Thursday, February 7, 2013

ईस्वर न करे की ..साबित करना पड़े ...किसी को वोट दिया की नहीं ?...

दोस्तों, समझ नहीं आता की कहाँ से शुरू करूँ सिर्फ 15 मिनट के समाचार देख कर .....ही पता चल गया की हम ..आम जनता क्या करतें है ...पर समझ ये नहीं आता की क्योँ करतें है ?....एक सीधा जवाब भी है जब एक सांप नाथ हो और दूसरा नाग नाथ ..तो बेचारा अनाथ करे भी तो क्या ...या तो सांप नाथ ...या नाग नाथ .....

अपने गाँव के पंचायत चुनाव में देखा था ....की लोग धर आते थे और  कहते थे की भाई जनेऊ की कसम खाओ की अपना वोट उसी को दोगे ....और भी लोग अलग - अलग की तरह की कसम खिलाते होंगे ...बहुत ही common सी बात है ...पर आज जो सुना वो देख कर दुःख और बहुत दुःख हुआ ....वोटर की हालत देख कर .....15/20 लोग हाँथ में पट्टी लिपटी ....

सिरह उठता है मन की ...कभी हमारे सामने भी ऐसा बुरा समय आ गया तो क्या करूंगा .....कैसे बचुंगा .....
गुजरात के एक नेता जी ने ...अपने ही कई समर्थकों के हाथ खौलते तेल में डलवा दिए ....ये विस्वास करने के लिए ...की उन्होंने नेता जी को वोट दिया था या नहीं ...अंध विस्वास ये की ...जिसने वोट दिया होगा उसके हाँथ नहीं जलेंगे ....

सोंचने की बात ये की ये 15/.20 लोग इतने मजबूर कैसे हो गये ...की इनको दलन ही पड़ा हाँथ ...खौलते तेल में ?....
सोंचने की बात ये भी है ....की ये नेता जी ..जो इनकी ही गली मोहल्ले और गाँव के रहने वाले है ....इतने ताकतवर कैसे हो गए ....किसने बना दिया इतना ताकतवर ?.....जनाब सोंचने की बात नहीं है ये .....

ये आपकी और हमारी ही कमजोरी है ....जिसने इनको इतना ताकतवर और निरंकुश बना दिया .......

ये आपकी और हमारी ही कमजोरी है ....जिसने इनको इतना ताकतवर और निरंकुश बना दिया .......

किताबों में पढ़ा था ....कहानियों में सुना था ..की राजा था हिरनकश्यप ....जिसने कुछ ऐसा ही किया था प्रहलाद के साथ ....उसको विवस किया एक गर्म तपते ...लोहे के खम्बे से बाँधा .....वहां तो प्रहलाद बच गए थे ...स्वयं भगवान् प्रगट हुए थे ....नरसिंह रूप लेकर ...उसको बचने के लिए ....

पर इन्हें बचाने के लिए कोई नहीं आया ....क्योँ ?.....क्योकि ....दो कारण है
एक वो सतयुग था वहाँ ...सिर्फ दो तरह के लॊग थे एक जिनको भगवान पर या तो पूरा भरोषा था ..या बिलकुल नहीं ....ये आज कल की तरह नहीं ....की गंगा स्नान तो करना है ...पर ठण्ड न लगे इसलिए गर्म करके ...

दूसरा, ये कलयुग नहीं वास्तव में ......कर (हाँथ) युग है ....अर्थात ..यहाँ अब ईश्वर ....सिर्फ उन्हीं की मदद ...करतें है ...जो खुद की मदद की कोशिश करतें है ....

जिस वक्त, इन नेता जी ने फरमान सुनाया होगा ...की खौलते तेल में हाँथ दाल कर अपनी वफ़ादारी सिद्ध करो ....
उसी वक्त, अगर ये लोग ....ये सवाल करते की ..नेता जी आपने तो पक्का अपना ...वोट खुद को ही दिया होगा ..पहले आप सिद्ध करो .....की ये ही सही तरीका है ...सत्य को उजागर करने का .....

खैर ...कंप्यूटर के सामने बैठ कर मैं भी ...अकलमंद और साहसी बनने की कोशिश कर रहा हूँ ....अरे सीधी सी बात है ...की जिसके हाथ ......खौलते तेल में जाने वाले होगे .....उस वक्त ...उसका दिमाग भी चला होगा ....और पूरा साहस ...भी रहा होगा .....

पर सोंच कर दुःख ....होता है की ....कितना मजबूर रहा होगा ...की सब समझने ...के बाद भी प्रतिकार नहीं कर पाया होगा .......
अब सोंचिये, क्योँ ?...नहीं कर पाया होगा ...क्योंकि ..उसको पता था ..की अंधेर नगरी है .....कोई नहीं सुनाने वाला ...ना ही इससे बड़ा नेता ....और ना पुलिस .....और अंतिम आशा ...इन नेता जी का विपक्ष ...पर अब वो अंतिम आस .....भी कहाँ बची है ...आम जनता के सामने .....इनके मिले झूले और चार कम पर आधारित .... राजनीतिक सोंच के अविष्कार के सामने ........

ईस्वर न करे की ...जो अभी सोंचता है ..की कुछ करने की जरुरत नहीं ......कुछ नहीं हो सकता इस देश का ....उसे जिन्दगी में ये साबित करना पड़े ...किसी को वोट दिया की नहीं ?........कुछ ऐसे लोकतंत्र को सह रहे है हम .....यही है ..हमारे इस सोंच का इनाम की ....राजनीती अच्छे लोगों का काम नहीं ........

तो एक सवाल है ...की ऐसे लोग क्या सोंचते है ....की उनको पढ़ लिख कर पुलिस/ IAS /IPS /इंजीनयर /doctor या फिर कुछ और बनना चाहिए ......तो फिर एक बार आप गलत हो .....

हमारे उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश ....बनाने का सपना दिखने वाले .....युवा CM अखिलेश जी ...जी के राज में ...एक SP घूस लेने से मना करे तो ..तबादला ...और ये SP साहब इतने ईमानदार ...की पिचले 15 साल से SP के SP ही रहे ...और महानगर से .....छोटे - छोटे तहसील ....में पहुंचते रहे,.....और तबादला करवाने ...वाले विधायक जी ....मंत्री बन गए .....आज ....

दूसरे विधायक जी ....एक CMO को आधी रात उनके घर से ही उठा ....ले गए, मारा पीटा ...हंस्ताक्षर करवा कर छोड़ गए ....
अब आप ही ..सोंचो ..की क्या बनोगे ...या अपने बच्चे की क्या बनाओगे .......की सम्मान से जी पाए ...नागेद्र शुक्ल

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