Monday, October 15, 2012

संसद मार्ग से धरना समाप्त.....हमारा असर....

दोस्तों, ....कल अरविन्द जी, ने संसद मार्ग पर अपना ....धरना....समाप्त किया.....तो कुछ ज्ञानियों के मुंह से निकला कि.....इनकी आदत है ....छोड़ देने की.
हम आप से ......पूँछना चाहतें है ......क्या ये ज्ञानी ....सही हैं ?
आप अपने विवेक से सोचो........मेरा तो उत्तर .......सिर्फ ना है ? अरविन्द जी....ने हिम्मत दिखाई .........उन्होंने हमें साहस दिया ......लड़ने का और बोलने का....
इसका ...फर्क साफ़ है........हरियाणा के IAS अफसर अशोक खेमका जी .....ने 21 सालों में 40   तबादलों का ......सचिन तेंदुलकर जैसा .................कीर्तिमान बनाया है .......
और जनता को ये बताया है की ........सरकार के दामाद को ....................दलित की जमीन कैसे दी गयी........और.......
फिर जा कर ४१वे ....का विरोध किया......................और बिना किसी डर और जिझक  के  बोंले ............"अब पानी सर से ऊपर जा रहा है " .............
बोलना ही पड़ेगा.....हमारा सलाम है इस ......अफसर को.....और मेरा समर्थन भी.......
आपका ?
ये चिंगारी तो अशोक खेमका जी....के अन्दर हमेशा से रही होगी...........पर हवा किसने दी .......कौन है वो ?....आप सोंचों......और बोलो ||

अरविन्द जी, ने हममें ....अब इतना साहस भर दिया है कि........अब हम नहीं रुकने वाले.....आगे और आगे ही बढ़ेंगे........
अब हम राजनीती कर रहें है ........हाँ हम राजनीती कर रहें है ......अब दुबारा मत पूँछना........(कुछ याद आया क्या ?).....

अब हम आगे बढ़ेंगे ........जिस लोकतंत्र की ये हत्या कर चुके है........और जब डर जातें है ................तो उसी के शव (लाश) .......के पीछे जा कर चुप जाते है............और इस लाश को ढाल बना......पीछे से चिल्लातें है ||

पर अब हम समझ गए हैं इनकी चाल .........अब हम नहीं फंशने .......वाले......
अब हम आगे बढ़ेंगे .........इस लाश में........जान फूंकेंगे........लोकतंत्र को पुनः .....जिन्दा कर.......पूरी ताकत से स्थापित करेंगे......और इतनी ताकत देंगे कि.....फिर कोई इसको .......घायल तक ना कर पाए ||........

करेंगे ना ? ........इससे बेहतर ....दूसरा....अवसर नहीं आएगा ||

रही बात सलमान जी, के इस्तीफे कि..........तो अब हम ऐसे लोंगों को............किसी भी ऐसे पद पर ही नहीं आने देंगे.......कि हमको इन् जैसों  के सामने ......कुछ माँगना पड़े....कुछ भी .......माँगना पड़े ||
और राबर्ट बदरा जी ..............उनके लिए ...तो अब अशोक खेमका जी....ही काफी होंगे......
होंगे जरूर होंगे.......अगर हमने.........साथ दिया......देंगे ना ?

और अरविन्द जी, हमारे सेनापति.........अरे कल 17 तारिख है..........17 ......अब अगले को पकड़ेंगे.......और करेंगे जनता के हवाले.......अरविन्द जी ...आप एक एक कर के बताते रहो.......बस....
और सबक तो हम सिखाते रहेंगे.........क्योँ दोस्तों ....सही कहा ना ......

अब सबक हम सिखायेंगे..........हम कौन...........आम आदमी..........
.........नागेन्द्र शुक्ल.

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