Saturday, February 9, 2013

शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले,......सुना है ....तेने ....

दोस्तों, एक अपनी आँखों देखा वाकिया,
आम आदमी पार्टी के जमीनी और युवा कार्यकर्ताओं ने ...अपने अपने क्षेत्र ...में हर छोटे बड़े ...भ्रस्टाचार के खिलाफ मुहीम छेड़ रक्खी है .....वो लड़ रहे है ....और जनता के सहयोग से जीत रहें है ...दिन - प्रतिदिन ....हर रोज़ ...एक नया जुझारू कार्यकर्ता जुड़ रहा है ....
ऐसे ही एक कार्यकर्ता की ....एक पुलिस अधिकारी से हुई ..बात चीत का एक अंश ...आपसे शेयर कर रहा हूँ ....
थानेदार, सुधीर से -- शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले,......सुना है ....तेने ....
सुधीर -- वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा,.....हाँ
थानेदार -- ...हाँ यही तो ......तो तू ..बस मेले में जा ..मोमबत्ती जला ...और लोलिपौप ...खा ....शहीद मत बन .....
सुधीर -- अरे साहब ..जब शहीद ही न होंगे ...तो मेले कैसे लगेंगे .....आप जाना अपने बच्चे को ...कोई ऐसा मेला दिखाने कभी ....
थानेदार -- तो ..तेने ...ठान ली है शहीद होने की .....
सुधीर -- क्या करें ....अगर आप शहीद हो जाते ....जनता की भलाई पर ...तो मैं क्यों? होता ....और आप सुधर जाओ ..तो भी मैं क्योँ हूँ ......पर किसी न किसी को तो होना ही पड़ेगा ......आखिर मेले तो लगाने ही है न .....
थानेदार -- तो तू मानेगा नहीं .....
सुधीर -- तब तक तो नहीं जब आप नहीं मानोगे ....की आप गलत हो .....
..........
..........और भी बहुत कुछ ......अंत में ..
थानेदार -- भाई तू जा .......पर सम्हल कर रहियो .....मिलते रहेंगे ...
सुधीर -- साहब हमारी भी खबरे ....आपको मिलती रहेंगी ...तैयारी करते रहना ....

अंत में अब आप को बता दें की ...सुधीर जी आम आदमी पार्टी के बहुत ही सक्रीय RTI कार्यकर्ता है ....और आम आदमी पार्टी की ...तकरीबन हर छोटी बड़ी ...यूनिट में ...RTI कार्यकर्ताओं की टीम है .....आप अपने आस - पास हो रहे किसी भी भ्रस्ताचार के खिलाफ लड़ने के ....नजदीकी AAP कार्यालय से संपर्क कर .....उनके अनुभव और हिम्मत के ....साथ जुड़ कर ...कहीं भी लड़ सकतें है .....भ्रष्ट व्य्स्वस्था से ......

पहुँच रही है ...AAP ....हर गाँव ...हर जिले ...हर मोहल्ले में ...जल्द ही ....300 जिलों में ये कार्य प्रारम्भ हो चूका है .....आप अपनी किसी भी स्थानीय और सामाजिक ...परेशानी के ....निकटतम ..AAP कार्यालय से जुड़े ....और बदलें इस व्य्स्वस्था को .....
क्यूंकि जब तक आप खुद ..इस भ्रष्ट व्यवस्था से लड़ना नहीं ...शुरू करेंगे ....इसको बदलना मुश्किल होगा .....

अब सिखा है ....राजनीतिक पार्टियों को ...और बता रहें है जनता को .....की ...कैसे होनी चाहिए राजनीती .....और कैसे होने चाहये ...राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता .......किसी भी राजनीतिक कार्यकता ..का धर्म सिर्फ इतना नहीं होना चाहिए ...की अपने किसी नेता ...की रैली के लिए ...भीग इक्कठा करे ......या आपको ..अपने साथ ले जा कर ....वोट डालने के लिए बोले .....
राजनीतिक पार्टी का धर्म है ...की जनता की भलाई के लिए .....जनता को ताकत दे ....और कार्यकर्ता का धर्म की ....आपकी सच्ची/ सामाजिक हित की ....लडाई में आपका ..सहयोग ....

आप वोट किसी को भी दें ...ये आपकी मर्जी .....पर भ्रष्ट व्यवस्था से तो आपको ही लड़ना पड़ेगा ....
क्या किसी भी अन्य पार्टी .....के कार्यकर्ता .....कर सकते है ...आपक सहयोग ....और मार्ग दर्शन ......भ्रस्टाचार को उजागर करने में ?..........नागेन्द्र शुक्ल

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।
जन-जन के जीवन में फिर से
नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो।

नई प्रात है नई बात है
नया किरन है, ज्योति नई।
नई उमंगें, नई तरंगें
नई आस है, साँस नई।
युग-युग के मुरझे सुमनों में
नई-नई मुस्कान भरो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।।1।।
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