद करो ....और
जिसको अपने पर भरोषा हो ...या जिसने कभी भी ये सोंचा हो की ....अगर मौका मिलता ...
तो मैं ये कर देता ...वो कर देता ...उनसे विनती ...निकालो ...अपने ...मकानों से ...और जंग करो बेइमानो से ......नागेन्द्र शुक्ल
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