Monday, February 18, 2013

नफे नुक्सान की बात सोंचतें है ....अजीब है ....



एक शुभ चिन्तक से,.....बात चीत में पता चला की अरविन्द जी ने एक साथ सभी के खिलाफ चाहे,.... वो कांग्रेस हो, बीजेपी हो, अम्बानी, अदानी या फिर मीडिया 
बोल कर ...अपने पैरों में कुल्हाड़ी मारी है ...इससे उनको बहुत नुकसान हो रहा है ....इनका मानना है की अरविन्द जी को ऐसा नहीं करना चाहिए था .....

तो मेरा मानना है ....लोग भी अजीब है ....
अरविन्द जी के बारे में नफे नुक्सान की बात सोंचतें है ....अजीब है ....
अरे अगर अरविन्द जी ...को नफे नुक्सान की चिंता होती ...तो रास्ते और भी थे .......और बहुत आसान भी ....
पर अरविन्द जी, कब कोई काम ...निजी या व्यक्ति विशेष के ...लाभ के लिए किया ?....

उन्हें तो सिर्फ ....व्यवस्था सही करनी है ....जनता को जगाना है ....भ्रस्ताचार को भागना है ....फायदा नुकसान तो वो सोंचे ...जो व्यवसाय कर रहा हो .....अरविन्द जी, (AAP ) तो सिर्फ ...व्यवस्था का ईलाज ...करने की कोशिश कर रहे है ....
अरविन्द जी कभी ....किसी का विरोध नहीं करते .......मेरी समझ से ....वो सिर्फ भ्रास्टाचार ...का विरोध करतें है ....और उसे उजागर ....अब ऐसा करने ...से कौन खफा होगा ...कौन खुश ...इसकी परवाह तो वो करे .....जिसका कोई स्वार्थ जुड़ा हो ....

अरविन्द जी, तो सिर्फ आम आदमी की भलाई चाहते है ....सच्चा लोकतंत्र ...एक समर्थ व्यवस्था चाहतें है .....एक पारदर्शिता चाहतें है .....अब ऐसा करने में ....चाहने में ....किसका साथ मिलेगा ....और किसका विरोध झेलना पड़ेगा ....ये उस पर निर्भर है .....उसकी नियत पर निर्भर है ....किसी और चीज़ पर नहीं ....AAP ना ही आज ....और ना ही भविष्य में ...किसी को कुछ नहीं देगी .....सिवाय ...एक स्वस्थ समाज .....चुस्त व्यवस्था .....सच्चे लोकतंत्र और सामूहिक विकास के .....आलावा ......इसलिए ऐसा कुछ सोंच कर .....
ये बताना की क्या सही था क्या गलत ....सही पैमाना हो नहीं है ....AAP की विवेचना करने का ......

खुदा बसता है,.... खुदा के बन्दों में
बस यही याद रखना है

हो एक स्नेह,.....और  स्निग्ध साथ
बढे हर ओर,.....एक मदद भरा हाथ
ना समझे,.....कोई हारा
खुद को, किस्मत का मारा
नोट नहीं, पद नहीं, प्रतिष्ठा नहीं
बस हो इंसान प्यारा ....
कुछ ऐसा बने ....संसार हमारा

कहतें है ये,... किताबी बातें है .....
हकीकत से कोई नाता नहीं,...
मैं क्या करूँ ......नफा नुकसान
ऊपर नीचे ......मोल भाव .....
है ये व्यवसाय  बड़ा मुश्किल ....
ये मुझे,...... आता ही नहीं ..... ......नागेन्द्र शुक्ल
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=538790752810727&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater

No comments:

Post a Comment