Sunday, February 17, 2013

देश की हालत भी .....देखिये ...

जिसने पाला इस देश की जनता को ....
जिसने खिलाया ही नहीं ....
कपडे भी पहनाये .....
आज़ादी  के लिए भी जिनके ...हासिये चले ....
आज़ादी के बाद गए कितने छले ....
कहाँ से कहाँ ला दिया किसान को .....
किसान की हालत तो देखिये ..
भ्रष्ट लोकतंत्र का तमाशा है ....
ये बस बाते करते है ....विकास तो देखिये
पल पल में बदलती इनकी भाषा देखिये
अब पता चला है ये (भ्रष्ट नेता) है कितने नापाक ....
कभी इनकी हकीकत भी देखिये ....
सिर्फ बातों से चलतें है .....
काम नहीं भीख ..दे सकतें है ....
नाकारा बना दिया ....मजदूर को .....
और भूखा मार दिया किसान को ....
जरा देश की हालत भी .....देखिये .....
...नागेन्द्र शुक्ल

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