Saturday, April 6, 2013

अब केवल एक इलाज शेष, यह नुस्खा नोट करो ।

जनता की निराशा को आशा में बदल कर अरविन्द जी, सफलता की ओर बढ़ रहे हैं. जनता के साथ, जनता के लिए,......
अरविन्द जी का उदेश्य पूरा होगा,......जरुर पूरा होगा ...
निस्वार्थ भाव से शुरु किया गया .....जन,... उत्थान का उद्देश्य,....विभिन्न नुक्कड़ नाटकों ,.... जन जागरणों ....आन्दोलनो ....से होता हुआ ...अब आ पहुँचा है ...वहाँ ......जहाँ आम जनता .....किसी की दया ....की मोहताज़ नहीं .....अपने आप में सक्षम और समर्थ है ....लोकतंत्र स्थापित करने के लिए .....स्वराज लाने के लिए ...

अरविन्द जी,  ने जनता को,....जनता की ताकत का अहसास कराया.  जनता में,.....ये जज्बा पैदा किया कि,....हाँ  भ्रष्टाचार से लड़ा जा सकता है.
जनता के सामने सरकार और सरकार की गोली-बन्दुक भी फेल हो जाती है. ये बात जनता के समझ में आने लगी है.
धन, बल और दारू-शराब से नहीं बिकने का भाव,..... जनता के मन में जिस दिन पैदा हो जायेगा, उस दिन अरविन्द जी का उद्देश्य सफल हो जायेगा......
ले भाँति-भाँति की औषधियाँ, शासक-नेता आगे आए ।
जाती - धर्म, लालच आरक्षण दे .....जनता को नाच ...नचाये ...
भ्रष्टाचार,   दूर नहीं कर पाए ॥
अब केवल एक इलाज शेष, यह नुस्खा नोट करो ।
जब खोट करो,..... मत ओट करो,.....
सब कुछ डंके की चोट करो,.....
जाती -धर्म को छोड़ ....जनता के मुद्दे पर ही वोट करो ......नागेन्द्र शुक्ल

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