Wednesday, April 10, 2013

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हमारा नववर्ष है।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हमारा नववर्ष है। हम परस्पर उसी दिन एक दुसरे को शुभकामनाये दें। अंग्रेजी कैलेन्डर के अनुसार , 11 अप्रैल 2013को यह दिन आयेगा। भारतीय नववर्ष का ऐतिहासिक महत्व :
1. यह दिन सृष्टि रचना का पहला दिन है। इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने जगत की रचना प्रारंभ की।
2. विक्रमी संवत का पहला दिन: उसी राजा के नाम पर संवत् प्रारंभ होता था जिसके राज्य में न कोई चोर हो, न अपराधी हो, और न ही कोईभिखारी हो। साथ ही राजा चक्रवर्ती सम्राट भी हो। सम्राट विक्रमादित्य ने 2070 वर्ष पहले इसी दिन राज्य स्थापित किया था।
3. प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक दिवस : प्रभु राम ने भी इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या में राज्याभिषेक के लिये चुना।
4. नवरात्र स्थापना : शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात्, नवरात्र स्थापना का पहला दिन यही है। प्रभु राम के जन्मदिन रामनवमी से पूर्व नौ दिन उत्सव मनाने का प्रथम दिन।
5. गुरू अंगददेव प्रगटोत्सव: सिख परंपरा के द्वितीय गुरू का जन्म दिवस।
6. समाज को श्रेष्ठ (आर्य) मार्ग पर ले जाने हेतु स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन को आर्य समाज स्थापना दिवस के रूप में चुना।
7. संत झूलेलाल जन्म दिवस : सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।
8. शालिवाहन संवत्सर का प्रारंभ दिवस : विक्रमादित्य की भांति शालिनवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।
9. युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन : 5115 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।

भारतीय नववर्ष का प्राकृतिक महत्व :
1. वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है।
2. फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलनेका भी यही समय होता है।
3. नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है।

मोरारजी देसाई को जब किसी ने पहली जनवरी को नववर्ष कीबधाई दी तो उन्होंने उत्तर दिया था- किस बात की बधाई? मेरे देश और देश के सम्मान का तो इस नववर्ष से कोई संबंध नहीं। यही हम लोगों को भी समझना और समझाना होगा। क्या 1 जनवरी के साथ ऐसा एक भी प्रसंग जुड़ा है जिससे राष्ट्र प्रेम जाग सके, स्वाभिमान जाग सके या श्रेष्ठ होने का भाव जाग सके ?

आइये! विदेशी को फैंक स्वदेशी अपनाऐं और गर्व के साथ भारतीय नववर्ष यानि विक्रमी संवत् को ही मनायें तथा इसका अधिक से अधिक प्रचार करें।


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आइये हम सब मिलकर हिन्दू नववर्ष चेत्रशुक्ल प्रतिपदा संवत 2070, 11 अप्रैल गुरुवार को बड़े धूमधाम से मनाएं।
- इसी दिन मर्यादा पुरूषोतम भगवान रामचन्द्र का राज्याभिषेक हुआ था।
- इसी दिन महाराज विक्रमादित्य की ओर से शंक व दुणों पर गौरवमयी विजय एवं इनको हिन्दू राष्ट्र के साथ आत्मसात करके विक्रमी सम्वत का शुभारंभ दिवस है।
- इसी दिन स्वामी दयानंद की ओर से आर्य समाज का स्थापना की गई।
- इसी दिन पावन पुनीत चेत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस है।
- इसी दिन डा. हेडगेवार का जन्मदिवस है।
- इसी दिन ब्रहमा की ओर से सृष्टि की रचना का दिन है।
- इसी दिन महर्षि गौतम जयंती का जन्मदिन है।
- इसी दिन झूलेलाल भी अवतरित हुए थे।
- इसी दिन महाराज युधिष्टिर का राजतिलक भी हुआ था।
- इसी दिन सिखों के पांचवे गुरू अंगदेव का जन्म हुआ था।

उपरोक्त गौरवशाली एवं ऐतिहासिक घटनाएं चैत्र एकम से जुडी हुई है। आइये अपने देव पुरूषों, महापुरूषों की गौरवशाली परम्परा को महोत्सव के रूप में मनाएं।
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