Saturday, October 13, 2012

......अरविन्द जी हम आ रहें है || ......और हम भी आने वाले है ......आपके साथ...

न्यूज़ चंनेल्स पर....तक़रीबन सभी एंकर...बोलतें है कि आप राजनीती कर है है.....
और अरविन्द के साथी....बार बार....पूरी जिम्मेवारी और सिद्दत के साथ स्वीकार करतें है ...........
और कहतें है की हाँ ..."हम राजनीती कर रहें है" फिर भी पूंछा करते है.....
अरे मेरे मीडिया के ज्ञानीयों..............और जनता के विपक्षी नेताओं.......
कितनी बार बोले......हाँ "अब हम राजनीती कर रहे है"......और पूरी ताकत से साथ बोलने के आलावा हम....इनको ये याद दिलाना चाहतें है और पूँछना चाहतें है की
मजबूर किया किसने ?
हाँ, हम कर रहें है राजनीती........और राजनीती ऐसे ही होगी......तुममे है हिम्मत तो ......तुम भी कर के दिखाओ ?
अब जनता जाग गयी है......और ऐसी जागी है की .....तुमको भी सोने नहीं देगी |
तुमको हम ...सिद्ध कर चुके है कई बार कर चुके है की तुम .......
झूंठे हो .........भ्रस्टाचारी हो.....आत्याचारी हो......नैतिकता विहीन ......और व्यभिचारी हो ......
अब क्या क्या बोंले......आप नेता हो...बस बोल दिया.......

चलिए अब काम की बात करतें है.......अरविन्द जी के कुछ (कुछ इसलिए की ये वाकई में कुछ ही है.....
अगर ....काफी की बात की तो....पूरी दिल्ली......और
अगर सब की बात की तो ......पूरा............ देश (बस नेताओं और उनके चमचों को छोड़कर )
संसद मार्ग पर ही डटें है.......

भाइयों, और सरकार का फ़ॉर्मूला तो पाहिले से ही exposed है......देर लगाओ.....और थका दो......इतना समय लगा दो की लोग बोर जाये.....और छोड़ दें||
इनका ये फ़ॉर्मूला ..........अरविन्द जी के आने से पाहिले....कारगर भी था.....
पर इन् लोंगो से गलती हो गयी ..........बहुत बड़ी हो गयी ......

की ......(fill In the blank क्योंकी मुझे ....वो जो धोबी के पास होता है...याद नहीं आ रहा है ) ने उनको ही राजनीती में....न्योंता दे दिया......
जो अभी तक वोट देते थे.............सही कहा ना?

और ऊपर से जनता का सेनापति........अरविन्द जी ...वाह वाह क्या बात है ...........इतना हिम्मत वाला की .........कभी 15 दिन की छुट्टी ले कर लिखूंगा.......छोटा काम नहीं है...
इनका ये फ़ॉर्मूला....काम नहीं कर पायेगा.......क्योंकि अब हमें.........याद आ गयी एक कहानी है

की ....कबूतर... ले उडे थे....शिकारी का जाल...

बस भरी थी हुंकार.....और ....किया था .....

एक साथ....प्रयास ||

आओ मिल जाएँ......भरें हुंकार......

करैं प्रयास ....भगाएं.....भ्रस्टाचार |||

इस महायज्ञ में ......देनी है...आहुति....

और करना है .....सतत प्रयास ||

जागते रहो.......जागते रहो |

कदम कदम....बढ़ाते रहो ||

घर से निकलो.........संसद मार्ग चलो |

पहुँचो....और खाना ले कर जाओ, बिस्तर ले कर जाओ....और डटे रहो...........

डटे रहो..............जब तक हमारा ....सेनापति .....खड़ा है...........

में निवेदन करता हूँ सभी से ...........

इस महायज्ञ में ......देनी होगी...आहुति....और करना है .....सतत प्रयास ||

..........अरविन्द जी हम आ रहें है || ......और हम भी आने वाले है ......आपके साथ.....

ये हम कौन ?.............अरे जनाब भूल गए.................आम आदमी

............. - नागेन्द्र शुक्ल
अरविन्द जी हम साथ है ||

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