Tuesday, February 12, 2013

मुझे सिर्फ एक रास्ता दिखता है और वो है आप (AAP)....आपको ?....कोई और तो क्यों ? कैसे ?

ऐसा नहीं है की हमारे देश में आज तक कोई अच्छा नेता हुआ ही नहीं .....और ऐसा भी नहीं है आज हमारे पास कोई अच्छा नेता है ही नहीं .....
पर परेशानी की बात ये है .....कुछ राजनीतिक कुचक्र ऐसा तैयार ...किया गया है ...या हो गया है ....की या तो अब राजनीती से, अच्छे लोग दूर भागतें है .......या फिर राजनीती में वो अपना कद कभी,... बना ही नहीं पाते .....
ऐसे अच्छे लोग हो सकता है ......की सभी पार्टीयों में हों एक दो ....पर उनकी राजनीती ...सिर्फ टाट पट्टी बिछाने से शुरू होती है ....और एक समय के बाद .....अवसाद में जाकर ....गुमनामी में खो जाती है .....

कारण सिर्फ दो
1. की आज की राजनीती में आगे बढ़ने के लिए .....सिद्धांत, संवेदना और आदर्श और विचार नहीं चलते .......चलती है तो सिर्फ ताकत ....सिर्फ पैसा ....सिर्फ मिली भगत .....अच्छे लोग कभी आगे बढ़ ही नहीं सकते ...एक ऐसी दीवार खड़ी कर दी है इन नेताओं ने मिलकर .....और इसी का प्रभाव है ...की आम आदमी ...अच्छा आदमीं दूर होता गया ...राजनीती से ....और ये स्थिति बद से,......बदत्तर हो चुकी है ...क्यूँ ?
2. हमारी आपकी निष्क्रियता ने इसे .....वोट बैंक की राजनीती बना दिया है ...और वोट बैंक भी विकास, ईमानदारी और जनहित का नहीं ......वरन पैसे, जाती और धर्म का ....हालात यहाँ तक पहुंचा दिए है ...की आम आदमी ....अच्छा आदमीं राजनीती में भाग लेना तो दूर की बात ......वोट तक देना भी पसंद नहीं करता .....और शायद आपकी इसी सोंच का फायदा उठातें है ये ....

तो ये बात तो साफ़ है ....की अगर कुछ बदलना है ...तो आपको ही आगे आना पड़ेगा ...किसी और से कोई उम्मीद नहीं .....
और इसी बात को समझते हुए ...आम आदमी पार्टी (AAP ) के संविधान में ....प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में ऐसा प्राविधान है ....की AAP से सिर्फ अच्छे और सच्चे व्यक्ति को ही ....चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है ....और यही नहीं ....यधि गलती से या किसी तरह का जुगाड़ - तुगाड़ लगा कर कोई गलत व्यक्ति .....सामने आ भी जाता है ...तो उसे तत्काल हटाने का भी समुचित प्राविधान है ....

और इन्हीं सब वजहों से AAP ...इस बात को पूरी ताकत और हिम्मत से बोलती है ....की हम राजनीती करने नहीं बदलने ......आ रहें है ......और अब सब कुछ आपके सामने है ...और ये भी की इसे बदलना ...कितना आसान है .....

अब आपके सामने ये भी है ...की ये भ्रस्ताचारी ....कितने कमजोर है ...बस आपको एक बार ठानना है ...की अब इनको नहीं सहना है ....और ये भाग लेते है ...उन मुद्दों से ....और करने लगते है ..इधर उधर की बाते ...तेरी साडी - मेरी साडी - ज्यादा सफ़ेद - कम सफ़ेद ...वगैरह वगैरह ....

अब इस राजनीतिक कुचक्र का टूटना अवश्संभावी है .......बस आपको आगे आना है ....बांकी सब आपके साथ है .....

वैसे तो हमारे देश ने काफी सारे अच्छे और समझदार और संवेदनशील ...नेताओं को देखा है ...पर पिचले कुछ समय से आपके सामने है ...की किस तरह के लोग सत्ता में आते है ...जिन्हें ना ही जनता से मतलब है ...ना ही किसी विचार धारा से ....

बस जब जहां जैसा मौका पड़ा ...कुछ भी बोल दिया ....सिर्फ अपने वोट बैंक को बचाने के लिए ....

कुछ समय पहले मैं ऐसा सोंचता था की कुछ पढ़े लिखे ....और युवा लोग .....राजनीती में आयेंगे तो शायद सुधार होगा .....
मेरी ये सोंच अभी भी ...सही है ...पर गड़बड़ ये हो गयी ....की जिन युवाओं को आपने चुना ......या यूँ कहे ....की आपको चुनने के लिए मजबूर किया गया ....उन्होंने देश की जनता को ......निराश ही किया .....

अब आपके सामने है ...एक तो राहुल गाँधी जी ....जिनके बारे में क्या बोलूं ...सब आपको पता है ....
दूसरे है .....अखिलेश यादव जी ....अजीब बात ये है ...की मैं कल से लगातार इनको TV पर statement देता सुन रहा हूँ ....पर पता नहीं क्यों ....हर बार मुझे कुछ ऐसा अहसास होता है ..की ये सिर्फ दो बातें बता रहें है .....की
कितना पैसा दिया ?.....और बस कभी इसको धमकी ...कभी उसको धमकी ........मैं जब भी इनको सुनाता हूँ ...गुस्सा आता है ...इनकी भाषा ...चहरे के भाव जिनसे घमंड ..झलक रहा होता है ....को देख और सुन  कर ....
हो सकता है की ये सिर्फ मेरी द्रष्टि ...का दोष हो ...इसलिए आप से ..आपकी राय जानना चाहता हूँ .....नागेन्द्र शुक्ल


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